धार: पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में यूनियन कार्बाइड भोपाल के जहरीले कचरे को जलाने की सुगबुगाहट को लेकर एक बार फिर विरोध शुरू हो गया है. दरअसल यहां 12 फरवरी को महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर पीथमपुर बचाओ समिति के 12 सदस्यों ने गांधीवादी तरीके से शव सत्याग्रह कर अपनी नाराजगी जाहिर की.
शव की मुद्रा में लेटकर 12 मिनट तक जताया विरोध
प्रदर्शनकारियों ने बुधवार 12 फरवरी को 12 बजकर 12 मिनट पर शव की मुद्रा में लेटकर 12 मिनट तक विरोध जताया. हालांकि गुरुवार को ही यहां पीथमपुर लाए गए कंटेनर अनलोड किए गए हैं यानि इन 12 कंटेनरों को ट्रक से उतारा गया है. जिसे हाईकोर्ट की अनुमति के बाद ही जलाया जाएगा.
'पीथमपुर में जला कचरा तो होगा आंदोलन'
अनूठे तरह के विरोध प्रदर्शन को लेकर पीथमपुर बचाओ समिति के अध्यक्ष डॉ हेमंत हीरोले ने बताया कि "1 जनवरी 2025 की रात को भोपाल से 12 कंटेनरों में जहरीला कचरा रामकी एनवायरो कंपनी में लाया गया. अगर इस कचरे का निपटान पीथमपुर में किया गया तो पूरा शहर और आसपास के गांव गंभीर प्रदूषण की चपेट में आ सकते हैं. चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इसे रोकने के कदम नहीं उठाए तो बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा."
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'सांकेतिक शव आसन लगाकर सरकार को चेतावनी'
सामाजिक कार्यकर्ता संदीप रघुवंशी ने कहा कि "12 फरवरी को 12 बजकर 12 मिनट पर 12 शव का सांकेतिक आसन लगाकर प्रशासन के साथ सरकार को चेताया है. हम चाहते हैं कि यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में न जले इसका निपटान और कहीं किया जाए जिससे पीथमपुर में शांति बनी रहे. प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर आम लोगों की परेशानी और भविष्य आधारित खतरे को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया. यदि सरकार और प्रशासन ने इस मामले को हल्के में लिया तो आगे आंदोलन तेज किया जाएगा."