ETV Bharat / state

मध्य प्रदेश के छोटे शहरों में AQI 300 पार, इन बड़े शहरों में जाएं आबोहवा है खुशनुमा - MP AIR QUALITY INDEX

मध्य प्रदेश के कुछ शहरों की हवा जहरीली बताई जा रही है. जानिए कहां की हवा सबसे प्रदूषित और सबसे शुद्ध है.

MP AIR QUALITY INDEX
मध्य प्रदेश के इन शहरों की हवा प्रदूषित (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 23, 2025, 8:15 PM IST

Updated : Jan 24, 2025, 11:09 AM IST

भोपाल (विश्वास चतुर्वेदी): मध्य प्रदेश की वायु गुणवत्ता भी दिल्ली की तरह खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई है. इंदौर, ग्वालियर, पीथमपुर और मंडीदीप में एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 300 के आसपास है. जो रहवासियों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है. इसी तरह भोपाल, बैतूल और सिंगरौली की वायु गुणवत्ता भी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है. हालांकि प्रदेश में नगरीय निकायों द्वारा हवा में प्रदुषण कम करने के लिए वाटर फागर मशीनों और टैंकरों से पानी का सड़कों पर छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी एक्यूआई दिनों दिन बढ़ रहा है.

मंडीदीप और इंदौर सबसे प्रदूषित

बता दें कि प्रदेश में सबसे अधिक वायु गुणवत्ता मंडीदीप और इंदौर की खराब है. यहां एक्यूआई 300 के पार है. मंडीदीप में गुरुवार दोपहर शहर का एक्यूआई 303 दर्ज किया गया. वहीं इंदौर के ग्वाल टोली क्षेत्र में एक्यूआई 312 दर्ज किया गया. हालांकि इंदौर के विजय नगर के आसपास का एक्यूआई 51 व अन्य इलाकों का 100 से नीचे है. वहीं ग्वालियर का एक्यूआई 290 और पीथमपुर का एक्यूआई 291 दर्ज किया गया.

MANDIDEEP INDORE AIR POLLUTED
एमपी में शहरों की स्थिति (ETV Bharat Info)

पन्ना व मैहर की हवा सबसे शुद्ध

मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिले आंकड़े के अनुसार गुरुवार को भोपाल में 189, बैतूल 193, सिंगरौली 199 और उज्जैन में एक्यूआई 114 दर्ज किया गया है. वहीं जिन शहरों की वायु गुणवत्ता अभी शुद्ध है. इनमें रीवा का एक्यूआई 65, जबलपुर का 57, मैहर का 68, खंडवा का 60, दमोह का 59, अनूपपुर का 91 और पन्ना का एक्यूआई 53 है.

0 से 50 एक्यूआई तक स्वस्थ हवा

हवा में जब नमी बढ़ती है, तो प्रदूषक तत्व वजनी हो जाते हैं और जमीन से ज्यादा ऊपर नहीं जा पाते. जिससे हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है. लोगों को लिए ऐसी हवा में सांस लेना कई बीमारियों का कारण बन सकता है. बता दें कि 0 से 50 तक एक्यूआई को अच्छा माना जाता है. जबकि 51 से 100 तक एक्यूआई वाली हवा को संतोषजनक माना जाता है. वहीं 101 से 200 तक एक्यूआई को मध्यम खराब और 201 से 300 तक एक्यूआई को बहुत खराब श्रेणी में माना जाता है. इसी तरह 300 से उपर एक्यूआई होने के बाद उस हवा को खतरनाक श्रेणी में माना जाता है. यानि ये हवा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है.

INDORE AIR POLLUTED
इंदौर की हवा सबसे प्रदूषित (ETV Bharat)

ठंड में इसलिए बढ़ता है प्रदूषण

सर्दियों में तापमान बढ़ने लगता है, जिससे गर्म हवा ठंडी का हवा को नीचे दबा देती है. ये ठंडी हवा बहुत धीमे गति से चलती है, जिससे प्रदूषण हवा में फंस जाता है और ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है. इसके साथ ही सर्दियों में लोग घरों में और बाहर लकड़ी जलाते हैं, जिससे धुंआ अधिक निकलता है. इधर सर्दियों में लोग ठंड के कारण परिवहन के लिए कार को इस्तेमाल करते हैं, जिससे हवा में कार्बन डाई आक्साईड का स्तर बढ़ता है. एक अन्य कारण उद्योगों से होने वाला औद्योगिक प्रदूषण भी है.

ऐसे समझें वायु गुणवत्ता सूचकांक

एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) हवा की गुणवत्ता को बताता है. इससे पता चलता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली है. हवा की गुणवत्ता के आधार पर इस इंडेक्स में 6 कैटेगरी बनाई गई है. यह हैं अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित. इसके अलावा खराब, बहुत खराब और गंभीर. हवा की गुणवत्ता के अनुसार इसे अच्छी से खराब और फिर गंभीर की श्रेणी में रखा जाता है.

पीएम 2.5 और 10 का मतलब

पीएम का मतलब होता है पार्टिकुलेट मैटर, जो हवा के अंदर मौजूद सूक्ष्म कणों को मापते हैं. वहीं 2.5 और 10 हवा में मौजूद कणों के आकार को दर्शाते हैं. यानि कि पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का आंकड़ा जितना कम होगा, हवा में मौजूद कण उतने ही छोटे होते हैं.

दमा और अस्थमा मरीजों को खतरा

जय प्रकाश अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. आईके चुघ ने बताया कि "पार्टिकुलर मैटर 2.5 और 10 जो की हवा में मौजूद कणों को मापने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. वायु में पीएम 2.5 और 10 का स्तर बढ़ने के बाद सांस लेने में तकलीफ आंखों में जलन आदि की समस्या शुरू हो जाती है. सबसे ज्यादा समस्या उन लोगों को आती है, जो सांस के मरीज और अस्थमा के मरीज हैं. इसके साथ ही लगातार खराब वायु में सांस लेने से लंग्स कैंसर की समस्या भी हो सकती है."

