पन्ना। किसान बिल को लेकर देशभर में किसान संगठनों और विपक्षी दलों का पिछले कई दिनों से उग्र विरोध प्रदर्शन जारी है, वहीं इस मुद्दे पर एनडीए में भी दरार पड़ गई है. इस मामले पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए आज पन्ना में भाजपा कार्यालय में पार्टी के जिलाध्यक्ष राम बिहारी चौरसिया द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें बीजेपी के पूर्व जिला महामंत्री सुशील त्रिपाठी ने पत्रकारों से विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए तीनों विधेयकों के लाभ और इनके विरोध के पीछे की राजनीति को लेकर विपक्ष पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने बताया कि कृषि सुधार विधेयकों के पास होने से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा. किसान नियम कानून के बंधन से आजाद होंगे. किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने में विवश होना पड़ेगा.
इससे कृषि क्षेत्रों को जहां अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा. वहीं अन्नदाता किसान भाई आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त होंगे, न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीदी की व्यवस्था बनी रहेगी. यह विधेयक किसानों को अपनी फसल के भंडारण बिक्री की आजादी देंगे और उन्हें बिचौलियों के चंगुल से मुक्त करेंगे जिससे उनका आर्थिक लाभ होगा.
भाजपा नेता सुशील त्रिपाठी ने विपक्षी दल कांग्रेस पर कृषि सुधार विधेयक को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने शुरू से ही देश के किसानों को कानून के नाम पर जकड़ रखा है. आज तक तो किसानों के हित में कोई फैसला लिया नहीं और आज जब मोदी सरकार के द्वारा बहुप्रतीक्षित कृषि सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं, तो किसानों को गुमराह किया जा रहा है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेसी और दूसरे विपक्षी दल देश के किसानों के बीच भ्रम फैला कर उन्हें भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. किसानों को गुमराह कर राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है. जबकि कांग्रेस ने 2019 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में एपीएमसी हटाने की बात की थी. उन्होंने किसानों को सच्चाई बताने जनजागरण अभियान चलाने की बात कही.