सागर। जगत जननी मां दुर्गा की उपासना की कई तरह की पद्धतियां देखने को मिलती हैं. खासकर नवरात्रि के अवसर पर मां शक्ति के उपासक तरह-तरह की प्रतिज्ञा लेकर माता को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद लेते हैं. जिले के रेहली विकासखंड के चांदपुर गांव में एक युवक ने मां की साधना और भक्ति का कठिन रास्ता चुना है. युवक ने नवरात्रि के अवसर पर अपने शरीर पर जवारे बोकर कठिन साधना की शुरुआत की. इसके लिए युवक ने 20 दिन पहले से अन्न-जल त्याग कर नवरात्रि के पहले दिन से अपने शरीर पर जवारे बुवाए हैं. नवरात्रि के दौरान वह सिर्फ थोड़ा सा पानी पीकर मां की आराधना कर रहे हैं।
कठिन साधना के लिए पहले से की तैयारी : जिले की देवरी विकासखंड के सोना सिंगपुर गांव के रहने वाले धर्मेंद्र विश्वकर्मा ने मां जगत जननी की आराधना का कठिन रास्ता चुना है. धर्मेंद्र विश्वकर्मा रहली विकासखंड के चांदपुर गांव के अपने गुरु भाई कमलेश कुर्मी के यहां पहुंचे और उन्होंने स्थानीय घाटा देवी की आराधना की इच्छा जताई. अपने गुरु भाई की सहमति के बाद उन्होंने नवरात्रि के 20 दिन पहले से कठिन साधना की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने 20 दिन पहले से ही अन्न- जल त्याग दिया.
दूर-दूर से पहुंच रहे हैं भक्त : नवरात्रि के शुभारंभ से धर्मेंद्र विश्वकर्मा ने अपने शरीर पर जवारे बोकर मां की कठिन साधना की शुरुआत की. पिछले 8 दिनों से एक ही मुद्रा में लेटे धर्मेंद्र विश्वकर्मा दिन में दो-चार चम्मच जल ग्रहण करते हैं. इसके अलावा वह कुछ भी नहीं लेते. उनकी कठिन साधना देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं और दिन-रात भक्तिमय माहौल देखने को मिल रहा है.
नवरात्रि में तरह-तरह के व्रत लेते हैं माता के भक्त : मां जगत जननी के भक्त और शक्ति के उपासक मां को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के अवसर पर तरह-तरह के व्रत करते हैं. कोई 9 दिनों तक सिर्फ पानी पीकर व्रत करता है, तो कोई जूते चप्पल त्याग कर भीषण गर्मी में कामकाज करता है. इसी तरह से लोग अपने शरीर पर जवारे बोकर मां की कठिन साधना करते हैं. (Tough worship of Maa Durga) (Before Navratri renounced food and water)