सागर। दुनिया में सांपों की लाखों प्रजातियां है. कोई सांप विशालता तो कोई खूबसूरती और कोई अपने घातक जहर के लिए मशहूर है. वैसे तो अनाकोंडा प्रजाति के सांपों को सबसे बड़ा माना गया है, लेकिन अजगर दादा के स्वरूप की जो चर्चा सागर शहर और बाघराज मंदिर पहुंचने वाले भक्तों और श्रद्धालुओं में होती है.(sagar baghraj mata temple) शहर के बाघराज देवी मंदिर स्थानीय लोगों के लिए विशालकाय अजगर डर और दहशत की वजह नहीं बल्कि आस्था का विषय है. (sagar baghraj mata mandir Azgar dada) लोग अजगर दादा को ईश्वर का स्वरूप मानकर पूजा करते हैं. फिलहाल खास बात यह है कि, तीन दिन पहले अजगर दादा के दर्शन की चर्चा ने फिर जोर पकड़ा है. कहा जा रहा है कि, कई दिनों बाद अजगर दादा ने दर्शन दिए हैं. (Sagar story of Azgar Dada)
क्या फिर प्रकट हुए अजगर दादा: लोगों ने अजगर दादा का वीडियो भी बनाया, लेकिन उनके स्वरूप के पूरे दर्शन नहीं हो सके हैं. सिर्फ मुंह और शरीर का कुछ हिस्सा कैमरे में कैद हो सका है. अजगर दादा के प्रकट होने की चर्चा के जोर पकड़ते ही कई लोग बैखोफ होकर दादा के दर्शन करने पहुंचे और अगरबत्ती लगाकर पूजा अर्चना की. हालांकि अब अजगर दादा गुफा या उसके आसपास नजर नहीं आ रहे हैं.
एनाकोंडा से भी विशाल हैं अजगर दादा: माना जा रहा है कि, अजगर दादा का स्वरूप एनाकोंडा प्रजाति के सबसे बड़ा है. आमतौर पर कहा जाता है कि, एनाकोंडा प्रजाति के सांप की लंबाई 30-35 फीट के बीच होती है, लेकिन बाघराज मंदिर के अजगर दादा के बारे में कहा जाता है कि वो करीब 40 फीट लंबे हैं. मंदिर के पास रहने वाले बुजुर्ग लोग बताते हैं कि अजगर दादा की मौजूदगी आज से नहीं, बल्कि कई सौ सालों से है. उन्हें यहां के लोग सिद्ध पुरुष के रूप में मानते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं. यहां के लोगों के लिए अजगर दादा डर या दहशत की वजह नहीं, बल्कि आस्था और श्रद्धा का केंद्र हैं. अजगर दादा ने कई बार अपने विशाल स्वरूप के दर्शन कराए हैं, लेकिन पूरे दर्शन आज तक किसी को नहीं दिए हैं. यहां पहुंचने वाले लोग उनके दर्शन के लिए घंटो इंतजार करते हैं.
यहां है कोबरा सांपों का ठिकाना: पिछले दिनों जब मंदिर परिसर में निर्माण कार्य चल रहा था तो निर्माण कार्य के दौरान काफी मात्रा में अजगर निकलते थे. अजगर के अलावा दूसरी प्रजाति के सांपों की भी यहां काफी संख्या में मौजूदगी है. यहां कोबरा सांप भी आसानी से देखने के लिए मिल जाते है. कई बार तो कोबरा सांप जोड़ी से नजर आता है. मंदिर के कमरों और पेटियों को भी सांप अपना घर बना लेते हैं. फिर भी हम लोगों के लिए कोई खतरा नहीं रहता है. क्योंकि इनकी मौजूदगी के बावजूद भी आज तक इंसान ने किसी पर हमला नहीं किया और ना ही किसी तरह का नुकसान पहुंचाया है.
शांत स्वभाव के हैं अजगर दादा: बाघराज मंदिर कमेटी के सदस्य रामदास सोनी बताते हैं कि, अजगर दादा की मौजूदगी के बारे में कहा जाता है कि जबसे माता का मंदिर है, तबसे अजगर दादा मंदिर और परिसर के रक्षक के रूप में मौजूद हैं. करीब 30 साल पहले मैंने खुद अजगर दादा के दर्शन किए थे. विशाल स्वरूप के साथ अजगर दादा काफी शांत नजर आते हैं. विशाल आकार के कारण अजगर दादा काफी धीरे धीरे चलते हैं और एक ही जगह पर घंटों रहते हैं. उनके आसपास भी अगर कोई जानवर या इंसान चहल कदमी करता है, तो वह किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इसलिए यहां के लोगों की आस्था का केंद्र हैं.
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नवरात्रि और विशेष त्योहार पर देते हैं दर्शन: मंदिर कमेटी से जुड़े लोग और पुजारी बताते हैं कि, आमतौर पर अजगर बाबा के दर्शन कभी कभार हो जाते हैं. लेकिन नवरात्रि पर्व के अवसर पर अजगर दादा जरूर एक बार दर्शन देते हैं. यहां आने वाले कई श्रद्धालु बताते हैं कि, उन्होंने अजगर देवता के दर्शन किए हैं. पंडित पुष्पेंद्र महाराज बताते हैं कि, मंदिर के पीछे बने हनुमान मंदिर के यहां विशालकाय गुफा अजगर दादा का ठिकाना है. पिछले दिनों आंवला नवमी के दिन अजगर दादा ने दर्शन दिए थे. माता मंदिर के सामने पहाड़ी की गुफा में अजगर दादा रखते हुए नजर आए थे. (sagar Azgardada news) (sagar baghraj mata temple) (sagar baghraj mata mandir Azgar dada) (Sagar story of Python) (Sagar story of Azgar Dada)