रीवा। कोरोना वायरस के चलते किए गए लॉकडाउन का सबसे अधिक खामियाजा मजदूरों को उठाना पड़ा है. प्रधानमंत्री की अपील के बाद भी कई मजदूरों को उनकी नौकरी से निकाल दिया गया है. जिससे वो बेरोजगार हो गए हैं और उनके सामने भरण पोषण का संकट पैदा हो गया है. ऐसा ही मामला रीवा जिले की जेपी सीमेंट फैक्ट्री से सामने आया है, जहां कोरोना संकट के दौरान सैकड़ों मजदूरों को कंपनी से निकाल दिया गया है, जिससे परेशान करीब दो सौ मजदूर मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे, उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. वहीं सांसद जनार्दन मिश्रा और प्रशासनिक अमले ने मजदूरों को मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है.
दरअसल, लॉकडाउन के बाद कई बड़ी-बड़ी कंपनियों की स्थिति भी दयनीय हो गई जिसके कारण अपने वहां काम करने वाले वर्कर की पेमेंट नहीं दे पा रहे हैं. उन्हीं में से एक जेपी सीमेंट है, जिसने लॉकडाउन में आर्थिक तंगी की वजह से अपने हजारों मजदूरों को निष्कासित कर दिया है. हालांकि मजदूरों के विरोध के बाद जेपी सीमेंट फैक्ट्री ने कुछ मजदूरों को काम में लगाया, लेकिन अब भी आधे से ज्यादा मजदूर काम के लिए भटक रहे हैं. इस दौरान उनकी और उनकी स्थिति दयनीय होती जा रही है और भरण-पोषण की भी कोई व्यवस्था नहीं है.