मुरैना : मुरैना जिले कि कैलारस शुगर मिल को फिर से चालू करने के लिए शक्कर कारखाना बचाओ संघर्ष समिति का धरना आंदोलन तीसरे दिन जारी रहा. 21 जनवरी को होने वाली नीलामी प्रक्रिया के विरोध में हजारों की संख्या में किसान, युवा और कांग्रेस कार्यकर्ता सत्याग्रह कर जेल भरो आंदोलन के तहत गिरफ्तारियां देंगे. तहसीलदार ने सोमवार रात को पत्र जारी कर बताया "धरने के बाद भी नीलामी का कार्य किया जाएगा." वहीं, जौरा विधायक पंकज उपाध्याय लगातार धरना स्थल पर डटे हुए हैं.
विधायक पंकज उपाध्याय भी धरने में शामिल
विधायक पंकज उपाध्याय ने युवा एवं किसानों से नीलामी प्रक्रिया को रोकने के लिए सत्याग्रह और जेल भरो आंदोलन में शामिल होने शक्कर कारखाने पर एकत्रित होने का आह्वान किया है. विधायक पंकज उपाध्याय ने कहा 'केन्द्र सरकार ने बीमार, बंद पड़े कारखानों का चालू करने के लिए 10 हजार करोड़ के बजट का प्रावधान रखा है, लेकिन नेताओं की अड़ंगेबाजी के कारण राज्य सरकार बजट का उपयोग कर कैलारस शुगर मिल को चालू ही नहीं करना चाहती है."
30 करोड़ से मशीनें बदल शुरू हो सकता है शक्कर कारखाना
कैलारस शक्कर कारखाना शुरू करने के लिए किए जा रहे धरना प्रदर्शन में माकपा नेता गयाराम धाकड़ ने कहा "नेशनल शुगर फेडरेशन दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार 30 करोड़ लागत से मशीनों को बदलकर फिर से शुगर मिल का चालू किया जा सकता है. लेकिन सरकार इस पर अमल नहीं कर रही है." वहीं, अखिल भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा के कैलारस ब्लॉक अध्यक्ष रामेन्द्र सिंह सोमवार को धरना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने कारखाना बचाओ संघर्ष समिति के आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की. इस मौके पर मुरारीलाल धाकड़, रामअवतार धाकड़, गोपाल, नेतराम, धर्मेन्द्र धाकड़ आदि उपस्थित रहे.
जेल भरो आंदोलन में शामिल होने का आह्वान
अंबाह विधायक देवेन्द्र सखवार ने धरनास्थल पर कहा "राज्य सरकार इन्वेस्टर मीट के माध्यम से शुगर मिल को चालू करने का प्रयास कर सकती है." वहीं पूर्व विधायक मनीराम धाकड़ ने कहा "सरकार में कारखाना चालू करने की इच्छाशक्ति नहीं है." पूर्व विधायक बैजनाथ कुशवाह ने युवा, किसानों से जेल भरो आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है. कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष मधुराज तोमर ने कहा कि मुरैना जिले में कैलारस शुगर मिल के अलावा दो नए प्लांट लगने की संभावनाएं हैं.
कारखाने को बचाने धरना आंदोलन में ये रहे मौजूद
कारखाने को बचाने धरना आंदोलन में कांग्रेस नेता भगवान सिंह तोमर, लोकेन्द्र यादव, नंदलाल खरे, सुरेश शाक्य, ओमप्रकाश शाक्य, पूरन धाकड़, रामहेत त्यागी, बनवारी डागौर, सुरेश उपाध्याय, अमर सिंह धाकड़, विनोद दुबे, रामनरेश जापथाप, राजकुमार सिकरवार, राजेश गुप्ता, मोहन रसोईया, मुरारीलाल अमर, डॉ. दशरथ कुशवाह, सोनेराम धाकड़, रामरतन जाटव, रफीक मोहम्मद, साबिर पठान, पूरन शाक्य, राजवीर धाकड़, वीरेन्द्र धाकड़, फोदलिया जाटव, जगदीश बंसल, श्रीपति प्रजापति, उमाचरण कटारे, रामकुमार श्रीवास सहित सैकड़ों की संख्या में युवा, किसान शामिल हुए.
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धरना प्रदर्शन के बाद भी नहीं रुकेगी नीलामी
कैलारस शक्कर कारखाना की जमीन नीलामी का कार्य किसानों के धरना प्रदर्शन के बाद भी नहीं रुकेगी. क्योंकि सोमवार रात 11 बजे कैलारस तहसीलदार द्वारा एक पत्र जारी किया गया है. इसमें लिखा "कलेक्टर से प्राप्त आरआरसी की वसूली किये जाने हेतु शुगर फैक्ट्री कैलारस में मौजा कैलारस की भूमि सर्वे कमांक 1429 रकवा 0.840 का विकय किये जाने हेतु सार्वजनिक नीलामी की कार्रवाई 21 जनवरी को होनी है. नीलामी सम्पति का ऑफसेट मूल्य करीब 2 करोड़ 60 लाख है."