श्योपुर। विजयपुर से 9 किलोमीटर दूर घने जंगल में चमत्कारी छिमछिमा मंदिर पर इस साल 22 अगस्त को मेले का आयोजन नहीं होगा. यहां धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक रहेगी. राज्य शासन के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में रोक के निर्देश के बाद छिमछिमा मंदिर पर लगने वाले मेले पर भी रोक लगा दी है. छिमछिमा मंदिर पर हनुमान जी की चमत्कारी मूर्ति है, जो कि स्वयं भू है.
मंदिर परिसर में एक चमत्कारी कुंड भी है, जिसका पानी कभी नहीं सूखता. यहां भीषण गर्मी पड़ने पर सभी तालाब और कुएं सूख जाते हैं, लेकिन कुंड कभी नहीं सूखता है. इस पानी से कई लोगों की बीमारियां दूर हुई हैं. जानकारी के मुताबिक यह पहला मौका है, जब 200 साल से लगने वाला मेला इस बार नहीं लगेगा.
हनुमान की शक्ति से अंधी हुई थी औरंगजेब की सेना
इस मंदिर पर भाद्रपद माह के शनिवार और मंगलवार को हर साल एक मेला का आयोजन होता है, जिसमें करीब पांच लाख श्रद्धालु आते हैं. जानकारों ने बताया कि औरंगजेब जब भारत के सभी मंदिरों पर आक्रमण कर रहा था, तब औरंगजेब की सेना ने इस मंदिर पर चढ़ाई करने की कोशिश भी की थी, बताया जाता है कि छिमछिमा हनुमान जी की शक्ति से औरंगजेब की सेना अंधी हो गई और इस मंदिर से उल्टे पांव भाग गई. मंदिर की उत्तर दिशा में अभी भी सेना और तोफ गोलों के निशान चट्टानों पर देखे जा सकते हैं.
छिमछिमा मंदिर मेला पर प्रतिबंध
SDOP यश बिजोरिया ने बताया कि इस बार छिमछिमा मंदिर पर लगने वाला मेला कोरोना वायरस के चलते प्रतिबंध कर दिया गया है. इस मेले में ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी जिले के हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं. इस मेले में अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु आते हैं, लेकिन इस साल मेला प्रतिबंध कर दिया गया है. 22 से 25 अगस्त तक विजयपुर की सभी सीमाएं लॉक रहेंगी.
उन्होंने बताया कि आसपास के सभी थाना प्रभारी की ड्यूटी लगा दी गई है. पुलिस लाइन से फोर्स को भी बुला लिया गया है. कोरोना वायरस के चलते भीड़ इकट्ठा न हो इसलिए यह तैयारी कर ली है. SDOP ने सभी लोगों से अपील की है कि मेले में कोई ना आए और यदि कोई आता है तो उसके वाहन पर चलानी कार्रवाई की जाएगी.