उज्जैन : महाकालेश्वर मंदिर में 17 फरवरी से महाशिवरात्रि महोत्सव की भव्य शुरुआत होगी. ये आयोजन पूरे 10 दिन तक चलेगा. इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और इन्हें सुविधाएं देने के लिए महाकालेश्वर मंदिर समिति ने दर्शन व्यवस्था को और सरल-सुविधाजनक बनाने की रणनीति बनाई है. मंदिर समिति का कहना है कि भक्तों को आसानी से भगवान महाकाल के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो सके, इसकी तैयारियां की जा रही हैं.
श्रद्धालुओं की कहां और कैसे एंट्री व एग्जिट
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने इस बार दो प्रमुख बदलाव किए हैं. सभी प्रवेश द्वारों जैसे त्रिवेणी संग्रहालय, नीलकंठ द्वार और अवंतिका द्वार पर संकेतक लगाए जाएंगे, जिससे श्रद्धालुओं को सटीक मार्गदर्शन मिल सके. इसके अलावा टनल (सुरंग मार्ग) का पूर्ण क्षमता से उपयोग किया जाएगा, जिससे दर्शन प्रक्रिया में गति आएगी. सामान्य श्रद्धालु चारधाम पार्किंग से प्रवेश करेंगे और शक्ति पथ, त्रिवेणी संग्रहालय, नंदी द्वार, महाकाल लोक, मानसरोवर भवन, फेसिलिटी सेंटर-1 और टनल मार्ग से होते हुए गणेश मंडपम् पहुंचकर दर्शन कर सकेंगे. दर्शन के बाद श्रद्धालु आपातकालीन निर्गम द्वार से होते हुए हरसिद्धि मंदिर के पास से चारधाम मंदिर लौट सकेंगे.
वीआईपी और मीडिया प्रवेश की ऐसी रहेगी व्यवस्था
वीआईपी, वीवीआईपी और मीडिया के लिए नीलकंठ द्वार से प्रवेश की व्यवस्था की गई है. इनके वाहन विशेष पार्किंग क्षेत्र में रखे जाएंगे, जहां से वे महाकाल लोक, कंट्रोल रूम, शंख द्वार, निर्माल्य द्वार होते हुए सभा मंडपम् पहुंचेंगे. दर्शन के बाद इसी मार्ग से वापसी होगी. अवंतिका द्वार (गेट नंबर 1) से बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं को निःशुल्क दर्शन की सुविधा मिलेगी.
महाकाल लोक और हरसिद्धि मंदिर तिराहे पर प्रसाद वितरण केंद्र
इसके अलावा महाकाल लोक और हरसिद्धि मंदिर तिराहे पर प्रसाद वितरण केंद्र स्थापित किए जाएंगे. नीलकंठ द्वार पर आपातकालीन एंबुलेंस तैनात रहेंगी. इसके साथ ही भील समाज धर्मशाला, कलोता समाज धर्मशाला, हरिफाटक ब्रिज के नीचे हाट बाजार और मेघदूत पार्किंग स्थल पर वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है. श्रद्धालुओं को बस के माध्यम से मंदिर तक पहुंचाया जाएगा. दर्शन मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर अस्थायी पूछताछ केंद्र स्थापित किए जाएंगे. सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंट्रोल रूम से सीसीटीवी के माध्यम से निरीक्षण किया जाएगा.
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भीड़ बढ़ने पर दो अलग दर्शन मार्ग तैयार
श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने पर दो अलग दर्शन मार्ग खोले जाएंगे. पहला फेसिलिटी सेंटर-1 से मंदिर परिसर के निर्गम रैंप और नवीन टनल तक और दूसरा, फेसिलिटी सेंटर-1 से सीधे कार्तिकेय मंडपम् तक. महाकाल मंदिर सहायक प्रशासक मूलचंद्र जूनवाल ने बताया "मंदिर समिति और प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. श्रद्धालुओं इस पावन पर्व पर भगवान महाकाल के दर्शन का लाभ बिना किसी कठिनाई के हो सकें, इस प्रकार की व्यवस्था बनाई गई है."