शहडोल। आदिवासी बाहुल्य जिले में धान की खेती सबसे ज्यादा रकबे में की जाती है, खरीफ के सीजन में जिले में सोयाबीन, मक्का, उड़द जैसी फसलें भी लगाई जाती हैं, लेकिन धान की खेती ज्यादातर किसान करते हैं, खरीफ सीजन की खेती का रकबा सबसे ज्यादा होता है, पिछले कुछ दिनों से जिले में कहीं-कहीं बारिश का दौर देखने को मिला. बीते मंगलवार को तो चार-पांच घंटे अच्छी बारिश हुई, जिसके चलते कुछ किसानों के लिए यह बारिश जहां खुशी लेकर आई तो कुछ किसानों के लिए गम लेकर आई. किसानों की सबसे बड़ी चिंता यह थी कि अगर बारिश का दौर अगले चार-पांच दिन तक और रहता है तो बड़ी मुश्किल खड़ी कर देगा, इस बीच किसानों के लिए एक अच्छी खबर है.
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अगले 5 दिन का मौसम रिपोर्ट
मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी के मुताबिक अगले 5 दिनों तक जिले में बारिश का अनुमान नहीं है और मौसम साफ रहने की संभावना है. आज पूरे दिन अच्छी धूप खिली रहेगी और आसमान में बादल भी नजर नहीं आएंगे. हल्की-हल्की ठंडक भी महसूस हो रही थी. मौसम वैज्ञानिक की मानें तो यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हुई है.
बारिश से कहीं खुशी कहीं गम
वैसे तो पिछले दो-तीन दिन से जिले में थोड़ी बहुत कहीं-कहीं बारिश हो रही थी, लेकिन बीते मंगलवार को करीब 3 घंटे अच्छी बारिश हुई, जोकि उन किसानों के लिए सुखद रही, जिन्होंने धान की फसल देरी से लगाई थी और फसल पकने के कगार पर थी, जबकि उन किसानों के लिए गम लेकर आया जिनकी फसल कटकर खेतों में पड़ी है या फिर धान की फसल पकी हुई है और खेत पर ही गिर गई. वहीं कुछ किसानों के सोयाबीन की फसल भी कटकर खलिहान में रखी थी, उनके लिए भी बारिश नुकसानदायक रही. अब किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि लगातार चार पांच दिन और बारिश होती है तो फसलें चौपट हो जाएंगी. मौसम विभाग ने अगले 5 दिन में जो बारिश नहीं होने की संभावना जताई है, वह किसानों के लिए एक सुखद है.
शहडोल जिले में बारिश की स्थिति
वैसे देखा जाए तो शहडोल जिले में मौजूदा साल बारिश तो ठीक-ठाक हुई है, लेकिन आखिरी में जब फसल पकने के कगार पर थी, उस वक्त बारिश की कमी हो गई, जिसके चलते धान की फसल में किसानों की मानें तो लगभग 25% तक उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है, खासकर उन धान की फसलों में जो ऊंचहर खेतों में लगाई गई थी, बारिश की स्थिति पर नजर डालें तो जिले में हर साल औसतन वर्षा 1200 मिलीमीटर के करीब होती थी, अब तक जिले में करीब 970 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है, जोकि हर साल के औसत बारिश से भी कम है और अब फसल पकने के बाद अचानक बारिश का दौर शुरू हो जाने से किसानों की चिंता एक बार फिर से बढ़ गई है.
2 लाख हेक्टेयर में धान की खेती
जिले में खरीफ के सीजन में आसमानी वर्षा आधारित खेती की जाती है और अधिकतर किसान खरीफ के सीजन की खेती करते हैं. खासकर धान की खेती ज्यादा रकबे में की जाती है, शहडोल जिले में लगभग 2 लाख हेक्टेयर रकबे में धान की फसल लगाई जाती है, कुछ जगहों पर जहां धान की फसल पकने की कगार पर है तो वहीं अधिकतर धान की फसल पक चुकी है, कहीं-कहीं कटाई भी शुरू हो चुकी है. ऐसे में अगर बारिश की झड़ी लग जाती है तो किसानों का काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है.