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दल बदलू अभय को मिला कांग्रेस का अभयदान, 70 दिन में बदल बैठे अपना रंग, बीजेपी से नहीं मिला टिकट तो वापस घर लौटे

विंध्य की राजनीति के अपने अलग ही किस्से हैं. कुछ दिन पहले तक जो अभय मिश्रा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और कांग्रेस की बुराइयां कर रहे थे. वहीं थोड़ी ही दिन में अपनी गलती मानकर वापस कांग्रेस में आ गए और पार्टी ने भी टिकट के तौर पर उन्हें अभयदान दिया है.

Abhay Mishra got ticket from Rewa
अभय मिश्रा को मिला टिकट
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 20, 2023, 3:22 PM IST

रीवा। रीवा की राजनीति में अभय मिश्रा एक बड़ा चेहरा थे, लेकिन अभय ने खुद अपने राजनितिक करियर की अच्छी खासी किरकरी करवा ली. बीते 70 दिनों पूर्व अभय मिश्रा कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शमिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने बयान देते हुए कहा था की वह भूलवश कांग्रेस में चले गए थे. अब अपनी घर वापसी करते हुऐ दोबारा बीजेपी के हो चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा था की वह टिकट पाने के इरादे से वापस बीजेपी में नहीं आए हैं. कमलनाथ समेत कई बड़े नेताओं पर अभय ने गम्भीर आरोप भी लगाए थे, लेकिन अब उन्होंने अपना रंग इस कदर बदला की कांग्रेस के लोग ही अभय के विरोध में उतर चुके है.

दल बदलू नेता अभय मिश्रा को मिला कांग्रेस का अभय दान: अगले माह मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव के ठीक पहले ही अभय मिश्रा बीजेपी से टिकट पाने की होड़ में लग गए, लेकिन जब टिकट न मिलने की भनक अभय मिश्रा को लगी तो वह पूर्व मुख्य मंत्री कमलनाथ की चौखट का दरवाजा खटखटाने लगे. बड़े प्रयास के बाद वह दोबारा भाजपा से कांग्रेस में शमिल हो गए और आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद अभय मिश्रा कांग्रेस से अभय दान लेने में कामियाब हो गए.

कांग्रेस ने अभय को टिकट देकर सेमरिया सीट घोषित किया प्रत्याशी: कांग्रेस ने भी दलबदलू नेता अभय मिश्रा पर दोबारा भरोसा जताया और दो दिन के अंदर ही अभय कांग्रेस में शामिल हुए. जिसके बाद कांग्रेस ने टिकट देकर अभय मिश्रा को सेमरिया विधनसभा से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. अब इस घटना क्रम को कांग्रेस की दुर्गती कहेंगे या अभय दुर्गती कहेंगे की यह तो चुनाव संपन्न होने के बाद ही पता लग पाएगा.

धुर विरोधी नेताओं के बीच होगा चुनावी संग्राम: अभय मिश्रा को सेमरिया विधानसभा सीट से चुनाव लडेंगे. जिसके चलते अब इस सीट का चुनाव काफी दिलचस्प होगा. क्योंकि इस सीट से वर्तमान में बीजेपी विधायक केपी त्रिपाठी हैं. यह दोनों नेता एक दुसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं. कही न कही इस चुनाव में अभय और अभय के बीच खासा घमासान देखने को मिलेगा.

2008 में सेमरिया बनी नई विधानसभा तब से बीजेपी का कब्जा: बता दें की 15 वर्ष पहले ही सेमरिया नई विधानसभा सीट घोषित हुई और 2008 में यहां पर पहला विधानसभा चुनाव हुआ. बीजेपी से टिकट लेकर इस सीट से अभय मिश्रा चुनाव लडे़ और आपनी जीत दर्ज कराई. इसके बाद 2013 में बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बदला और अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा को अपना उम्मीदवार घोषित किया. जिसके बाद नीलम मिश्रा ने चुनाव लड़ा और जीत का ताज अपने सिर पर रखा. वर्ष 2018 चुनाव के पहले ही अभय मिश्रा बीजेपी पार्टी से त्याग पत्र देकर कांग्रेस के खेमे में शमिल हो गए और बाद में नीलम मिश्रा ने भी पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया. 2018 के चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर अपना नया कैंडीडेट चुना और केपी त्रिपाठी को टिकट देकर चुनाव लड़ाया और तीसरी बार इस सीट से बीजेपी ने जीत हसिल कर ली.

यहां पढ़ें...