भोपाल (विश्वास चतुर्वेदी): मध्य प्रदेश की वायु गुणवत्ता भी दिल्ली की तरह खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई है. इंदौर, ग्वालियर, पीथमपुर और मंडीदीप में एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 300 के आसपास है. जो रहवासियों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है. इसी तरह भोपाल, बैतूल और सिंगरौली की वायु गुणवत्ता भी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है. हालांकि प्रदेश में नगरीय निकायों द्वारा हवा में प्रदुषण कम करने के लिए वाटर फागर मशीनों और टैंकरों से पानी का सड़कों पर छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी एक्यूआई दिनों दिन बढ़ रहा है.

मंडीदीप और इंदौर सबसे प्रदूषित

बता दें कि प्रदेश में सबसे अधिक वायु गुणवत्ता मंडीदीप और इंदौर की खराब है. यहां एक्यूआई 300 के पार है. मंडीदीप में गुरुवार दोपहर शहर का एक्यूआई 303 दर्ज किया गया. वहीं इंदौर के ग्वाल टोली क्षेत्र में एक्यूआई 312 दर्ज किया गया. हालांकि इंदौर के विजय नगर के आसपास का एक्यूआई 51 व अन्य इलाकों का 100 से नीचे है. वहीं ग्वालियर का एक्यूआई 290 और पीथमपुर का एक्यूआई 291 दर्ज किया गया.

MANDIDEEP INDORE AIR POLLUTED
एमपी में शहरों की स्थिति (ETV Bharat Info)

पन्ना व मैहर की हवा सबसे शुद्ध

मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिले आंकड़े के अनुसार गुरुवार को भोपाल में 189, बैतूल 193, सिंगरौली 199 और उज्जैन में एक्यूआई 114 दर्ज किया गया है. वहीं जिन शहरों की वायु गुणवत्ता अभी शुद्ध है. इनमें रीवा का एक्यूआई 65, जबलपुर का 57, मैहर का 68, खंडवा का 60, दमोह का 59, अनूपपुर का 91 और पन्ना का एक्यूआई 53 है.

0 से 50 एक्यूआई तक स्वस्थ हवा

हवा में जब नमी बढ़ती है, तो प्रदूषक तत्व वजनी हो जाते हैं और जमीन से ज्यादा ऊपर नहीं जा पाते. जिससे हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है. लोगों को लिए ऐसी हवा में सांस लेना कई बीमारियों का कारण बन सकता है. बता दें कि 0 से 50 तक एक्यूआई को अच्छा माना जाता है. जबकि 51 से 100 तक एक्यूआई वाली हवा को संतोषजनक माना जाता है. वहीं 101 से 200 तक एक्यूआई को मध्यम खराब और 201 से 300 तक एक्यूआई को बहुत खराब श्रेणी में माना जाता है. इसी तरह 300 से उपर एक्यूआई होने के बाद उस हवा को खतरनाक श्रेणी में माना जाता है. यानि ये हवा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है.

INDORE AIR POLLUTED
इंदौर की हवा सबसे प्रदूषित (ETV Bharat)

ठंड में इसलिए बढ़ता है प्रदूषण

सर्दियों में तापमान बढ़ने लगता है, जिससे गर्म हवा ठंडी का हवा को नीचे दबा देती है. ये ठंडी हवा बहुत धीमे गति से चलती है, जिससे प्रदूषण हवा में फंस जाता है और ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है. इसके साथ ही सर्दियों में लोग घरों में और बाहर लकड़ी जलाते हैं, जिससे धुंआ अधिक निकलता है. इधर सर्दियों में लोग ठंड के कारण परिवहन के लिए कार को इस्तेमाल करते हैं, जिससे हवा में कार्बन डाई आक्साईड का स्तर बढ़ता है. एक अन्य कारण उद्योगों से होने वाला औद्योगिक प्रदूषण भी है.

ऐसे समझें वायु गुणवत्ता सूचकांक

एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) हवा की गुणवत्ता को बताता है. इससे पता चलता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली है. हवा की गुणवत्ता के आधार पर इस इंडेक्स में 6 कैटेगरी बनाई गई है. यह हैं अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित. इसके अलावा खराब, बहुत खराब और गंभीर. हवा की गुणवत्ता के अनुसार इसे अच्छी से खराब और फिर गंभीर की श्रेणी में रखा जाता है.

पीएम 2.5 और 10 का मतलब

पीएम का मतलब होता है पार्टिकुलेट मैटर, जो हवा के अंदर मौजूद सूक्ष्म कणों को मापते हैं. वहीं 2.5 और 10 हवा में मौजूद कणों के आकार को दर्शाते हैं. यानि कि पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का आंकड़ा जितना कम होगा, हवा में मौजूद कण उतने ही छोटे होते हैं.

दमा और अस्थमा मरीजों को खतरा

जय प्रकाश अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. आईके चुघ ने बताया कि "पार्टिकुलर मैटर 2.5 और 10 जो की हवा में मौजूद कणों को मापने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. वायु में पीएम 2.5 और 10 का स्तर बढ़ने के बाद सांस लेने में तकलीफ आंखों में जलन आदि की समस्या शुरू हो जाती है. सबसे ज्यादा समस्या उन लोगों को आती है, जो सांस के मरीज और अस्थमा के मरीज हैं. इसके साथ ही लगातार खराब वायु में सांस लेने से लंग्स कैंसर की समस्या भी हो सकती है."

Last Updated : Jan 24, 2025, 11:09 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.