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विदेश से MBBS करने वालों की इंटर्नशिप का मामला, हाईकोर्ट ने अधिकारियों को किया तलब - HIGHCOURT ON MBBS INTERNSHIP

विदेश से एमबीबीएस करने वालों की बढ़ाई गई इंटर्नशिप अवधि को लेकर हाईकोर्ट ने मेडिल एजुकेशन विभाग से मांगा जवाब

HIGHCOURT ON MBBS INTERNSHIP TIME PERIOD
हाईकोर्ट ने मेडिल एजुकेशन विभाग से मांगा जवाब (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 21, 2025, 10:03 AM IST

जबलपुर : विदेश से एमबीबीएस करने वालों के लिए इंटर्नशिप की अवधि बढ़ाए जाने के मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस सुश्रुत अरविन्द धर्माधिकारी व जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने मेडिकल एजुकेशन विभाग के अधिकारियों को तलब किया है. जबलपुर हाईकोर्ट ने मेडिकल विभाग के प्रमुख सचिव, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन, नेशनल मेडिकल एजुकेशन और एमपी मेडिकल काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

क्या है विदेश से MBBS और इंटर्नशिप का मामला?

याचिकाकर्ता विदिशा निवासी डॉ.सौरभ रघुवंशी सहित आठ की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उन्होंने चीन से एमबीबीएस किया है. कोविड के कारण याचिकाकर्ताओं ने कुछ पढ़ाई ऑनलाइन मोड से की है. नियमानुसार भारत से एमबीबीएस करने वालों के लिए इंटर्नशिप एक वर्ष, जबकि बाहरी देश से करने वालों के लिए दो वर्ष के इंटर्नशिप का प्रावधान है. एमपी मेडिकल काउंसिल ने 4 नवंबर, 2024 को एक आदेश जारी कर अचानक इंटर्नशिप दो वर्ष की बजाय तीन वर्ष कर दी है, जिसे याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी है.

अचानक नया नियम किया गया लागू

याचिकाकर्ताओं ने याचिका के माध्यम से आगे कहा कि नवंबर 2023 में बताया गया था कि उन्हें दो वर्ष की इंटर्नशिप करना है. सभी का कोर्स मार्च 2025 में पूर्ण होने वाला है. ऐसे में अचानक नया नियम लागू करना अवैधानिक है. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अनावेदक मेडिकल विभाग के प्रमुख सचिव, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन, नेशनल मेडिकल एजुकेशन और एमपी मेडिकल काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी की.

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जबलपुर : विदेश से एमबीबीएस करने वालों के लिए इंटर्नशिप की अवधि बढ़ाए जाने के मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस सुश्रुत अरविन्द धर्माधिकारी व जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने मेडिकल एजुकेशन विभाग के अधिकारियों को तलब किया है. जबलपुर हाईकोर्ट ने मेडिकल विभाग के प्रमुख सचिव, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन, नेशनल मेडिकल एजुकेशन और एमपी मेडिकल काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

क्या है विदेश से MBBS और इंटर्नशिप का मामला?

याचिकाकर्ता विदिशा निवासी डॉ.सौरभ रघुवंशी सहित आठ की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उन्होंने चीन से एमबीबीएस किया है. कोविड के कारण याचिकाकर्ताओं ने कुछ पढ़ाई ऑनलाइन मोड से की है. नियमानुसार भारत से एमबीबीएस करने वालों के लिए इंटर्नशिप एक वर्ष, जबकि बाहरी देश से करने वालों के लिए दो वर्ष के इंटर्नशिप का प्रावधान है. एमपी मेडिकल काउंसिल ने 4 नवंबर, 2024 को एक आदेश जारी कर अचानक इंटर्नशिप दो वर्ष की बजाय तीन वर्ष कर दी है, जिसे याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी है.

अचानक नया नियम किया गया लागू

याचिकाकर्ताओं ने याचिका के माध्यम से आगे कहा कि नवंबर 2023 में बताया गया था कि उन्हें दो वर्ष की इंटर्नशिप करना है. सभी का कोर्स मार्च 2025 में पूर्ण होने वाला है. ऐसे में अचानक नया नियम लागू करना अवैधानिक है. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अनावेदक मेडिकल विभाग के प्रमुख सचिव, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन, नेशनल मेडिकल एजुकेशन और एमपी मेडिकल काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी की.

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