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सरकारी हॉस्टल के एक कमरे में 20 से अधिक छात्राएं रहने को मजबूर, पढ़ाई पर भी पड़ रहा असर - 20 girl in one room

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत बने बालिका छात्रावास के एक कमरे में 20 से ज्यादा छात्राएं रहने को मजबूर हैं. इस ओर न तो अधिकारियों का ध्यान है और ना ही विभाग का.

सरकारी हॉस्टल में छात्राएं परेशान
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Published : Jul 27, 2019, 2:02 PM IST

राजगढ़। जीरापुर के सरकारी गर्ल्स हॉस्टल में रह रही छात्राओं को एक नहीं बल्कि कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आलम ये है कि एक कमरे में 20 से अधिक छात्राएं रहने को मजबूर हैं.

एक कमरे में 20 से अधिक छात्राएं रहने को मजबूर

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत आने वाले बालिका छात्रावास में सिर्फ 3 कमरे मौजूद हैं. हर कमरे में लगभग 20 से अधिक बच्चियां रहकर पढ़ाई कर रही हैं. इस तरह से ठूंस-ठूंस कर रहने से उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है, हालांकि 3 साल पहले नया छात्रावास तैयार हो चुका है, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग की उदासीनता के चलते छात्रावास शिक्षा विभाग को नहीं मिला, जिससे छात्राएं पिछले तीन सालों से परेशान हो रही हैं.

नया हॉस्टल खंडहर में हो रहा तब्दील
इतना ही नहीं नया हॉस्टल बनने के बाद खंडहर हो रहा है, उसमें असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. इन लोगों ने बिल्डिंग की खिड़कियां तोड़ दीं और उसमें लगी ट्यूबवेल की मोटर भी चुराकर ले गए. छात्राओं का कहना है कि एक कमरे में करीब 30 छात्राओं को रहने से काफी समस्या होती है.
हॉस्टल की अधीक्षक कल्पना गुर्जर का कहना है कि वे आला अधिकारियों को छात्रों को होने वाली समस्या से अवगत करा चुकी हैं. जिस पर अधिकारियों ने छात्राओं के अगस्त माह तक नए हॉस्टल में शिफ्ट कराने की बात कही है.


वहीं जिला शिक्षा अधिकारी बीएस बिसोरिया का कहना है कि हॉस्टल में कुछ कमियां पाई गई थीं, जिस पर जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति उठाते हुए हॉस्टल को शिफ्ट नहीं करने के लिए कहा था. उन कमियों को पूरा करने के संबंध में पीडब्ल्यूडी विभाग से संपर्क किया जा रहा है, जिससे जल्द ही बच्चों को नए हॉस्टल में शिफ्ट किया जा सके.

राजगढ़। जीरापुर के सरकारी गर्ल्स हॉस्टल में रह रही छात्राओं को एक नहीं बल्कि कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आलम ये है कि एक कमरे में 20 से अधिक छात्राएं रहने को मजबूर हैं.

एक कमरे में 20 से अधिक छात्राएं रहने को मजबूर

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत आने वाले बालिका छात्रावास में सिर्फ 3 कमरे मौजूद हैं. हर कमरे में लगभग 20 से अधिक बच्चियां रहकर पढ़ाई कर रही हैं. इस तरह से ठूंस-ठूंस कर रहने से उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है, हालांकि 3 साल पहले नया छात्रावास तैयार हो चुका है, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग की उदासीनता के चलते छात्रावास शिक्षा विभाग को नहीं मिला, जिससे छात्राएं पिछले तीन सालों से परेशान हो रही हैं.

नया हॉस्टल खंडहर में हो रहा तब्दील
इतना ही नहीं नया हॉस्टल बनने के बाद खंडहर हो रहा है, उसमें असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. इन लोगों ने बिल्डिंग की खिड़कियां तोड़ दीं और उसमें लगी ट्यूबवेल की मोटर भी चुराकर ले गए. छात्राओं का कहना है कि एक कमरे में करीब 30 छात्राओं को रहने से काफी समस्या होती है.
हॉस्टल की अधीक्षक कल्पना गुर्जर का कहना है कि वे आला अधिकारियों को छात्रों को होने वाली समस्या से अवगत करा चुकी हैं. जिस पर अधिकारियों ने छात्राओं के अगस्त माह तक नए हॉस्टल में शिफ्ट कराने की बात कही है.


वहीं जिला शिक्षा अधिकारी बीएस बिसोरिया का कहना है कि हॉस्टल में कुछ कमियां पाई गई थीं, जिस पर जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति उठाते हुए हॉस्टल को शिफ्ट नहीं करने के लिए कहा था. उन कमियों को पूरा करने के संबंध में पीडब्ल्यूडी विभाग से संपर्क किया जा रहा है, जिससे जल्द ही बच्चों को नए हॉस्टल में शिफ्ट किया जा सके.

