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बैल की जगह बेटे चलवा रहे हल, गरीबी की मार झेल रहा यह किसान - किसान रविंद्र कुशवाहा

रायसेन के उमरहारी गांव में एक किसान रविंद्र कुशवाहा के दोनों बेटे पिता की मदद के लिए बैल की जगह खुद हल बनकर जुताई करने को मजबूर हैं.

बैल की जगह बेटे चलवा रहे हल
बैल की जगह बेटे चलवा रहे हल
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Published : Jan 7, 2020, 9:51 PM IST

Updated : Jan 7, 2020, 11:47 PM IST

रायसेन। जिले के बेगमगंज के उमरहारी गांव में एक किसान के दोनों बेटे पिता की मदद के लिए बैल की जगह खुद हल बनकर जुताई करने को मजबूर हैं. आर्थिक तंगी के चलते किसान बैल नहीं खरीद सकता इसलिए उसके बेटे ऐसा करने को मजबूर हैं.

पिता हल संभाल कर भूमि को बोवनी के लिए तैयार करता है, वहीं बेटे हल के आगे खड़े होते हैं. एक बेटा 11 वहीं दूसरा 13 साल का है. दोनों बच्चे अपनी पढ़ाई भी करते हैं. साथ ही दोनों बेटे पिता की मदद भी करते हैं.

गरीब किसान बेटों से बैल की जगह हल चलवाने को मजबूर

किसान रविंद्र कुशवाहा काफी समय से पेट की गंभीर बीमारी से परेशान है. ऐसे में उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं, फिर वह बैल कैसे खरीदे. किसान रविंद्र कुशवाहा की यह स्थिति केंद्र और राज्य सरकार की किसानों के नाम पर चलाई जा रही योजनाओं की पोल खोल रही है.

रायसेन। जिले के बेगमगंज के उमरहारी गांव में एक किसान के दोनों बेटे पिता की मदद के लिए बैल की जगह खुद हल बनकर जुताई करने को मजबूर हैं. आर्थिक तंगी के चलते किसान बैल नहीं खरीद सकता इसलिए उसके बेटे ऐसा करने को मजबूर हैं.

पिता हल संभाल कर भूमि को बोवनी के लिए तैयार करता है, वहीं बेटे हल के आगे खड़े होते हैं. एक बेटा 11 वहीं दूसरा 13 साल का है. दोनों बच्चे अपनी पढ़ाई भी करते हैं. साथ ही दोनों बेटे पिता की मदद भी करते हैं.

गरीब किसान बेटों से बैल की जगह हल चलवाने को मजबूर

किसान रविंद्र कुशवाहा काफी समय से पेट की गंभीर बीमारी से परेशान है. ऐसे में उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं, फिर वह बैल कैसे खरीदे. किसान रविंद्र कुशवाहा की यह स्थिति केंद्र और राज्य सरकार की किसानों के नाम पर चलाई जा रही योजनाओं की पोल खोल रही है.

Intro:रायसेन-न शिवराज सरकार और ना ही कमलनाथ सरकार किसान की नहीं हो सकी तो वही अन्नदाता आज भी परेशानी से जूझ रहा है कभी महंगाई की मार तो कभी खाद की मार तो कभी बिजली की मार तो कभी प्रकृति की मार झेल रहा किसान इसका जीता जागता उदाहरण रायसेन जिले के बेगमगंज के उमरहारी गांव में देखने को मिला जहां एक किसान के दोनों बेटे बैल बनकर पिता की किसानी में हल में जुतकर जुताई करने को मजबूर है आर्थिक तंगी के चलते किसान बैल नहीं खरीद सकता।रायसेन से स्पेशल रिपोर्ट...


Body:रायसेन जिले के अंतिम छोर पर बेगमगंज जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत उमरहारी गांव में किसानों के नाम पर तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद एक किसान परिवार को खेती के लिए बैल की तरह हल में पिता को आर्थिक तंगी के चलते अपने पुत्रों को बैलों की तरह जोतना पड़ता है और पिता हल संभाल कर भूमि को बोवनी के लिए तैयार करता है इस पूरे काम में किसान के छोटे-छोटे बच्चे भी साथ दे रहे हैं एक 13 साल का कृष्ण कुमार और एक 11 साल का शिवकुमार कुमार जो कक्षा आठवीं और छठवीं के छात्र हैं उमरहारी गांव के रविंद्र कुशवाहा की यह स्थिति देखकर किसान के क्षेत्र में केंद्र एवं राज्य सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं के मुंह पर करारा तमाचा है किसान रविंद्र कुशवाहा के परिवार में पत्नी के साथ दो बेटे हैं घर के नाम पर गांव में छोटी सी झोपड़ी और खेती के लिए सिर्फ 2 एकड़ जमीन जिसमें से 1 एकड़ जमीन मसूर बावरी बांध बनने में डूब क्षेत्र में आ गई। अब केवल 1 एकड़ भूमि ही बची है जिस पर किसान खेती करता है और अपनी आजीविका चलाता है बाकी समय परिवार मजदूरी कर अपनी जीवन लीला संचालित कर रहा है क्षेत्र के अन्नदाता छोटे किसान की हालत यह है कि खेती के कार्य में वह बैल भी नहीं खरीद सकता है अपनी 1 एकड़ भूमि को रविंद्र कुशवाहा अन्नदाता किसान समय पर तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत से खेती का कार्य करते हैं जबकि सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाओं से किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है लेकिन उमरहारी गांव के किसान की स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि तमाम सरकारी योजनाएं केवल कागजों में संचालित हो रही हैं तो वहीं ऐसी में बैठकर अधिकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं वही चिलचिलाती धूप में बोनी के लिए खेत को तैयार कर रहे अन्नदाता किसान अपनी आर्थिक स्थिति के कारण स्वयं बेल का कार्य कर रहे हैं 3 साल से किसान बीमार चल रहा है जिसे पेट से संबंधित बीमारी है। इसके बावजूद किसान को शासन प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली।

Byte-रविंद्र कुशवाहा किसान।

Byte-यशोदा पत्नी।

Byte-कृष्ण कुमार बेटा।

Byte-श्री राम पटेल पड़ोसी।

Byte-सृष्टि राजपूत शिक्षिका।

Byte-मनोज पंथी तहसीलदार।


Conclusion:
Last Updated : Jan 7, 2020, 11:47 PM IST
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