ETV Bharat / state

ये अटपटे गांवों के नाम, इनमें रहते लोग तमाम, 'चोरपुरा' के वासी को छिपानी पड़ती क्यों पहचान - MORENA VILLAGES STRANGE NAMES

मुरैना जिले में दर्जनों गांवों के नाम ऐसे हैं कि जिसको लेने में ग्रामीणों को शर्म आती है. वे इसे बदलने की मांग कर रहे हैं. जानते हैं उन गांवों के अजीबोगरीब नाम.

MORENA VILLAGES STRANGE NAMES
मुरैना में दर्जनों गांवों के अजीबोगरीब नाम (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 11, 2025, 5:08 PM IST

Updated : Feb 11, 2025, 5:15 PM IST

मुरैना: अपने गांव-शहर का नाम लोग बड़े गर्व से लेते हैं, लेकिन क्या हो अगर गांव का नाम ऐसा अटपटा हो कि उसको किसी को बताने में शर्म महसूस हो. मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में दर्जनों गांवों के नाम ऐसे हैं कि वहां के निवासी इसका जिक्र करने में शर्माते हैं. ग्रामीण बाहर अपने गांव का नाम बताने के बजाय बगल के गांवों का अपने आप को बताते हैं. पीढ़ियों से चले आ रहे इन नामों को अब ग्रामीण बदलवाने के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. आपके बताते हैं उन गांवों का ऐसा क्या नाम है, जिसको लेने में ग्रामीण कतराते हैं.

दर्जनों गांवों के नाम को लेकर आपत्ति

मुरैना की सबलगढ़ विधानसभा में दर्जनों गांवों के नाम ऐसे हैं जिसको लेकर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है. इसमें हसेकापुरा, नरेकापुरा, भेंडेकापुरा, गुदाया, झोंडकापूरा और कूल्हाकापुरा, झेंद, कोंडेकापुरा जैसे गांवों का नाम शामिल है. सबलगढ़ के पूर्व विधायक बैजनाथ कुशवाहा ने बताया कि "प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब इन गांवों के नाम बदलने पर विचार किया जा रहा था, लेकिन सरकार चली गई." बैजनाथ कुशवाहा ने कहा, "मैं इन गांवों में जाकर ग्रामीणों से मिलूंगा और उनसे बात करूंगा कि गांव का नया नाम क्या रखा जाए. उनके सुझाव लेकर कलेक्टर और मुख्यमंत्री को जल्द आवेदन दूंगा."

चेंटी-चेंटी, भाई खाईकापुरा जैसे अजीबोगरीब नाम

इसी तरह जौरा विधानसभा की कैलारस तहसील में कई गांव ऐसे हैं जिनके नाम पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है. वो नाम चमगवां, लोंडूपुरा, धुंधीपुरा, धोबीपुरा, नाऊडांडा, गड़रियापुरा है. इसी तरह दिमनी विधानसभा के चेंटी-चेंटी, भाई खाईकापुरा, भिखारीपुरा और चोरपुरा जैसे गांव के नाम शामिल हैं. इसी तरह जौरा विधानसभा में भी करीब आधा दर्जन गांव हैं. जौरा विधायक पंकज उपाध्याय ने बताया कि "गांव का नाम बदलने के लिए लगभग 4 महीने पहले ही कलेक्टर और मुख्यमंत्री को आवेदन दिया था, लेकिन उसपर अभी तक कुछ नहीं हुआ है."

ग्रामीणों को गांव का नाम बताने में आती है शर्म

लोंडूपुरा गांव के काशीराम जाटव ने बताया कि "गांव का नाम अजीब है, इसलिए उसका नाम किसी को बताने में शर्म आती है. बच्चों के सगाई संबंध में भी गांव का नाम बताने और चिट्ठी में लिखवाने में शर्म लगती है. इसलिए कई लोग गांव छोड़कर मुरैना शहर में बस गए. इस गांव का नाम बदलना चाहिए."

'अगर कोई आवेदन आया तो जल्द भोपाल भेजा जाएगा'

मामले को लेकर मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना ने बताया कि "मुरैना जिले से किसी भी जनप्रतिनिधि का ऐसा कोई आवेदन नहीं आया है. जिसमें किसी गांव के नाम बदलने का उल्लेख हो. नाम बदलने के लिए संबंधित निकाय काे प्रस्ताव पारित कर उचित माध्यम से कलेक्टर को भेजना होगा. कलेक्टोरेट से प्रस्ताव अनुमोदित होने के लिए कैबिनेट में भेजे जाने का प्रावधान है. तब इस पर प्रक्रिया शुरू होती है. अगर जिले के किसी भी गांव के नाम बदलवाने को लेकर कोई भी आवेदन आता है तो जल्द भोपाल भेजा जायेगा."

