सागर। शहर की पूर्व किन्नर महापौर कमला बुआ का गुरुवार को 65 साल की उम्र में निधन हो गया. वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थीं. कमला बुआ मोटोपे से परेशान थीं और इलाज के बाद इंफेक्शन की शिकायत के बाद उन्हें सागर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके निधन पर बीजेपी और कांग्रेस के अलावा सागर की आवाम ने शोक व्यक्त किया है. कमला बुआ 2009 के नगर निगम के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों को भारी अंतर से हराकर देश भर के मीडिया की सुर्खियों में आई थी.
विरोधियों की जमानत तक करा दी थी जब्त
2009 में हुए सागर नगर निगम चुनाव में सागर महापौर के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ कर उन्होंने विरोधियों को कड़ी टक्कर दी थी. उन्होंने बीजेपी की प्रत्याशी सुमन अहिरवार को करीब 40 हज़ार के बड़े अंतर से हराया जबकि कांग्रेस की रेखा चौधरी की जमानत राशि भी ज़प्त हो गई. सागर के लोगों बीच किन्नर कमला, कमला बुआ के तौर पर जानी जाती थीं.
किन्नर कमला का चुनाव शून्य घोषित हो गया था
भारी बहुमतों से जीतने के लिए कमला बुआ ने अपने वचन पत्र में सौ दिनों में शहर की सड़क, तालाब जैंसे मुद्दों को हल करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. जीत के कुछ वक्त बाद कमला बुआ ने बीजेपी की सदस्यता ले ली थी, लेकिन दो साल बाद सागर की जिला अदालत ने खुद को अनुसूचित जाति वर्ग से संबद्ध होना सिद्ध नहीं कर पाईं थी, जिसस कारण जिला कोर्ट ने कमला के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया था.
इसलिए लिए ले लीं थी सन्यास
चुनाव को शून्य घोषित होने के फैसले के खिलाफ वे हाईकोर्ट भी गईं, पर वहा से भी उन्हे कोई राहत नहीं मिली. हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की एकल खंडपीठ ने जिला न्यायालय के फैसले पर स्टे देने से इंकार कर दिया. इन सभी घटना क्रम के बाद किन्नर कमला ने राजनीति से लगभग सन्यास ले लिया था. अपने कार्यकाल के दौरान सागर में किन्नरों का महासम्मेलन और रैली निकालने के लिए भी वे सुर्खियों में रही.