सागर: पिछले तीन-चार दिनों से मौसम में आए अचानक बदलाव के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गयी हैं, क्योंकि बुंदेलखंड में मौसम में बदलाव के साथ कई इलाकों में बारिश भी हुई है. बारिश के कारण माना जा रहा है कि रबी सीजन की कुछ फसलों को नुकसान होता है. जिनमें चना, मसूर और सरसों जैसी फसलें शामिल है. वहीं, दूसरी तरफ सब्जियों के भी नुकसान की आशंका लगायी जा रही है. हालांकि कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम साफ होने के बाद किसान कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेकर फसलों के उपचार के लिए दवाईयों का प्रयोग कर सकते हैं.
बुंदेलखंड में कई जगह बारिश से बढ़ी चिंता
पिछले दिनों पूरे प्रदेश सहित बुंदेलखंड में अचानक से मौसम में हुए बदलाव के कारण रबी सीजन की फसलों पर नुकसान देखने मिल सकता है. कृषि मौसम वैज्ञानिक के अनुसार पिछले दो दिनों से अधिकतम तापमान 20 से 24 डिग्री के बीच और न्यूनतम तापमान 7 से 8 डिग्री के बीच रहने के कारण रात और दिन के तापमान में गिरावट देखने मिल रही है. जिसके कारण आसमान में कोहरे की स्थिति बनी हुई है.
मौसम में बदलाव के कारण चना और मसूर की फसलों को नुकसान की संभावना है, क्योंकि तापमान बढ़ने और आद्रता कम होने से फसल में कीट लग सकते हैं और बीमारियां भी हो सकती हैं. वहीं, सब्जी की फसलों में भी बीमारियों का प्रकोप हो सकता है और सरसों की फसल में माऊ की संभावना है. इसके अलावा गोभी वर्ग की सब्जियों में भी नुकसान हो सकता है.
- वेस्ट डिस्टर्बेंस से बढ़ने जा रही ठिठुरन, इन जिलों में पड़ने वाला है पाला, ऐसे बचाएं फसल
- मवेशियों ने खेत में घुसकर छककर खाई गोभी, सब्जी की खेती ने बड़वानी के किसानों को रुलाया
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से करें उपचार
कृषि विभाग के सहायक संचालक जितेन्द्र सिंह राजपूत बताते हैं कि "लगातार कोहरे के कारण कुछ फसलों को नुकसान की संभावना हो सकती है. पाला पड़ने की संभावना के कारण किसान भाई अपनी मेढ़ों पर एहितायात के तौर पर धुंआ कर सकते हैं. इसके अलावा मौसम खुलने के बाद कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से फसलों का उपचार करें. किसानों को सलाह है कि कोई भी ऐसी दवा या कीटनाशक का प्रयोग ना करें, जिनके बारे में उन्हें जानकारी ना हो."