भोपाल: मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा मंगलवार से शुरू हो गई. पहला पेपर हिंदी का हुआ. इसका टाइम सुबह 9 से 11.30 बजे तक रहा. इस परीक्षा में प्रदेश भर के 7 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं. इन विद्यार्थियों के लिए प्रदेश भर में 3,887 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. परीक्षा केंद्रों पर सघन निगरानी की जा रही है. साथ ही 562 परीक्षा केंद्रों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है. इन केंद्रों पर नकल रोकने के लिए सीसीटीवी और जैमर लगाए गए हैं.
पेपर शुरू होने से पहले ईमानदारी की पेटी में डालें नकल
इस बार हाईस्कूल परीक्षा में 9,53,777 व हायर सेकेंडरी में 7,0,6475 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. दोनों ही परीक्षा देने वाले छात्रों की कुल संख्या 16,60,252 रहेगी. मंडल द्वारा बोर्ड परीक्षा के लिए 3887 केंद्र बनाए हैं. परीक्षा केंद्रों पर नकल पर्ची रखने के लिए मंडल ने एक लोहे की पेटी भी रखी है. जिसका नाम ईमानदारी की पेटी रखा गया है. इस पेटी में छात्र अपनी ईमानदारी से कोई नकल सामग्री, जिसमें गाइड चिट सामग्री है, तो उसमें डाल सकते हैं. ईमानदारी की ये पेटी स्टूडेंट्स व पैरेंट्स के बीच चर्चा का विषय है.
परीक्षा केंद्र पर एक घंटा पहले पहुंचने के निर्देश
बता दें कि बोर्ड परीक्षा का संचालन सुबह 9 बजे से किया गया. लेकिन स्टूडेंट को परीक्षा केंद्र में 8.30 बजे रिपोर्ट करना था. हालांकि यदि कोई छात्र परीक्षा शुरू होने से 20 मिनट पहले भी परीक्षा केंद्र में पहुंचा तो उसका वैधानिक कारण जानते हुए उसे एंट्री दी गई. लेकिन 8.45 के बाद परीक्षा केंद्र में पहुंचने वाले छात्रों को अंदर नहीं जाने दिया गया. माध्यमिक शिक्षा मंडल ने पहले ही आदेश में बच्चों को परीक्षा से एक घंटे पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचने के निर्देश दिए थे.
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340 अतिसंवदेनशील और 222 संवेदनशील परीक्षा केंद्र
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार 10वीं-12वीं की परीक्षाओं के लिए 3 हजार 887 परीक्षा केन्द्र निर्धारित किए हैं. इनमें करीब पांच 100 से अधिक संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केन्द्र हैं. इन केन्द्रों ने सबसे अधिक ग्वालियर-चंबल संभाग के हैं. वहीं मुरैना में भी सबसे अधिक 44 केन्द्र अतिसंवेदनशील और 10 सेंटर संवेदनशील हैं. हालांकि इस बार भिंड में अतिसंवेदनशील स्थिति में कमी आई है. यहां मात्र 4 परीक्षा केन्द्र अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखे गये हैं. लेकिन मंडल के पास जो रिपोर्ट है, उसके अनुसार पिछले एक दशक में सबसे अधिक सामूहिक नकल के प्रकरण भी इन्हीं जिलों से आये हैं.