बीजेपी ने अब तक नहीं घोषित किया अपना उम्मीदवार: हालांकि की बीजेपी ने सेमरिया सीट से अपना उम्मीदवार अभी घोषित नहीं किया. अगर इस सीट से बीजेपी केपी त्रिपाठी को दोबारा अपना उम्मीदवार घोषित कर चुनावी मैदान पर उतारती है. तो यहां पर दो बाहुबली और दिग्गज नेता आमने समाने होंगे. जो एक दूसरे के काफी धुर विरोधी माने जाते हैं.

रीवा। रीवा की राजनीति में अभय मिश्रा एक बड़ा चेहरा थे, लेकिन अभय ने खुद अपने राजनितिक करियर की अच्छी खासी किरकरी करवा ली. बीते 70 दिनों पूर्व अभय मिश्रा कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शमिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने बयान देते हुए कहा था की वह भूलवश कांग्रेस में चले गए थे. अब अपनी घर वापसी करते हुऐ दोबारा बीजेपी के हो चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा था की वह टिकट पाने के इरादे से वापस बीजेपी में नहीं आए हैं. कमलनाथ समेत कई बड़े नेताओं पर अभय ने गम्भीर आरोप भी लगाए थे, लेकिन अब उन्होंने अपना रंग इस कदर बदला की कांग्रेस के लोग ही अभय के विरोध में उतर चुके है.

दल बदलू नेता अभय मिश्रा को मिला कांग्रेस का अभय दान: अगले माह मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव के ठीक पहले ही अभय मिश्रा बीजेपी से टिकट पाने की होड़ में लग गए, लेकिन जब टिकट न मिलने की भनक अभय मिश्रा को लगी तो वह पूर्व मुख्य मंत्री कमलनाथ की चौखट का दरवाजा खटखटाने लगे. बड़े प्रयास के बाद वह दोबारा भाजपा से कांग्रेस में शमिल हो गए और आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद अभय मिश्रा कांग्रेस से अभय दान लेने में कामियाब हो गए.

कांग्रेस ने अभय को टिकट देकर सेमरिया सीट घोषित किया प्रत्याशी: कांग्रेस ने भी दलबदलू नेता अभय मिश्रा पर दोबारा भरोसा जताया और दो दिन के अंदर ही अभय कांग्रेस में शामिल हुए. जिसके बाद कांग्रेस ने टिकट देकर अभय मिश्रा को सेमरिया विधनसभा से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. अब इस घटना क्रम को कांग्रेस की दुर्गती कहेंगे या अभय दुर्गती कहेंगे की यह तो चुनाव संपन्न होने के बाद ही पता लग पाएगा.

धुर विरोधी नेताओं के बीच होगा चुनावी संग्राम: अभय मिश्रा को सेमरिया विधानसभा सीट से चुनाव लडेंगे. जिसके चलते अब इस सीट का चुनाव काफी दिलचस्प होगा. क्योंकि इस सीट से वर्तमान में बीजेपी विधायक केपी त्रिपाठी हैं. यह दोनों नेता एक दुसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं. कही न कही इस चुनाव में अभय और अभय के बीच खासा घमासान देखने को मिलेगा.

2008 में सेमरिया बनी नई विधानसभा तब से बीजेपी का कब्जा: बता दें की 15 वर्ष पहले ही सेमरिया नई विधानसभा सीट घोषित हुई और 2008 में यहां पर पहला विधानसभा चुनाव हुआ. बीजेपी से टिकट लेकर इस सीट से अभय मिश्रा चुनाव लडे़ और आपनी जीत दर्ज कराई. इसके बाद 2013 में बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बदला और अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा को अपना उम्मीदवार घोषित किया. जिसके बाद नीलम मिश्रा ने चुनाव लड़ा और जीत का ताज अपने सिर पर रखा. वर्ष 2018 चुनाव के पहले ही अभय मिश्रा बीजेपी पार्टी से त्याग पत्र देकर कांग्रेस के खेमे में शमिल हो गए और बाद में नीलम मिश्रा ने भी पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया. 2018 के चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर अपना नया कैंडीडेट चुना और केपी त्रिपाठी को टिकट देकर चुनाव लड़ाया और तीसरी बार इस सीट से बीजेपी ने जीत हसिल कर ली.

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बीजेपी ने अब तक नहीं घोषित किया अपना उम्मीदवार: हालांकि की बीजेपी ने सेमरिया सीट से अपना उम्मीदवार अभी घोषित नहीं किया. अगर इस सीट से बीजेपी केपी त्रिपाठी को दोबारा अपना उम्मीदवार घोषित कर चुनावी मैदान पर उतारती है. तो यहां पर दो बाहुबली और दिग्गज नेता आमने समाने होंगे. जो एक दूसरे के काफी धुर विरोधी माने जाते हैं.

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