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कोरोना की झाड़-फूंक करने वाले तांत्रिक की संक्रमण से मौत

कोरोना संक्रमित मरीजो का झाड़फूंक कर इलाज करने वाले तांत्रिक की संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो गई.

तांत्रिक की संक्रमण से मौत
तांत्रिक की संक्रमण से मौत
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Published : Apr 21, 2021, 3:31 AM IST

रीवा। मनगवां थाना क्षेत्र के तिवनी गांव में कोरोना से जुड़ा एक अलग ही मामला सामने आया है. जहां कोरोना संक्रमित मरीजो का झाड़फूंक कर इलाज करने वाले तांत्रिक की संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो गई. जानकारी के अनुसार, कुछ दिनों पहले ही तांत्रिक खुद कोरोना संक्रमित हो गया. जिसका इलाज रीवा के संजयगांधी अस्पताल में किया जा रहा था. वहीं, उपचार के दौरान तांत्रिक की मौत हो गई. तांत्रिक की मौत के बाद अस्पताल कर्मचारी उसके घर के बाहर शव रख कर वापस लौट गए.


झाड़फूंक कर कोरोना ठीक करने वाले तांत्रिक की कोरोना से मौत

दरअसल, चंद्रशेखर तिवारी (55) पिछले कई वर्षों से झाड़फूंक का काम किया करता था. उनके द्वारा संक्रमण से निजात दिलाने का भी दावा किया जा रहा था. लेकिन बीते दिनों तांत्रिक चंद्रशेखर तिवारी खुद ही कोरोना संक्रमित हो गए. उपचार के दौरान गंभीर अवस्था मे उनकी मौत हो गई. मौत की खबर के बाद गांव में सनसनी फैल गई. इस दौरान कोरोना के डर से तांत्रिक चंद्रशेखर के शव को किसी ने हाथ तक नहीं लगाया.


घर के बाहर शव रखकर वापस लौटे थे अस्पताल के कमर्चारी

कोरोना संक्रमण से मौत के बाद तांत्रिक के शव को देर शांम घर के बाहर रख कर अस्पताल के कर्मचारी वापस लौटे थे. शांम से रात हुई और रात से सुबह हो गई लेकिन शव के पास तक जाने में लोग डर रहे थे. कोरोना के खौफ की वजह से खुद तांत्रिक के परिवार वालो ने उनके शव को छुआ तक नहीं.



नहीं दिखा कोई अंतिम संस्कार में शामिल होने वाला

इस दौरान जब मृतक के अंतिम संस्कार की बारी आई तो लोगो ने अपने हाथ खड़े कर दिए. कोरोना संक्रमण के डर से न तो मृतक के घर वाले आए और न ही परिवार वाले. घटना की जानकारी जब सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हुई तो जिला प्रशासन के कान खड़े हो गए. प्रशासन ने तत्काल ही मनगवां एसडीएम केपी पाण्डेय के द्वारा नगर पंचायत मनगवां से तिवनी गांव के लिए एक टीम भेजी. जिसके बाद कोरोना संक्रमित तांत्रिक चंद्रशेखर तिवारी के शव को ट्रैक्टर पर रखकर शमशान घाट ले जाया गया. जहां पर नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा कोरोना प्रोटोकाल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया गया.



कोरोना संक्रमित बेटों से पॉजिटिव हुआ था तांत्रिक

ग्रामीणों की माने तो कुछ दिनों पहले मृतक चंद्रशेखर के दो लड़के बाहर से वापस अपने घर लौटे थे. जिनका स्वास्थ काफी खराब था. जिसके बाद जांच कराए जाने पर दोनो ही कोरोना संक्रमित पाए गए. बेटों के संपर्क में आकर खुद चद्रशेखर भी कोरोना संक्रमित हो गए. जिन्हें इलाज के लिए रीवा के संजयगांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई.


CM की दो टूक, 30 अप्रैल तक कराएं कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन


संक्रमित बेटों को एसडीएम ने कराया क्वारंटाइन

एसडीएम केपी पाण्डेय ने मृतक चंद्रशेखर तिवारी के दोनों बेटो को तिवनी गांव में ही स्थित क्वारंटाइन सेंटर में क्वारंटाइन करवाया है. इसके साथ ही स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों को निर्देश दिए गए है की. अगर इनके स्वास्थ में जल्द सुधार नहीं हो रहा है तो इन्हें रीवा स्थित संजयगांधी अस्पताल के कोविड वार्ड भेजा जाए. इसके साथ एसडीएम ने गांव वालों को समझाइस दी है की इस भीषण महामारी के दौरे में एक दूसरे की हरसंभव मदद करें. अफवाहों में जाएं और अगर किसी की मदद नहीं करना चाहते तो कम से कम स्थानीय प्रशासन को सूचना दें.







