नरसिंहपुर। केंद्र सरकार द्वारा किसान बिल को पास करने के बाद नरसिंहपुर में भारतीय मजदूर किसान संघ के बैनर तले आज किसानों ने अर्धनग्न प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने इसे केंद्र सरकार का काला कानून बताया. किसानों ने आरोप लगाया है कि, इस विधेयक में तीन प्रकार की खामियां हैं, जिससे किसान संतुष्ट नहीं हैं. किसानों को भरोसे में लिए बिना और उनसे बातचीत किए बिना ही यह बिल लाया गया है, जिसका देश भर के किसान विरोध कर रहे हैं.
'मंडियां हो जाएंगी खत्म'
किसानों का कहना है कि, ये किसान बिल अंग्रेजों की बर्बरता से भी बुरा है. इससे किसान मंडियों में अपना अनाज नहीं ले जा पाएगा, क्योंकि मंडी के बाहर अब टैक्स नहीं लगेगा, इससे किसानों को उसकी उपज का सही दाम नहीं मिल सकेगा और धीरे-धीरे मंडी समाप्त हो जाएगी और बिचौलियों का राज हो जाएगा. किसानों का आरोप है कि, सरकार ने यह कदम MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को खत्म करने के लिए साजिश के तहत लाया है. यह पूरी तरह से किसान विरोधी है, इसलिए इसका विरोध किया जा रहा है. किसानों का कहना है कि, इसमें ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिसमें कि किसान न्यायालय की शरण नहीं ले सकता.
किसानों को आर्थिक नुकसान होगा
किसानों ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए ये भी कहा कि, 'मल्टीनेशनल कंपनियां अनाज के व्यापार में आएंगी, जिससे कि MSP पर भी किसानों को वाजिब दाम नहीं मिल पाएगा और वो बिचौलियों के जरिए मंडी के बाहर ही खरीदी को प्रोत्साहित करेंगे, जिससे किसानों का आर्थिक नुकसान होगा. इस कानून का इसलिए विरोध कर रहे हैं और इसी के चलते आज किसानों को एक बार फिर सड़क पर उतर कर अपने हक की लड़ाई लड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है'.
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'होगा जन आंदोलन'
किसानों का कहना है कि, 'अगर सरकार ने हमारी बातों को नजरअंदाज किया और किसानों की अनदेखी की, तो आने वाले दिनों में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. एक बड़ा जन आंदोलन केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ खड़ा होगा'.