रीवा। शहर के संजय गांधी अस्पताल में इन दिनों मरीजों का जमावड़ा लगा हुआ है. मौसम की मार का लोगों की सेहत पर असर पड़ रहा है. लेकिन अस्पताल की सुविधाओं को ही इलाज की जरूरत है, यहां असुविधाओं कां अंबार लगा है जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल प्रबंधन जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहा है.
वेंटिलेटर पर विंध्य का सबसे बड़ा हॉस्पिटल, परेशानियों से जूझ रहे मरीज
विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी हॉस्पिटल में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है. मरीजों इलाज करवाना तो दूर यहां ओपीडी से पर्ची बनवाना भी मुश्किल हो रहा है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.
संजय गांधी अस्पताल में फैली अव्यवस्थाएं.
रीवा। शहर के संजय गांधी अस्पताल में इन दिनों मरीजों का जमावड़ा लगा हुआ है. मौसम की मार का लोगों की सेहत पर असर पड़ रहा है. लेकिन अस्पताल की सुविधाओं को ही इलाज की जरूरत है, यहां असुविधाओं कां अंबार लगा है जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल प्रबंधन जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहा है.
Intro:रीवा शहर के संजय गांधी अस्पताल में इन दिनों इलाज को लेकर भारी संख्या में मरीजों का आना जाना हो रहा है जिसके कारण भीड़ के चलते अब लोगों को पर्ची बनवाने में भी खासा दिक्कतों का सामना करना होता है वही अस्पताल प्रबंधन कई दिनों से केवल दूसरे काउंटर खोलने की बात करता ही दिख रहा है।
Body:वृंद के सबसे बड़े संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में इन दिनों पर्ची बनवाना ही कठिन काम हो गया है काफी दिनों से यहां भर्ती और जांच की पर्ची के लिए जमकर धक्का-मुक्की हो रही है तथा अस्पताल प्रबंधन और कोई ध्यान देता नजर नहीं आ रहा है इन दिनों अस्पताल में मरीजों की भीड़ ज्यादा है ऐसे में पर्ची बनवाने को लेकर परेशानियां भी बढ़ रही हैं संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में भर्ती और जांच की पर्ची के लिए दो काउंटर संचालित हैं ओपीडी के समय यहां भीड़ बढ़ती है बीमारी पकड़ने के लिए विभिन्न प्रकार की जांच कराई जाती हैं जांच के लिए पर्ची बनवाने लोगों को कतार में लगना पड़ता है इसी काउंटर में ऐसे मरीज की पर्ची भी बनती है जिन्हें भर्ती किया जाना है पर्ची के लिए मरीजों और अटेंडेंस के बीच धक्का-मुक्की का यह दौर लगभग 2:00 बजे तक चलता रहता है इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन को भीड़ कम करने में काफी मशक्कत करनी होती है।
यूं तो महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग काउंटर के बोर्ड लगे हैं लेकिन यहां ऐसी व्यवस्था लागू नहीं है यहां पुरुषों की भीड़ के बीच महिलाओं को भी पर्ची बनवाने में उसी मशक्कत के साथ भीड़ में खड़ा होना पड़ता है तथा कहा जाता है कि यहां एक काउंटर में भर्ती मरीजों की और दूसरे काउंटर से जांच पर्ची निकाली जा रही है
बताया जा रहा है कि डेढ़ हजार से ज्यादा रोगी रोजाना इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं ऐसे में अस्पताल के हालात होना लाजमी है क्योंकि दो काउंटर के भरोसे डेढ़ हजार की जनता को पर्ची दे पाना मुमकिन नहीं है बरहाल अस्पताल के डॉक्टर केवल इतना ही बोलते हैं कि बहुत जल्द अस्पताल परिसर में पर्ची बनवाने और काउंटर लगाए जाएंगे और इन सबके बीच मरीजों की हालत बद से बदतर होती दिखाई दे रही है लोगों का कहना है कि काउंटर वृद्धि के साथ उनकी समस्या कम हो सकती है मगर शायद यह नजारा देख पाना अभी असंभव ही दिखाई दे रहा है वही मामले को लेकर जब अस्पताल के सीएमओ से बात हुई तो उन्होंने जल्द से जल्द काउंटर खुलवाने की बात करते हुए मामले से चुप्पी साध ली।
