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रतलाम: PM आवास योजना में हुए घोटाले में अब तक 5 आरोपी गिरफ्तार, जानें कैसे किया गया लाखों रुपए का गबन

रतलाम। बहुचर्चित पीएम आवास योजन में हुए घोटाले में रोजाना नई- नई परतें खुलती जा रही है. स्टेशन रोड़ थाना पुलिस ने निगम के अकाउंट और ऑडिट विभाग के दस्तावेजों की जांच में जुट गई है. पुलिस के मुताबिक फर्जी खातों में रुपये डालने और उसके ऑडिट का काम इन्हीं दो विभागों अधिकारियों के पास था.

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Published : Apr 8, 2019, 9:35 PM IST

रतलाम। बहुचर्चित पीएम आवास योजन में हुए घोटाले में रोजाना नई- नई परतें खुलती जा रही है. स्टेशन रोड़ थाना पुलिस ने निगम के अकाउंट और ऑडिट विभाग के दस्तावेजों की जांच में जुट गई है. पुलिस के मुताबिक फर्जी खातों में रुपये डालने और उसके ऑडिट का काम इन्हीं दो विभागों अधिकारियों के पास था.

पीएम आवास योजन घोटाले की जांच में जुटी पुलिस

मामले में टीआई राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 13 अपात्र लोगों के खातों में अवैध तरीके से एक-एक लाख रुपये डाले गए. वर्मा का कहना है कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है, जो भी लोग आरोपी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस घोटाले में 4 अप्रैल को गम के 2 सब इंजीनियर सुहास पंडित और महेश जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है. अब तक इस मामले में कुल 5 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
जून 2018 प्रधानमंत्री आवास योजना में चयनित 13 हितग्राहियों के नाम बदलकर फर्जी हितग्राहियों के नाम जोड़ दिए गए, जिसके बाद पैसा फर्जी खातों में डाल दिया गया.
ऐसे हुआ था घोटाले का पर्दाफाश

जून 2018 में निगम के बहुचर्चित पीएम आवास घोटाले का खुलासा तब हुआ था जब बजरंग नगर के 13 हितग्राहियों के नाम हटाकर उनकी जगह फर्जी हितग्राहियों के नाम जोड़ दिेए गए. इसके साथ ही इन फर्जी हितग्राहियों के खातों में एक-एक लाख रुपए भी डाल कर कुल 13 लाख रुपए का गबन किया गया. जब मामला सामने आया तो स्टेशन रोड थान पुलिस ने घोटले की जांच शुरू की. अब तक सेडमैप कंपनी के कर्मचारी सहित 5 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. इस घोटले में अकाउंट और ऑडिट विभाग की भूमिका को भी पुलिस संदिग्ध मान रही है. यह जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि ऑडिट और अकाउंट् विभाग के अधिकारियों की भूमिका कितनी संदिग्ध है.

रतलाम। बहुचर्चित पीएम आवास योजन में हुए घोटाले में रोजाना नई- नई परतें खुलती जा रही है. स्टेशन रोड़ थाना पुलिस ने निगम के अकाउंट और ऑडिट विभाग के दस्तावेजों की जांच में जुट गई है. पुलिस के मुताबिक फर्जी खातों में रुपये डालने और उसके ऑडिट का काम इन्हीं दो विभागों अधिकारियों के पास था.

पीएम आवास योजन घोटाले की जांच में जुटी पुलिस

मामले में टीआई राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 13 अपात्र लोगों के खातों में अवैध तरीके से एक-एक लाख रुपये डाले गए. वर्मा का कहना है कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है, जो भी लोग आरोपी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस घोटाले में 4 अप्रैल को गम के 2 सब इंजीनियर सुहास पंडित और महेश जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है. अब तक इस मामले में कुल 5 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
जून 2018 प्रधानमंत्री आवास योजना में चयनित 13 हितग्राहियों के नाम बदलकर फर्जी हितग्राहियों के नाम जोड़ दिए गए, जिसके बाद पैसा फर्जी खातों में डाल दिया गया.
ऐसे हुआ था घोटाले का पर्दाफाश

जून 2018 में निगम के बहुचर्चित पीएम आवास घोटाले का खुलासा तब हुआ था जब बजरंग नगर के 13 हितग्राहियों के नाम हटाकर उनकी जगह फर्जी हितग्राहियों के नाम जोड़ दिेए गए. इसके साथ ही इन फर्जी हितग्राहियों के खातों में एक-एक लाख रुपए भी डाल कर कुल 13 लाख रुपए का गबन किया गया. जब मामला सामने आया तो स्टेशन रोड थान पुलिस ने घोटले की जांच शुरू की. अब तक सेडमैप कंपनी के कर्मचारी सहित 5 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. इस घोटले में अकाउंट और ऑडिट विभाग की भूमिका को भी पुलिस संदिग्ध मान रही है. यह जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि ऑडिट और अकाउंट् विभाग के अधिकारियों की भूमिका कितनी संदिग्ध है.

Intro:नगर निगम रतलाम के बहुचर्चित पीएम आवास घोटाले में नगर निगम के दो सब इंजीनियर की गिरफ्तारी के बाद अब स्टेशन रोड़ थाना पुलिस ने निगम के अकाउंट और ऑडिट विभाग के दस्तावेजों की जाँच में जुटी है.पीएम आवास के फर्जी खातों में रुपये डालने और उसके ऑडिट का काम इन्ही दोनों विभागों अधिकारियों के हवाले था लेकिन अब लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है.गौरतलब है कि 4 अप्रेल को निगम के 2 सब इंजीनियर सुहास पंडित और महेश जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है.अब तक इस मामले में कुल 5 आरोपी गिरफ्तार हो चुके है. जून 2018 प्रधानमंत्री आवास योजना में चयनित 13 हितग्राहियों के नाम बदलकर फर्जी हितग्राहियों के नाम जोड़कर यह गबन किया गया था.





Body:गौरतलब है कि जून 2018 में निगम के बहुचर्चित पीएम आवास घोटाले का खुलासा हुआ था जिसमें बजरंग नगर के 13 हितग्राहियों के नामों में फेरबदल कर फर्जी हितग्राहियों के नाम षड्यंत्र पूर्वक जोड़कर 13 अपात्र हितग्राहियों के खाते से 13 लाख रुपये की राशि का गबन किया गया था. जांच उपरांत स्टेशन रोड थाने पर मामला दर्ज किया गया था जिसमें सेडमैप कंपनी के कर्मचारी दीपक कुमावत सहित 5 लोगों की गिरफ्तारी पूर्व में की जा चुकी है वहीं अब पुलिस अकाउंट और ऑडिट विभाग की भूमिका भी संदिग्ध मान रही है जिससे आरोपियों कज संख्या बढ़ने की उम्मीद है.इस मामले में पुलिस अब निगम के ऑडिट और अकाउंट्स विभाग की भूमिका की जाँच कर रही है.


Conclusion: पीएम आवास घोटाले में अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.जिसमें निगम के 2 सब इंजीनियर भी गिरफ्तार हो चुके है.स्टेशन रोड थाना पुलिस अब फर्जी खातों में रुपये ट्रांसफर करने वाले अकॉउंट विभाग और ऑडिट विभाग के अधिकारी कर्मचारियों से पूछताछ कर मामले से जुड़े पूरे नेटवर्क को उजागर करने में लगी है.

बाइट-01-राजेन्द्र वर्मा(टीआई स्टेशन रोड़ ,रतलाम)
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