रीवा। मनगवां थाना क्षेत्र के तिवनी गांव में कोरोना से जुड़ा एक अलग ही मामला सामने आया है. जहां कोरोना संक्रमित मरीजो का झाड़फूंक कर इलाज करने वाले तांत्रिक की संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो गई. जानकारी के अनुसार, कुछ दिनों पहले ही तांत्रिक खुद कोरोना संक्रमित हो गया. जिसका इलाज रीवा के संजयगांधी अस्पताल में किया जा रहा था. वहीं, उपचार के दौरान तांत्रिक की मौत हो गई. तांत्रिक की मौत के बाद अस्पताल कर्मचारी उसके घर के बाहर शव रख कर वापस लौट गए.


झाड़फूंक कर कोरोना ठीक करने वाले तांत्रिक की कोरोना से मौत

दरअसल, चंद्रशेखर तिवारी (55) पिछले कई वर्षों से झाड़फूंक का काम किया करता था. उनके द्वारा संक्रमण से निजात दिलाने का भी दावा किया जा रहा था. लेकिन बीते दिनों तांत्रिक चंद्रशेखर तिवारी खुद ही कोरोना संक्रमित हो गए. उपचार के दौरान गंभीर अवस्था मे उनकी मौत हो गई. मौत की खबर के बाद गांव में सनसनी फैल गई. इस दौरान कोरोना के डर से तांत्रिक चंद्रशेखर के शव को किसी ने हाथ तक नहीं लगाया.


घर के बाहर शव रखकर वापस लौटे थे अस्पताल के कमर्चारी

कोरोना संक्रमण से मौत के बाद तांत्रिक के शव को देर शांम घर के बाहर रख कर अस्पताल के कर्मचारी वापस लौटे थे. शांम से रात हुई और रात से सुबह हो गई लेकिन शव के पास तक जाने में लोग डर रहे थे. कोरोना के खौफ की वजह से खुद तांत्रिक के परिवार वालो ने उनके शव को छुआ तक नहीं.



नहीं दिखा कोई अंतिम संस्कार में शामिल होने वाला

इस दौरान जब मृतक के अंतिम संस्कार की बारी आई तो लोगो ने अपने हाथ खड़े कर दिए. कोरोना संक्रमण के डर से न तो मृतक के घर वाले आए और न ही परिवार वाले. घटना की जानकारी जब सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हुई तो जिला प्रशासन के कान खड़े हो गए. प्रशासन ने तत्काल ही मनगवां एसडीएम केपी पाण्डेय के द्वारा नगर पंचायत मनगवां से तिवनी गांव के लिए एक टीम भेजी. जिसके बाद कोरोना संक्रमित तांत्रिक चंद्रशेखर तिवारी के शव को ट्रैक्टर पर रखकर शमशान घाट ले जाया गया. जहां पर नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा कोरोना प्रोटोकाल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया गया.



कोरोना संक्रमित बेटों से पॉजिटिव हुआ था तांत्रिक

ग्रामीणों की माने तो कुछ दिनों पहले मृतक चंद्रशेखर के दो लड़के बाहर से वापस अपने घर लौटे थे. जिनका स्वास्थ काफी खराब था. जिसके बाद जांच कराए जाने पर दोनो ही कोरोना संक्रमित पाए गए. बेटों के संपर्क में आकर खुद चद्रशेखर भी कोरोना संक्रमित हो गए. जिन्हें इलाज के लिए रीवा के संजयगांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई.


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संक्रमित बेटों को एसडीएम ने कराया क्वारंटाइन

एसडीएम केपी पाण्डेय ने मृतक चंद्रशेखर तिवारी के दोनों बेटो को तिवनी गांव में ही स्थित क्वारंटाइन सेंटर में क्वारंटाइन करवाया है. इसके साथ ही स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों को निर्देश दिए गए है की. अगर इनके स्वास्थ में जल्द सुधार नहीं हो रहा है तो इन्हें रीवा स्थित संजयगांधी अस्पताल के कोविड वार्ड भेजा जाए. इसके साथ एसडीएम ने गांव वालों को समझाइस दी है की इस भीषण महामारी के दौरे में एक दूसरे की हरसंभव मदद करें. अफवाहों में जाएं और अगर किसी की मदद नहीं करना चाहते तो कम से कम स्थानीय प्रशासन को सूचना दें.







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