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कैलाश विजयवर्गीय की राहुल गांधी को नसीहत, अंबेडकर जन्मस्थली पर लगाएं 101 उठक-बैठक - KAILASH VIJAYVARGIYA BJP

मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे लिए संविधान रामचरितमानस की तरह सिर पर रखने वाला ग्रंथ है, पॉकेट में रखने वाला नहीं.

Cabinet Minister Kailash Vijayvargiya
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 7:02 AM IST

Updated : Jan 24, 2025, 7:28 AM IST

इंदौर: राहुल गांधी की 27 जनवरी को महू के अंबेडकर जन्मस्थली पर जय अंबेडकर जय संविधान यात्रा को लेकर राजनीति गर्माई हुई है. इसको लेकर जहां कांग्रेस व्यापक तैयारी कर रही है वहीं भाजपा भी रैली के बहाने राहुल गांधी पर लगातार निशाना साध रही है. गुरुवार को राज्य के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी को अंबेडकर जन्मस्थली पर 101 बार उठक बैठक लगाकर माफी मांगने की नसीहत दी.

कश्मीर में जब धारा 370 लगाई गई तब बाबा साहब अंबेडकर ने उसका किया था विरोध

इंदौर में विजयवर्गीय ने कहा "संविधान हमारे लिए रामचरितमानस की तरह सिर पर रखने वाला ग्रंथ है, पॉकेट में रखने वाला नहीं. उन्होंने राहुल का नाम लिए बिना कहा यह उनकी गलती नहीं है क्योंकि उनके संस्कार ही ऐसे हैं. उनके नाना ने कश्मीर में जब धारा 370 लगाई तब बाबा साहब अंबेडकर ने विरोध किया था, सरदार पटेल ने भी विरोध किया था. तब बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था कि यह संविधान की आत्मा की हत्या है."

कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Etv Bharat)

विजयवर्गीय यही नहीं रुके उन्होंने कहा "उनकी दादी ने 1975 में आपातकाल लगाकर संविधान के मौलिक अधिकार को ही खत्म कर दिया था. प्रजातंत्र और प्रजातांत्रिक संस्थानों पर ताले लगवा दिए थे. पत्रकारों के अलावा चाहे सत्ताधारी नेता हो या विपक्षी दल का नेता सभी को उन्होंने खिलाफ बोलने पर जेल में डलवा दिया था. इंदिरा गांधी की हत्या के दौरान सिख समाज के लोगों पर जमकर अत्याचार किए गए.

शाहबानो मामले में कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पार्लियामेंट में बदला

तब इनके पूज्य पिताजी ने बयान दिया था कि बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है. क्या यह संविधान के हित में था? फिर शाहबानो प्रकरण में भी सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा का आदेश दिया था लेकिन तुष्टिकरण की नीति के कारण ये लोग सड़क पर आ गए और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पार्लियामेंट ले जाकर पलट दिया था. क्या यह संविधान की हत्या नहीं थी?"

उन्होंने कहा "मैं लाल पुस्तक वाले नौजवान से पूछना चाहता हूं कि मनमोहन सिंह के अध्यादेश को संसद में सबके सामने फाड़ देना क्या संवैधानिक है? बाबा साहब के संविधान के भाग 3 में राम, लक्ष्मण जानकी का चित्र है लेकिन राहुल के संविधान में नहीं है. इसलिए उस नौजवान से कहूंगा कि आप महू में अंबेडकर जन्मस्थली आकर बाबा साहब के सामने 101 बार उठक बैठक लगाइए. क्योंकि आपके खानदान ने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं और बाबा साहब का अपमान किया है."

डॉक्टर अंबेडकर को भारत रत्न देने का सुझाव भी अटल जी ने दिया

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा "जब मैं पीडब्ल्यूडी मंत्री था तब जन्म स्थान हमने बनवाया. अंबेडकर का दीक्षा स्थान हो या शिक्षा संस्थान भाजपा की सरकारों में बनवाए गए. जहां डॉक्टर अंबेडकर ने अंतिम सांस ली वहां म्यूजियम बनवाया गया. जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ उस चैतन्य भूमि का विकास भी भाजपा ने कराया. डॉक्टर अंबेडकर को भारत रत्न देने का सुझाव भी अटल जी ने दिया था. इसलिए मैं कहूंगा कि संविधान को पॉकेट में लेकर घूमने वाले युवा महु आकर अंबेडकर जन्मस्थली पर 101 बार उठक बैठक लगाकर माफी मांगें. "

