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रायसेन: घटिया बारदानों के इस्तेमाल से बर्बाद हो रहा हजारों क्विंटल अनाज

शासन द्वारा गेहूं खरीदी का ठेका नागरिक आपूर्ति निगम (नान) को दिया गया है. जिसमें घटिया क्वालिटी का बारदाना प्लास्टिक की बोरिया खरीदी केंद्रों को उपलब्ध कराई गई हैं.जो की धूप लगते ही दो-तीन दिनों में ही फट जा रहा है.

घटिया बारदानों के इस्तेमाल से बर्बाद हो रहा अनाज
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Published : May 27, 2019, 5:15 PM IST

रायसेन। प्रदेश शासन ने गेहूं खरीदी करने का टेंडर नागरिक आपूर्ति निगम को दिया गया है. जिसमें घटिया क्वालिटी के बारदाने का इस्तेमाल किया जा रहा है. जो की धूप लगते ही दो-तीन दिनों में ही फट जा रहा है. खाद्य विभाग अधिकारी सतीश राय ने बताया कि उपार्जन केंद्रों पर जाकर पंचनामा बना लिया गया है और शीघ्र ही कलेक्टर के समक्ष इस विषय में चर्चा की जाएगी.

घटिया बारदानों के इस्तेमाल से बर्बाद हो रहा अनाज

शासन द्वारा गेहूं खरीदी का ठेका नागरिक आपूर्ति निगम (नान) को दिया गया है. जिसमें घटिया क्वालिटी का बारदाना प्लास्टिक की बोरिया खरीदी केंद्रों को उपलब्ध कराई गई हैं. जोकि प्राइम टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता की प्लास्टिक बोरिया है. जिसमें माल रखने पर धूप लगने से 3 से 4 दिन में ही बारदाना फट रहा है और हजारों क्विंटल अनाज खराब हो रहा है. खरीदी केंद्र संचालकों को दोबारा माल की पैकिंग करानी पड़ रही है.
वहीं दूसरी ओर गेहूं का परिवहन नियमानुसार 24 घंटे में किया जाना अनिवार्य है. नॉन द्वारा गेहूं परिवहन में भी भारी अनियमितताएं देखी जा रही हैं. गेहूं का परिवहन 10 से 15 दिन में हो रहा है. इस संबंध में समिति प्रबंधक और खाद विभाग के अधिकारियों ने जिला कलेक्टर सहित संबंधित विभाग के आला अधिकारियों को इस मामले की जानकारी देने की बात कही है.

रायसेन। प्रदेश शासन ने गेहूं खरीदी करने का टेंडर नागरिक आपूर्ति निगम को दिया गया है. जिसमें घटिया क्वालिटी के बारदाने का इस्तेमाल किया जा रहा है. जो की धूप लगते ही दो-तीन दिनों में ही फट जा रहा है. खाद्य विभाग अधिकारी सतीश राय ने बताया कि उपार्जन केंद्रों पर जाकर पंचनामा बना लिया गया है और शीघ्र ही कलेक्टर के समक्ष इस विषय में चर्चा की जाएगी.

घटिया बारदानों के इस्तेमाल से बर्बाद हो रहा अनाज

शासन द्वारा गेहूं खरीदी का ठेका नागरिक आपूर्ति निगम (नान) को दिया गया है. जिसमें घटिया क्वालिटी का बारदाना प्लास्टिक की बोरिया खरीदी केंद्रों को उपलब्ध कराई गई हैं. जोकि प्राइम टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता की प्लास्टिक बोरिया है. जिसमें माल रखने पर धूप लगने से 3 से 4 दिन में ही बारदाना फट रहा है और हजारों क्विंटल अनाज खराब हो रहा है. खरीदी केंद्र संचालकों को दोबारा माल की पैकिंग करानी पड़ रही है.
वहीं दूसरी ओर गेहूं का परिवहन नियमानुसार 24 घंटे में किया जाना अनिवार्य है. नॉन द्वारा गेहूं परिवहन में भी भारी अनियमितताएं देखी जा रही हैं. गेहूं का परिवहन 10 से 15 दिन में हो रहा है. इस संबंध में समिति प्रबंधक और खाद विभाग के अधिकारियों ने जिला कलेक्टर सहित संबंधित विभाग के आला अधिकारियों को इस मामले की जानकारी देने की बात कही है.

Intro:मप्र शासन द्वारा गेंहू खरीदी करने का टेंडर नागरिक आपूर्ति निगम(नॉन) को दिया गया है जिसमें घटियां क्वालिटी के बारदाने का इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि प्राइम टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता की प्लास्टिक बोरिया है जो कि धूप लगते ही दो-तीन में यह बारदाना फट रहा और सड़ रहा है जिससे अनाज जमीन पर बगर रहा है हजारों क्विंटल अनाज जमीन पर फैला हुआ है और खरीदी केंद्रों को दोबारा अनाज की पैकिंग करवानी पड़ रही है जिससे दोबारा से हम्माली माल की पैकिंग और बारदाना बुलवाना पढ़ रहा है प्रश्न यह उठता है कि इतनी घटिया क्वालिटी का बारदाना किन प्रक्रियाओं से पास होकर अनाज की पैकिंग के उपयुक्त चुना गया और इतने बड़े नुकसान का जिम्मेदार कौन होता है और उस पर क्या कार्रवाई की जाती है अब देखना यह होगा कि नुकसान के खर्च की जिम्मेदारी किसके जिममें आती है यह समिति प्रबंधकों में चिंता का विषय बना हुआ है।


Body:वहीं शासन द्वारा गेहूं खरीदी का ठेका नागरिक आपूर्ति निगम नान को दिया गया है जिसमें घटिया क्वालिटी का बारदाना प्लास्टिक की बोरिया खरीदी केंद्रों को उपलब्ध कराई गई हैं जोकि प्राइम टेक्नो प्लास्टिक प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता की है जिसमें माल रखने पर धूप लगने से 3 से 4 दिन में ही बारदाना धूप की वजह से फट रहा है और अनाज बगैर रहा है जिससे हजारों क्विंटल अनाज मिट्टी में मिल रहा है और खरीदी केंद्र संचालकों को दोबारा माल की पैकिंग करानी पड़ रही है वहीं दूसरी ओर गेहूं का परिवहन नियम अनुसार 24 घंटे में किया जाना अनिवार्य है नॉन द्वारा गेहूं परिवहन में भी भारी अनियमितताएं देखी जा रही हैं गेहूं का परिवहन 10 से 15 दिन में हो रहा है जिस कारण से भी धूप में पड़े पड़े अनाज की बोरियां बेकार हो रही है अब समिति प्रबंधकों में चिंता का विषय यह है कि दोबारा से हो रहे खर्च जिसमें हम्माली बोरियों की सिलाई दोबारा मंगाए गए बार दाने के खर्च का हर्जाना किसे भुगतना होगा इस संबंध में समिति प्रबंधक और खाद विभाग के अधिकारियों ने जिला कलेक्टर सहित संबंधित विभाग के आला अधिकारियों को इस मामले की जानकारी देने की बात कही वहीं अब देखना यह होगा कि गुणवत्ता हीन बारदाना आखिर प्राइम टेक्नोप्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता से क्यों खरीदा गया और इस विषय में किस पर कार्रवाई होती है।

Byte-सतीश राय(खाद विभाग अधिकारी)।


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