ETV Bharat / state

नौरादेही अभ्यारण्य से लगा एक किमी का क्षेत्र ईको सेंसेटिव जो़न घोषित, पहली बार तैयार होगा मास्टर प्लान

नौरादेही अभयारण्य (Nauradehi sanctuary) के एक किमी से लगे क्षेत्र को इको सेंसेटिव जोन (Sensitive zone) घोषित किया गया है. गुरुवार को निगरानी समिति की बैठक में ईको सेंसिटिव जोन के मानकों का पालन करने के लिए विस्तृत चर्चा की गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि यहां ऐसी कोई क्रियाकलाप या गतिविधि नहीं होनी चाहिए जिससे यहां की जैव विविधता और पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़े. (Nauradehi sanctuary declared eco sensitive zone) (Master plan for Nauradehi sanctuary) (Area of 1 km from Nauradehi sensitive)

Nauradehi sanctuary declared eco sensitive zone
नौरादेही अभयारण्य का मास्टर प्लान बनेगा
author img

By

Published : May 5, 2022, 6:06 PM IST

सागर। जैव विविधता के लिए मशहूर नौरादेही अभयारण्य सागर, दमोह, नरसिंहपुर जिलों में फैला हुआ प्राकृतिक दृष्टि से एक अत्यंत मनोरम स्थल है. गुरुवार को नौरादेही ईको सेंसिटिव जोन के तहत निगरानी समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष सागर कमिश्नर मुकेश शुक्ला की मौजूदगी में हुई. उन्होंने ईको सेंसेटिव जोन के मास्टर प्लान की तैयारियों का जायजा लिया. कमिश्नर ने कहा कि अभ्यारण्य की एक किमी की सीमा से लगे इलाके को ईको सेंसेटिव जोन घोषित किया गया है. पहली बार ईको सेंसेटिव जोन का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है.

नौरादेही अभयारण्य

दायरे में आने वाले गांवों पर भी ध्यान देने की जरूरत : कमिश्नर ने कहा कि मास्टर प्लान में जोन में आने वाले 80 गांवों की बुनियादी जरूरतों का ध्यान रखा जाए, लेकिन इन गतिविधियों का असर अभ्यारण्य की जैव विविधता, वनस्पति, जीव - जंतु और पर्यावरण पर ना पड़े. उन्होंने कहा कि अभ्यारण्य की बर्ड वाचिंग साइट अद्भुत है. यहां कई प्रकार के दुर्लभ पक्षी देखने मिलते हैं. अभ्यारण्य की इस विशेषता को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है. यहां विभिन्न प्रकार के फ्लोरा और फौना के संरक्षण तथा संवर्धन के साथ ही टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्य किएा जा रहे हैं.

Nauradehi sanctuary declared eco sensitive zone
नौरादेही अभयारण्य

निगरानी समिति की बैठक में कई विषयों पर चर्चा : संभागायुक्त मुकेश शुक्ला ने कहा कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 2017 में जारी की गई अधिसूचना के अंतर्गत नौरादेही अभयारण्य के 1 किमी क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन घोषित किया गया है. निगरानी समिति की बैठक में ईको सेंसिटिव जोन में प्रतिबंधित क्रियाकलापों, विनियमित क्रियाकलापों तथा संवर्धित क्रियाकलापों पर विस्तृत चर्चा की गई.इसके बाद समिति ने निर्णय लिया कि पारिस्थितिकीय संवेदनशील क्षेत्र में ऐसे किसी भी प्रकार की गतिविधि को प्रतिबंधित किया जाएगा, जिससे वहां की जैव विविधता, फ्लोरा, फौना एवं पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़े.

Nauradehi sanctuary declared eco sensitive zone
नौरादेही अभ्यारण्य ईको सेंसेटिव जो़न घोषित
ईको सेंसेटिव जोन के तहत आबादी वाले कुल 80 ग्राम : नौरादेही अभ्यारण्य के ईको सेंसेटिव जोन का पहली बार मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. ईको सेंसेटिव जोन के तहत आबादी वाले कुल 80 ग्राम आ रहे हैं. जिसमें सागर जिले के 49, दमोह जिले के 17, नरसिंहपुर जिले के 11 एवं जबलपुर जिले के 3 ग्राम शामिल हैं. कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने कहा कि अभ्यारण्य के समुचित विकास और संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीणों की आवश्यकताओं,उनकी आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से विभिन्न जरूरतों का भी ध्यान रखा जाएगा. इसके लिए उन्होंने मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की ओर से आए प्राइवेट कंसलटेंट ऑन अर्न्स्ट एंड यंग और मेटा कंसलटेंट प्रतिनिधियों को इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान बनाने के लिए निर्देशित किया.कान्हा नेशनल पार्क में नक्सलियों की दस्तक: पर्यावरण सरक्षंण संस्था ने सबूतों के साथ PMO को भेजी जानकारी, बीते दिनों में हुई 3 फॉरेस्ट गार्ड की हत्या