मुरैना: अपने गांव-शहर का नाम लोग बड़े गर्व से लेते हैं, लेकिन क्या हो अगर गांव का नाम ऐसा अटपटा हो कि उसको किसी को बताने में शर्म महसूस हो. मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में दर्जनों गांवों के नाम ऐसे हैं कि वहां के निवासी इसका जिक्र करने में शर्माते हैं. ग्रामीण बाहर अपने गांव का नाम बताने के बजाय बगल के गांवों का अपने आप को बताते हैं. पीढ़ियों से चले आ रहे इन नामों को अब ग्रामीण बदलवाने के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. आपके बताते हैं उन गांवों का ऐसा क्या नाम है, जिसको लेने में ग्रामीण कतराते हैं.

दर्जनों गांवों के नाम को लेकर आपत्ति

मुरैना की सबलगढ़ विधानसभा में दर्जनों गांवों के नाम ऐसे हैं जिसको लेकर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है. इसमें हसेकापुरा, नरेकापुरा, भेंडेकापुरा, गुदाया, झोंडकापूरा और कूल्हाकापुरा, झेंद, कोंडेकापुरा जैसे गांवों का नाम शामिल है. सबलगढ़ के पूर्व विधायक बैजनाथ कुशवाहा ने बताया कि "प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब इन गांवों के नाम बदलने पर विचार किया जा रहा था, लेकिन सरकार चली गई." बैजनाथ कुशवाहा ने कहा, "मैं इन गांवों में जाकर ग्रामीणों से मिलूंगा और उनसे बात करूंगा कि गांव का नया नाम क्या रखा जाए. उनके सुझाव लेकर कलेक्टर और मुख्यमंत्री को जल्द आवेदन दूंगा."

चेंटी-चेंटी, भाई खाईकापुरा जैसे अजीबोगरीब नाम

इसी तरह जौरा विधानसभा की कैलारस तहसील में कई गांव ऐसे हैं जिनके नाम पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है. वो नाम चमगवां, लोंडूपुरा, धुंधीपुरा, धोबीपुरा, नाऊडांडा, गड़रियापुरा है. इसी तरह दिमनी विधानसभा के चेंटी-चेंटी, भाई खाईकापुरा, भिखारीपुरा और चोरपुरा जैसे गांव के नाम शामिल हैं. इसी तरह जौरा विधानसभा में भी करीब आधा दर्जन गांव हैं. जौरा विधायक पंकज उपाध्याय ने बताया कि "गांव का नाम बदलने के लिए लगभग 4 महीने पहले ही कलेक्टर और मुख्यमंत्री को आवेदन दिया था, लेकिन उसपर अभी तक कुछ नहीं हुआ है."

ग्रामीणों को गांव का नाम बताने में आती है शर्म

लोंडूपुरा गांव के काशीराम जाटव ने बताया कि "गांव का नाम अजीब है, इसलिए उसका नाम किसी को बताने में शर्म आती है. बच्चों के सगाई संबंध में भी गांव का नाम बताने और चिट्ठी में लिखवाने में शर्म लगती है. इसलिए कई लोग गांव छोड़कर मुरैना शहर में बस गए. इस गांव का नाम बदलना चाहिए."

'अगर कोई आवेदन आया तो जल्द भोपाल भेजा जाएगा'

मामले को लेकर मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना ने बताया कि "मुरैना जिले से किसी भी जनप्रतिनिधि का ऐसा कोई आवेदन नहीं आया है. जिसमें किसी गांव के नाम बदलने का उल्लेख हो. नाम बदलने के लिए संबंधित निकाय काे प्रस्ताव पारित कर उचित माध्यम से कलेक्टर को भेजना होगा. कलेक्टोरेट से प्रस्ताव अनुमोदित होने के लिए कैबिनेट में भेजे जाने का प्रावधान है. तब इस पर प्रक्रिया शुरू होती है. अगर जिले के किसी भी गांव के नाम बदलवाने को लेकर कोई भी आवेदन आता है तो जल्द भोपाल भेजा जायेगा."

Last Updated : Feb 11, 2025, 5:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.