इंदौर: राहुल गांधी की 27 जनवरी को महू के अंबेडकर जन्मस्थली पर जय अंबेडकर जय संविधान यात्रा को लेकर राजनीति गर्माई हुई है. इसको लेकर जहां कांग्रेस व्यापक तैयारी कर रही है वहीं भाजपा भी रैली के बहाने राहुल गांधी पर लगातार निशाना साध रही है. गुरुवार को राज्य के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी को अंबेडकर जन्मस्थली पर 101 बार उठक बैठक लगाकर माफी मांगने की नसीहत दी.

कश्मीर में जब धारा 370 लगाई गई तब बाबा साहब अंबेडकर ने उसका किया था विरोध

इंदौर में विजयवर्गीय ने कहा "संविधान हमारे लिए रामचरितमानस की तरह सिर पर रखने वाला ग्रंथ है, पॉकेट में रखने वाला नहीं. उन्होंने राहुल का नाम लिए बिना कहा यह उनकी गलती नहीं है क्योंकि उनके संस्कार ही ऐसे हैं. उनके नाना ने कश्मीर में जब धारा 370 लगाई तब बाबा साहब अंबेडकर ने विरोध किया था, सरदार पटेल ने भी विरोध किया था. तब बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था कि यह संविधान की आत्मा की हत्या है."

कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Etv Bharat)

विजयवर्गीय यही नहीं रुके उन्होंने कहा "उनकी दादी ने 1975 में आपातकाल लगाकर संविधान के मौलिक अधिकार को ही खत्म कर दिया था. प्रजातंत्र और प्रजातांत्रिक संस्थानों पर ताले लगवा दिए थे. पत्रकारों के अलावा चाहे सत्ताधारी नेता हो या विपक्षी दल का नेता सभी को उन्होंने खिलाफ बोलने पर जेल में डलवा दिया था. इंदिरा गांधी की हत्या के दौरान सिख समाज के लोगों पर जमकर अत्याचार किए गए.

शाहबानो मामले में कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पार्लियामेंट में बदला

तब इनके पूज्य पिताजी ने बयान दिया था कि बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है. क्या यह संविधान के हित में था? फिर शाहबानो प्रकरण में भी सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा का आदेश दिया था लेकिन तुष्टिकरण की नीति के कारण ये लोग सड़क पर आ गए और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पार्लियामेंट ले जाकर पलट दिया था. क्या यह संविधान की हत्या नहीं थी?"

उन्होंने कहा "मैं लाल पुस्तक वाले नौजवान से पूछना चाहता हूं कि मनमोहन सिंह के अध्यादेश को संसद में सबके सामने फाड़ देना क्या संवैधानिक है? बाबा साहब के संविधान के भाग 3 में राम, लक्ष्मण जानकी का चित्र है लेकिन राहुल के संविधान में नहीं है. इसलिए उस नौजवान से कहूंगा कि आप महू में अंबेडकर जन्मस्थली आकर बाबा साहब के सामने 101 बार उठक बैठक लगाइए. क्योंकि आपके खानदान ने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं और बाबा साहब का अपमान किया है."

डॉक्टर अंबेडकर को भारत रत्न देने का सुझाव भी अटल जी ने दिया

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा "जब मैं पीडब्ल्यूडी मंत्री था तब जन्म स्थान हमने बनवाया. अंबेडकर का दीक्षा स्थान हो या शिक्षा संस्थान भाजपा की सरकारों में बनवाए गए. जहां डॉक्टर अंबेडकर ने अंतिम सांस ली वहां म्यूजियम बनवाया गया. जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ उस चैतन्य भूमि का विकास भी भाजपा ने कराया. डॉक्टर अंबेडकर को भारत रत्न देने का सुझाव भी अटल जी ने दिया था. इसलिए मैं कहूंगा कि संविधान को पॉकेट में लेकर घूमने वाले युवा महु आकर अंबेडकर जन्मस्थली पर 101 बार उठक बैठक लगाकर माफी मांगें. "

Last Updated : Jan 24, 2025, 7:28 AM IST
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