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दिल्ली शराब घोटाले में केजरीवाल पर चलेगा मुकदमा, गृह मंत्रालय ने दी परमीशन - MHA SANCTION TO PROSECUTE KEJRIWAL

दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने इससे पहले कहा कि ईडी की चार्जशीट अवैध है. विस्तार से पढ़ें...

MHA SANCTION TO PROSECUTE KEJRIWAL
दिल्ली शराब घोटाले में केजरीवाल पर चलेगा मुकदमा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 15, 2025, 9:34 AM IST

Updated : Jan 15, 2025, 10:43 AM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को मंजूरी दे दी है. बता दें, संघीय एजेंसी ने 56 साल के केजरीवाल को पिछले साल मार्च 2024 में गिरफ्तार करने के बाद एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था.

अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है. यह घटनाक्रम 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के चुनाव से पहले हुआ है. इससे पहले दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दी थी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर 2024 में आदेश देते हुए कहा कि जांच एजेंसी ईडी को सरकारी कर्मचारियों पर केस चलाने के लिए पहले परमीशन लेनी होगी.

दिल्ली के पूर्व सीएम ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय की चारजशीट अवैध है क्योंकि शिकायत दर्ज कराने से पहले अधिकारियों ने इसकी अनुमति नहीं ली थी. इससे संबंधिथ 2024 के दिसंबर में ईडी ने एलजी के एक लेटर भी लिखा था, जिसमें परमीशन को लेकर कहा गया था कि इस केस में अरविंद केजरीवाल मुख्य साजिशकर्ता हैं इसलिए मंजूरी मिलनी ही चाहिए. उनपर यह भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्री, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर काम किया.

ईडी ने पहले दावा किया था कि आप एक राजनीतिक दल है और इसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भारत के नागरिकों के एक संगठन या निकाय के रूप में परिभाषित किया गया है, इसलिए इसे पीएमएलए की धारा 70 के तहत एक 'कंपनी' के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है.

जानिए क्या है दिल्ली का कथित शराब घोटाला

  • यह मामला 17 नवंबर 2021 का है, जब दिल्ली की आप सरकार ने नई शराब नीति को लागू किया था. इस नीति के मुताबिक सरकार ने शराब के बिजनेस से अपने हाथ खींच लिए और प्राइवेट सेक्टर को सौंप दिया.
  • केजरीवाल सरकार ने इस शराब पॉलिसी को लेकर कहा कि इससे माफिया राज पर लगाम लगेगी और सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा. जैसे ही यह नीति लागू हुई वैसे ही विवाद बढ़ गया. सरकार ने किरकिरी होते देख 28 जुलाई 2022 को इसे रद्द कर दिया.
  • इस पॉलिसी का खुलासा 8 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की एक रिपोर्ट से हुआ था.
  • नरेश कुमार की रिपोर्ट से आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर आरोप लगे थे. इसमें तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी लपेटे में आ गए.
  • कुछ दिनों बाद एलजी वीके सक्सेना ने इसमें सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. 17 अगस्त 2022 को मुकदमा दर्ज हुआ. इसमें पैसों की हेराफेरी के भी आरोप लगाए गए थे. वहीं, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए केस भी दर्ज कर लिया.
  • मुख्य सचिव की रिपोर्ट में दिल्ली के डिप्टी सीएम और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया पर इसे गलत तरीके से पेश करने का भी आरोप लगाया गया. वहीं, यह भी आरोप लगे कि इस पॉलिसी से शराब कारोबारियों को बंपर मुनाफा पहुंचाया गया है.

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को मंजूरी दे दी है. बता दें, संघीय एजेंसी ने 56 साल के केजरीवाल को पिछले साल मार्च 2024 में गिरफ्तार करने के बाद एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था.

अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है. यह घटनाक्रम 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के चुनाव से पहले हुआ है. इससे पहले दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दी थी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर 2024 में आदेश देते हुए कहा कि जांच एजेंसी ईडी को सरकारी कर्मचारियों पर केस चलाने के लिए पहले परमीशन लेनी होगी.

दिल्ली के पूर्व सीएम ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय की चारजशीट अवैध है क्योंकि शिकायत दर्ज कराने से पहले अधिकारियों ने इसकी अनुमति नहीं ली थी. इससे संबंधिथ 2024 के दिसंबर में ईडी ने एलजी के एक लेटर भी लिखा था, जिसमें परमीशन को लेकर कहा गया था कि इस केस में अरविंद केजरीवाल मुख्य साजिशकर्ता हैं इसलिए मंजूरी मिलनी ही चाहिए. उनपर यह भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्री, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर काम किया.

ईडी ने पहले दावा किया था कि आप एक राजनीतिक दल है और इसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भारत के नागरिकों के एक संगठन या निकाय के रूप में परिभाषित किया गया है, इसलिए इसे पीएमएलए की धारा 70 के तहत एक 'कंपनी' के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है.

जानिए क्या है दिल्ली का कथित शराब घोटाला

  • यह मामला 17 नवंबर 2021 का है, जब दिल्ली की आप सरकार ने नई शराब नीति को लागू किया था. इस नीति के मुताबिक सरकार ने शराब के बिजनेस से अपने हाथ खींच लिए और प्राइवेट सेक्टर को सौंप दिया.
  • केजरीवाल सरकार ने इस शराब पॉलिसी को लेकर कहा कि इससे माफिया राज पर लगाम लगेगी और सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा. जैसे ही यह नीति लागू हुई वैसे ही विवाद बढ़ गया. सरकार ने किरकिरी होते देख 28 जुलाई 2022 को इसे रद्द कर दिया.
  • इस पॉलिसी का खुलासा 8 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की एक रिपोर्ट से हुआ था.
  • नरेश कुमार की रिपोर्ट से आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर आरोप लगे थे. इसमें तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी लपेटे में आ गए.
  • कुछ दिनों बाद एलजी वीके सक्सेना ने इसमें सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. 17 अगस्त 2022 को मुकदमा दर्ज हुआ. इसमें पैसों की हेराफेरी के भी आरोप लगाए गए थे. वहीं, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए केस भी दर्ज कर लिया.
  • मुख्य सचिव की रिपोर्ट में दिल्ली के डिप्टी सीएम और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया पर इसे गलत तरीके से पेश करने का भी आरोप लगाया गया. वहीं, यह भी आरोप लगे कि इस पॉलिसी से शराब कारोबारियों को बंपर मुनाफा पहुंचाया गया है.
Last Updated : Jan 15, 2025, 10:43 AM IST
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