नीमच। प्रदेशभर में नीमच जिले की भरभड़िया ही एक मात्र पंचायत हैं, जिसे चाइल्ड फ्रेंडली अवार्ड मिला है. ये अवार्ड पंचायत में शून्य फीसदी कुपोषण के लिए मिला है. भरभड़िया पंचायत में एक भी कुपोषित बच्चा नहीं है. राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर नीमच जिले की पंचायत को अवार्ड मिलना एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. पूरे देश में केवल 30 पंचायतों को चाइल्ड फ्रेंडली अवार्ड मिला है.
लॉकडाउन के कारण दिल्ली में सरपंचों का सम्मान समारोह नहीं हो पाया, इसलिए ऑनलाइन अवार्ड की घोषणा की गई. केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने जिले की आदर्श पंचायत भरभड़िया को वर्ष 2018 -19 के कार्यों के आधार पर बेस्ट चाइल्ड फ्रेंडली पंचायत पुरस्कार 2020 के लिए चयनित किया है. जिला पंचायत सीईओ भव्या मित्तल ने बताया सरकार की और भी विभिन्न वर्गों में पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे, जिसकी स्क्रूटनी और सत्यापन के बाद पंचायतों का चयन हुआ.
प्रत्येक राज्य से एक पंचायत को बेस्ट चाइल्ड फ्रेंडली पुरस्कार दिया गया. पीएम मोदी ने सभी पंचायतों को ऑनलाइन संबोधित कर बधाई दी और कुछ सरपंचों से सीधी बात भी की. ग्राम भरभड़िया सरपंच प्रतिनिधि श्याम जाटव ने बताया कि अवार्ड सभी की सहयोग और मेहनत से मिला है. हमने बच्चों की सेहत और शिक्षा पर विशेष ध्यान देकर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं. सरकार ग्राम पंचायत को 5 लाख का नकद पुरस्कार भी देगी, इसका उपयोग इन बच्चों के लिए गांव में और अन्य सुविधाओं का विस्तार करने पर खर्च की जाएगी.
इस आधार पर हुआ चयन
भरभड़िया का चयन बच्चों के लिए किए गए विभिन्न कार्यों, आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति, पढ़ाई, मिड-डे मील, खेल के मैदान, टीकाकरण, स्वास्थ्य, स्कूलों की साफ-सफाई, साफ पानी और पोषण की समुचित व्यवस्था, 4 आंगनबाड़ी में 266 और प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक 291 बच्चे दर्ज हैं.
दो बार चुना गया आदर्श गांव
भरभड़िया को सांसद आदर्श पंचायत योजना के तहत दो चरण में गोद लिया. पहली बार 10 जून 2016 को सांसद डॉक्टर चंदन मित्रा और दूसरे चरण में 6 अक्टूबर 2017 को डॉक्टर सत्यनारायण जटिया ने गोद लिया. उत्कृष्ट कार्य करने पर आदिम जाति कल्याण विभाग ने एक लाख रुपए का पुरस्कार, 26 जनवरी 2016 को पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा ने राष्ट्रीय पर्व के समारोह में सम्मानित किया था.