Intro:विभागों की उदासीनता की वजह से 3 साल से लगातार परेशानी झेल रही है घर से बाहर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने वाली छात्राएं, एक कमरे में 20 से अधिक बच्चियां रहने को है मजबूर, छात्रावास के बाहर भी कर रखा है लोगों ने अतिक्रमण, झुग्गी झोपड़ियां और अन्य अराजक तत्व रहते हैं छात्रावास के आस-पास।


Body:मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की जीरापुर में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत आने वाले बालिका छात्रावास मैं सिर्फ तीन कमरे मौजूद है और उनमें हर कमरे में लगभग 20 से अधिक बच्चियां रहकर पढ़ाई करने को मजबूर है ,मां बाप अपने बच्चों को दिल पर पत्थर रखकर अपने से दूर करते हैं ताकि उनका बच्चा बाहर हॉस्टल में रहकर अच्छे से पढ़ाई कर सके, परंतु इसकी हकीकत कुछ और ही बयां करती है जब हम बालिका छात्रावास में देखते है कि छात्राओं को रहने के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही है और वे एक कमरे में 20 से अधिक छात्राएं रहने को मजबूर है। चाहे मध्य प्रदेश सरकार कितने ही रुपए पढ़ाई के ऊपर खर्च कर दें और बालिकाओं के रहने के लिए अच्छी से अच्छी सुविधाएं मुहैया करा दे ,परंतु इसकी जमीनी हकीकत का पता जीरापुर में लगता है जब बालिकाओं को एक कमरे में 20 से अधिक छात्राओं को मजबूरी में रहना पड़ता है और एक पलंग पर दो बालिकाओं को सोना पड़ता है ,वही आप सोच सकते हैं कि कैसे एक कमरे में 20 छात्राएं एक कमरे में रहती होंगी और किस प्रकार उनकी पढ़ाई होती होगी।

3 साल पहले हो चुका है नया छात्रावास तैयार,2016 में हो चुका है लोकार्पण :-

वहीं छात्राओं को रहने के लिए एक नया छात्रावास 3 साल पहले ही बनकर तैयार हो चुका है और उसका लोकार्पण 2016 में वर्तमान सांसद रोडमल नागर और पूर्व विधायक हजारीलाल दांगी द्वारा किया जा चुका है परंतु पिअइयू विभाग की उदासीनता के कारण यह छात्रावास अभी तक शिक्षा विभाग को नहीं मिल पाया है जिसके वजह से छात्राओं को पिछले 3 सालों से इन तीन कमरों में ही अपना रहनिवास करना पड़ रहा है और लगातार उनकी पढ़ाई इससे प्रभावित हो रही है।

"नया हॉस्टल हो रहा है खंडार और बन चुका है शराबियों का अड्डा" :-

वही नया हॉस्टल की कांच खिड़कियां अराजक तत्वों द्वारा तोड़ दी गई है और उसमें लगी ट्यूबवेल की मोटर भी चोरों द्वारा चुरा ली गई और वहीं लगातार कौशल का उपयोग ना होने के कारण हॉस्टल खराब होना शुरू हो गया है और वह धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है वही हॉस्टल में किसी का रहा नहीं वास नहीं होने के कारण और ठीक से उसकी सुरक्षा नहीं होने के कारण वहां पर लोगों द्वारा शराब पी जा रही है और वह धीरे-धीरे वह शराबियों का अड्डा बनता जा रहा है।




Conclusion:वहीं हॉस्टल के बारे में जब वहां पर रहने वाली छात्राओं से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम एक कमरे में लगभग 30 बालिकाएं रहती हैं और हम लोगों को पढ़ाई करने में काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है।
वहीं हॉस्टल की अधीक्षक कल्पना गुर्जर ने कि हमने वरिष्ठ अधिकारियों को बच्चियों की परेशानियों के बारे में लगातार सूचित कर रहे हैं और हां बच्चियों को यहां पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है वहीं अभी हमने इस बार भी अधिकारियों को बताया था तो उन्होंने अगस्त में हॉस्टल शिफ्ट करने की बात कही है

हॉस्टल के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी बीएस बिसोरिया ने बताया कि पहले हॉस्टल में कुछ कमियां पाई गई थी जिस पर जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति उठाते हुए हॉस्टल को शिफ्ट नहीं करने के लिए कहा था और उसको जल्द से जल्द रिपेयर करने के लिए कहा था, वहीं हमने इस बारे में पीआईयू को लगातार संपर्क कर रहे हैं कि हमारा हॉस्टल जल्द से जल्द तैयार करके हमें सुपुर्द किया जाए जिससे हम अगले दिन बच्चियों को वहां पर शिफ्ट कर सके,पीआईयू ने हमसे दो-तीन दिन का समय और मांगा है जिससे वह हॉस्टल को पूरी तरह तैयार कर सके, वहीं इस बारे में हमने कलेक्टर को भी सूचित कर रखा है।


विसुअल

छात्राओं के होस्टल के,एक कमरे में 20 से अधिक छात्राएं पड़ते हुए
नए होस्टल के,नए होस्टल में शराब की बोतल,टूटा हुआ नया होस्टल

बाइट

होस्टल में रहने वाली छात्राओं की
हॉस्टल अधीक्षिका कल्पना गुर्जर
जिला शिक्षा अधिकारी बी एस बिसोरिया
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