Conclusion:विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल संजय गांधी के हालात दिनोंदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं चाहे इलाज की बात हो या फिर इलाज के पहले काउंटर से लेने वाली पर्ची की बात ऐसे में आए दिन मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है लेकिन अस्पताल प्रबंधन है कि इस पर कोई व्यवस्था ही नहीं बना पा रहा है।
byte- मरीज के परिजन।
byte- मरीज के परिजन।
byte- मरीज।
byte- डॉक्टर अतुल सिंह, सीएमओ संजय गांधी हॉस्पिटल।
Body:वृंद के सबसे बड़े संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में इन दिनों पर्ची बनवाना ही कठिन काम हो गया है काफी दिनों से यहां भर्ती और जांच की पर्ची के लिए जमकर धक्का-मुक्की हो रही है तथा अस्पताल प्रबंधन और कोई ध्यान देता नजर नहीं आ रहा है इन दिनों अस्पताल में मरीजों की भीड़ ज्यादा है ऐसे में पर्ची बनवाने को लेकर परेशानियां भी बढ़ रही हैं संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में भर्ती और जांच की पर्ची के लिए दो काउंटर संचालित हैं ओपीडी के समय यहां भीड़ बढ़ती है बीमारी पकड़ने के लिए विभिन्न प्रकार की जांच कराई जाती हैं जांच के लिए पर्ची बनवाने लोगों को कतार में लगना पड़ता है इसी काउंटर में ऐसे मरीज की पर्ची भी बनती है जिन्हें भर्ती किया जाना है पर्ची के लिए मरीजों और अटेंडेंस के बीच धक्का-मुक्की का यह दौर लगभग 2:00 बजे तक चलता रहता है इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन को भीड़ कम करने में काफी मशक्कत करनी होती है।
यूं तो महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग काउंटर के बोर्ड लगे हैं लेकिन यहां ऐसी व्यवस्था लागू नहीं है यहां पुरुषों की भीड़ के बीच महिलाओं को भी पर्ची बनवाने में उसी मशक्कत के साथ भीड़ में खड़ा होना पड़ता है तथा कहा जाता है कि यहां एक काउंटर में भर्ती मरीजों की और दूसरे काउंटर से जांच पर्ची निकाली जा रही है
बताया जा रहा है कि डेढ़ हजार से ज्यादा रोगी रोजाना इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं ऐसे में अस्पताल के हालात होना लाजमी है क्योंकि दो काउंटर के भरोसे डेढ़ हजार की जनता को पर्ची दे पाना मुमकिन नहीं है बरहाल अस्पताल के डॉक्टर केवल इतना ही बोलते हैं कि बहुत जल्द अस्पताल परिसर में पर्ची बनवाने और काउंटर लगाए जाएंगे और इन सबके बीच मरीजों की हालत बद से बदतर होती दिखाई दे रही है लोगों का कहना है कि काउंटर वृद्धि के साथ उनकी समस्या कम हो सकती है मगर शायद यह नजारा देख पाना अभी असंभव ही दिखाई दे रहा है वही मामले को लेकर जब अस्पताल के सीएमओ से बात हुई तो उन्होंने जल्द से जल्द काउंटर खुलवाने की बात करते हुए मामले से चुप्पी साध ली।
Conclusion:विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल संजय गांधी के हालात दिनोंदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं चाहे इलाज की बात हो या फिर इलाज के पहले काउंटर से लेने वाली पर्ची की बात ऐसे में आए दिन मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है लेकिन अस्पताल प्रबंधन है कि इस पर कोई व्यवस्था ही नहीं बना पा रहा है।
byte- मरीज के परिजन।
byte- मरीज के परिजन।
byte- मरीज।
byte- डॉक्टर अतुल सिंह, सीएमओ संजय गांधी हॉस्पिटल।