निगरानी समिति की अनुमति के बिना नहीं होंगे विकास कार्य : उन्होंने कहा कि ईको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत तैयार किये जा रहे विस्तृत मास्टर प्लान में जो भी विकास होगा, वह निगरानी समिति की अनुमति के आधार पर ही होगा. किसी भी प्रकार के नव निर्माण एवं अन्य प्रकार के संसाधनों के लिए निगरानी समिति की अनुमति आवश्यक होगी. समिति को बताया गया कि 80 ग्रामों के विकास में सर्वप्रथम मूलभूत सुविधाएं जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, आवास, होटल, खाना, स्वल्पाहार, सड़क सहित अन्य व्यवस्थाएं की जाना प्रस्तावित हैं. कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने कहा कि संपूर्ण ज़ोन का विकास और संरक्षण इस प्रकार से किया जाए कि पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थानीय लोग आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें और पर्यटकों को अच्छी से अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।


सागर। जैव विविधता के लिए मशहूर नौरादेही अभयारण्य सागर, दमोह, नरसिंहपुर जिलों में फैला हुआ प्राकृतिक दृष्टि से एक अत्यंत मनोरम स्थल है. गुरुवार को नौरादेही ईको सेंसिटिव जोन के तहत निगरानी समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष सागर कमिश्नर मुकेश शुक्ला की मौजूदगी में हुई. उन्होंने ईको सेंसेटिव जोन के मास्टर प्लान की तैयारियों का जायजा लिया. कमिश्नर ने कहा कि अभ्यारण्य की एक किमी की सीमा से लगे इलाके को ईको सेंसेटिव जोन घोषित किया गया है. पहली बार ईको सेंसेटिव जोन का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है.

नौरादेही अभयारण्य

दायरे में आने वाले गांवों पर भी ध्यान देने की जरूरत : कमिश्नर ने कहा कि मास्टर प्लान में जोन में आने वाले 80 गांवों की बुनियादी जरूरतों का ध्यान रखा जाए, लेकिन इन गतिविधियों का असर अभ्यारण्य की जैव विविधता, वनस्पति, जीव - जंतु और पर्यावरण पर ना पड़े. उन्होंने कहा कि अभ्यारण्य की बर्ड वाचिंग साइट अद्भुत है. यहां कई प्रकार के दुर्लभ पक्षी देखने मिलते हैं. अभ्यारण्य की इस विशेषता को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है. यहां विभिन्न प्रकार के फ्लोरा और फौना के संरक्षण तथा संवर्धन के साथ ही टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्य किएा जा रहे हैं.

Nauradehi sanctuary declared eco sensitive zone
नौरादेही अभयारण्य

निगरानी समिति की बैठक में कई विषयों पर चर्चा : संभागायुक्त मुकेश शुक्ला ने कहा कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 2017 में जारी की गई अधिसूचना के अंतर्गत नौरादेही अभयारण्य के 1 किमी क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन घोषित किया गया है. निगरानी समिति की बैठक में ईको सेंसिटिव जोन में प्रतिबंधित क्रियाकलापों, विनियमित क्रियाकलापों तथा संवर्धित क्रियाकलापों पर विस्तृत चर्चा की गई.इसके बाद समिति ने निर्णय लिया कि पारिस्थितिकीय संवेदनशील क्षेत्र में ऐसे किसी भी प्रकार की गतिविधि को प्रतिबंधित किया जाएगा, जिससे वहां की जैव विविधता, फ्लोरा, फौना एवं पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़े.

Nauradehi sanctuary declared eco sensitive zone
नौरादेही अभ्यारण्य ईको सेंसेटिव जो़न घोषित
ईको सेंसेटिव जोन के तहत आबादी वाले कुल 80 ग्राम : नौरादेही अभ्यारण्य के ईको सेंसेटिव जोन का पहली बार मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. ईको सेंसेटिव जोन के तहत आबादी वाले कुल 80 ग्राम आ रहे हैं. जिसमें सागर जिले के 49, दमोह जिले के 17, नरसिंहपुर जिले के 11 एवं जबलपुर जिले के 3 ग्राम शामिल हैं. कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने कहा कि अभ्यारण्य के समुचित विकास और संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीणों की आवश्यकताओं,उनकी आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से विभिन्न जरूरतों का भी ध्यान रखा जाएगा. इसके लिए उन्होंने मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की ओर से आए प्राइवेट कंसलटेंट ऑन अर्न्स्ट एंड यंग और मेटा कंसलटेंट प्रतिनिधियों को इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान बनाने के लिए निर्देशित किया.कान्हा नेशनल पार्क में नक्सलियों की दस्तक: पर्यावरण सरक्षंण संस्था ने सबूतों के साथ PMO को भेजी जानकारी, बीते दिनों में हुई 3 फॉरेस्ट गार्ड की हत्या

निगरानी समिति की अनुमति के बिना नहीं होंगे विकास कार्य : उन्होंने कहा कि ईको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत तैयार किये जा रहे विस्तृत मास्टर प्लान में जो भी विकास होगा, वह निगरानी समिति की अनुमति के आधार पर ही होगा. किसी भी प्रकार के नव निर्माण एवं अन्य प्रकार के संसाधनों के लिए निगरानी समिति की अनुमति आवश्यक होगी. समिति को बताया गया कि 80 ग्रामों के विकास में सर्वप्रथम मूलभूत सुविधाएं जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, आवास, होटल, खाना, स्वल्पाहार, सड़क सहित अन्य व्यवस्थाएं की जाना प्रस्तावित हैं. कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने कहा कि संपूर्ण ज़ोन का विकास और संरक्षण इस प्रकार से किया जाए कि पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थानीय लोग आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें और पर्यटकों को अच्छी से अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.