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पुलिया टूटने के बाद भी आवागमन जारी, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

राजगढ़ में लोकनिर्माण विभाग की लापरवाही के चलते कंतोडा रोड कि दो पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई जिसके बाद यहां आवागमन बंद कर दिया गया.  विभाग ने सुरक्षा के नाम पर सावधान का बोर्ड लगाया है.

पुलिया टूटने के बाद भी आवागमन जारी
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Published : Aug 28, 2019, 11:58 PM IST

राजगढ़। बारिश के चलते कंतोड़ा बाईपास मार्ग पूरी तरह से छतिग्रस्त हो चुका था. लेकिन लोकनिर्माण विभाग ने इस सड़क मार्ग पर भारी वाहनों के प्रवेश पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई थी. ऐसे में भारी वाहनों के आवागमन से पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई. जिससे सड़क मार्ग बंद कर दिया गया है.

पुलिया टूटने के बाद भी आवागमन जारी

जिम्मेदार अधिकारियों ने राहगीरों की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ सावधान का बोर्ड लगा दिया. इसकी सूचना मिलने पर तहसीलदार राजन शर्मा ने मोके पर पहुंचकर मार्ग के दोनों और बैरीकेट लगाने के आदेश दिए जिसके बाद आवागमन को बंद कर दिया गया.
बैरीकेट और सावधान का बोर्ड लगाने के बाद भी एक रेत से भरा ट्रक पुलिया से निकला. जो पुलिया में फंस गया. कंतोड़ा मार्ग निर्माण के लिए विभाग द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई थी जिसमे 21 लाख 45 हजार रुपए की लागत से कंतोड़ा मार्ग का निर्माण किया जाना सुनिश्चित है, लेकिन विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की लापरवाही कार्यप्रणाली के चलते छतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत तक नहीं की जा रही है.

राजगढ़। बारिश के चलते कंतोड़ा बाईपास मार्ग पूरी तरह से छतिग्रस्त हो चुका था. लेकिन लोकनिर्माण विभाग ने इस सड़क मार्ग पर भारी वाहनों के प्रवेश पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई थी. ऐसे में भारी वाहनों के आवागमन से पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई. जिससे सड़क मार्ग बंद कर दिया गया है.

पुलिया टूटने के बाद भी आवागमन जारी

जिम्मेदार अधिकारियों ने राहगीरों की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ सावधान का बोर्ड लगा दिया. इसकी सूचना मिलने पर तहसीलदार राजन शर्मा ने मोके पर पहुंचकर मार्ग के दोनों और बैरीकेट लगाने के आदेश दिए जिसके बाद आवागमन को बंद कर दिया गया.
बैरीकेट और सावधान का बोर्ड लगाने के बाद भी एक रेत से भरा ट्रक पुलिया से निकला. जो पुलिया में फंस गया. कंतोड़ा मार्ग निर्माण के लिए विभाग द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई थी जिसमे 21 लाख 45 हजार रुपए की लागत से कंतोड़ा मार्ग का निर्माण किया जाना सुनिश्चित है, लेकिन विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की लापरवाही कार्यप्रणाली के चलते छतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत तक नहीं की जा रही है.

Intro:लोकनिर्माण विभाग कि लापरवाह कार्यप्रणाली उजागर
कंतोडा रोड कि दो पुलिया क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बन्द
दो माह पूर्व विभाग ने सावधान का बोर्ड लगाकर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ा
नरसिंहगढ़
लोक निर्माण विभाग की लापरवाह कार्यप्रणाली के चलते हुए कंतोड़ा बाईपास मार्ग जो तीन किलोमीटर पूर्ण रुप से छतिग्रस्त हो चुका है।दो माह पूर्व जब पुलिया छतिग्रस्त हुई तब विभाग को पुलिया के छतिग्रस्त होने की सूचना मिली तो विभाग के जवाबदारो द्वारा मात्र सावधान का बोर्ड लगाकर अपने कर्त्तव्य कि इत्रश्री कर ली गयीं। सुबह जब नागरिकों द्वारा पुलिया छतिग्रस्त देखी तो तुरंत मीडिया को अवगत कराया जहा मीडिया कर्मियों ने मामले को संज्ञान में लेते हुए समस्त अधिकारियों को अवगत कराया। तहसीलदार राजन शर्मा ने तुरंत मोके पर पहुंचकर मार्ग के दोनों और वेरीकैट लगाए जाकर आवागमन को बंद कर दिया गया था।
Body:जान जोखिम में डालकर छतिग्रस्त पुलया के ऊपर से वाहन निकाल रहे है

बेरीकैट लगाने के बाद भी बस संचालक वेरीकैट को हटाकर यात्रीयो की जान जोखिम में डालकर क्षतिग्रस्त पुलिया के ऊपर से वाहन निकाल रहे हैं।कंतोडा रोड इतना जोखिम भरा है कि गड्ढे में गड्ढा और तो और दूर-दूर तक सड़क का कहि भी पता नही चलता वही सूचना बोर्ड लगा होने के बाद भी बुधवार की सुबह ट्रक जोकि रेत से लबालब भरा हुआ था याने कि ओवरलोड होने के पस्चात भी पुलया से निकालने के चक्कर मे पुलिया के पास फस गया।जिससे आवागमन पूर्ण रूप से बाधित हो गया। लोक निर्माण विभाग के एसडीओ राजाराम अहिरवार को सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपना मोबाइल बंद कर लिया और जब मामले की जानकारी जिले के मुख्यकार्यपालन अधिकारी अजय वेन को दी गई तो कहा कि मैं अभी आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में हूं
Conclusion:विभागीय अधिकारी कितने जवाबदार

अधिकारी कि कार्यप्रणाली से अंदाजा लगाया जासकता है कि अपने कर्तव्य का कितनी जवाबदारी के साथ पालन कर रहे है।ऐसे लापरवाह अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कि जाना चाहिए।
कंतोडॉ मार्ग निर्माण के लिए विभाग द्वारा 30 मई को विज्ञप्ति जारी की जाचुकी है जिसमे 21 लाख 45 हजार रुपए की लागत से कनतोड़ा मार्ग का निर्माण किया जाना सुनिश्चित है। परंतु विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की लापरवाही कार्यप्रणाली के चलते हुए छतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत भी नहीं की जारही है यहां तक कि उसके गड्ढों को भी नहीं भरा जा रहा है जिसके परिणाम स्वरूप मार्ग बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो जाने के पश्चात भी विभाग द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दियाजारहा है जबकि विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त मार्गों के रखरखाव व मेंटेनेंस के नाम पर कागजी पाना खानापूर्ति की जाकर अपने चहते ठेकेदार के नाम पर लाखों रुपए के फर्जी बिल वाउचर लगाए जाकर राशि का आहरण किया जाता रहा है। जो की जांच का विषय है।
बाईट - राहगीर
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