ETV Bharat / state

एक क्लिक पर आपकी स्क्रीन पर दिखेगा राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय

पुरातत्व विभाग की मानें तो ये प्रदेश का पहला ऐसा म्यूजियम होगा जो कि टच स्क्रीन की तर्ज पर काम करेगा. अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय हाईटेक होने वाला है, पांच करोड़ रुपए की लागत से संग्रहालय को डिजिटल (ई-म्यूजियम) करने की तैयारी है.

Ram Prasad Bismil Museum
राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय
author img

By

Published : Feb 19, 2021, 8:32 PM IST

Updated : Feb 19, 2021, 8:42 PM IST

मुरैना। प्रदेश का पहला डिजिटल संग्रहालय बनने जा रहा है. पांच करोड़ की लागत से बनने वाले इस डिजिटल संग्रहालय के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन ने डीपीआर बनाकर मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग को भेज दी है. जिसके मंजूर होते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा. पुरातत्व विभाग की मानें तो ये प्रदेश का पहला ऐसा म्यूजियम होगा जो कि टच स्क्रीन की तर्ज पर काम करेगा. अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय हाईटेक होने वाला है, पांच करोड़ रुपए की लागत से संग्रहालय को डिजिटल (ई-म्यूजियम) करने की तैयारी है. इसके बाद यहां रखी किसी भी यादगार चीज को छूते ही, उससे जुड़ी गाथा स्पीकर और एलईडी स्क्रीन पर दिखाई देने लगेगी.

चंबल इतिहास को संजोए हुए मुरैना का अमर शाहिद पंं. राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय अब डिजिटल होने जा रहा है. संग्रहालय के दूसरे चरण में इसे डिजिटलाईज करने के लिए 5 करोड़ रुपए की राशि खर्च करने की तैयारी है. जिससे कि संग्रहालय को देखने आने वाले पर्यटकों को चंबल के इतिहास और उसकी पुरातत्व धरोहरों की जानकारी मिल सकेगी. ये प्रदेश का पहला डिजिटल संग्रहालय होगा.

डिजिटल होने जा रहा है राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय

मोबाइल की तरह टच करते ही मिलेगी जानकरी

नगर निगम के द्वारा डिजिटल शाहिद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल संग्रहालय के लिए पांच करोड़ की डीपीआर संस्कृति विभाग को भेजी गई है. जिसकी मंजूरी आते ही उस पर काम शुरू हो जाएगा. नगर निगम कमिश्नर के अनुसार ये ऐसा पहला संग्रहालय होगा, जहां पर हर मोनोमेंटर्स की जानकारी एक टच स्क्रीन पर दर्ज होगी. जिसके लिए पर्यटक मोबाइल की तरह से टच कर सारी जानकारी ले सकेगा.

शहीद पं. रामप्रसाद बिस्मिल की याद में बनाया था संग्रहालय

अमर शाहिद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म मुरैना के बरबाई गांव में हुआ था. इसलिए 1987 में मुरैना में उनके नाम का संग्रहालय खोला गया. इसके पुराने भवन को ढहाकर 2012 में संग्रहालय की भव्य इमारत बनाई गई थी. इसके निर्माण के लिए मुरैना सांसद एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सांसद निधि से 55 लाख रुपए, मुरैना जनभागीदारी समिति ने 30 लाख रूपए, तत्कालीन राज्यसभा सदस्य प्रभात झा, अनिल माधव दवे, कप्तान सिंह सोलंकी ने अपनी निधि से एवं मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन बोर्ड ने 25-25 लाख रुपए शाहिद संग्रहालय के लिए दिए थे.

Chambal River
चंबल नदी

5 करोड़ की लागत से बनेगा डिजिटल संग्रहालय

लेकिन अब इसी नए भवन में चल रहे संग्रहालय का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है. इसके लिए मुरैना के शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय में जल्द ही कार्य शुरू होने की संभावना है. इस संग्रहालय में आने वाले पर्यटकों को चंबल के इतिहास और पुरातत्व से जुड़ी सारी जानकारियां यहां पर मिलेगी. 5 करोड़ की लागत से बनने वाले इस डिजिटल संग्रहालय के परिसर में दो बड़े हॉल भी बनाए जाएंगे. जिनमें पर्यटकों के लिए चंबल से जुड़े इतहास के बारे में और अमर शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल से जुड़ी जानकारी वाली फिल्म दिखाई जाएगी. जिससे की आने वाले पर्यटकों को फ़िल्म द्वारा जानकारी दी जाएगी.

Ram Prasad Bismil Museum
राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय

प्रवेश द्वार मिलेगी ई-डायरी

अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर एक ई-डायरी रखी जाएगी. इस डिजिटल डायरी में संग्रहालय में रखी एक-एक चीज की जानकारी पूरे क्रम में होगी. इससे पर्यटकों को प्रवेश के साथ ही पता लग जाएगा कि इसमें क्या क्या है और कौन-कौन सी चीज कहां रखी है. इसके अलावा डिजिटल संग्रहालय में किस तरह जानकारी ली जा सकेगी. इस का पूरा विवरण भी ई-डायरी से मिलेगा.

मुरैना। प्रदेश का पहला डिजिटल संग्रहालय बनने जा रहा है. पांच करोड़ की लागत से बनने वाले इस डिजिटल संग्रहालय के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन ने डीपीआर बनाकर मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग को भेज दी है. जिसके मंजूर होते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा. पुरातत्व विभाग की मानें तो ये प्रदेश का पहला ऐसा म्यूजियम होगा जो कि टच स्क्रीन की तर्ज पर काम करेगा. अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय हाईटेक होने वाला है, पांच करोड़ रुपए की लागत से संग्रहालय को डिजिटल (ई-म्यूजियम) करने की तैयारी है. इसके बाद यहां रखी किसी भी यादगार चीज को छूते ही, उससे जुड़ी गाथा स्पीकर और एलईडी स्क्रीन पर दिखाई देने लगेगी.

चंबल इतिहास को संजोए हुए मुरैना का अमर शाहिद पंं. राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय अब डिजिटल होने जा रहा है. संग्रहालय के दूसरे चरण में इसे डिजिटलाईज करने के लिए 5 करोड़ रुपए की राशि खर्च करने की तैयारी है. जिससे कि संग्रहालय को देखने आने वाले पर्यटकों को चंबल के इतिहास और उसकी पुरातत्व धरोहरों की जानकारी मिल सकेगी. ये प्रदेश का पहला डिजिटल संग्रहालय होगा.

डिजिटल होने जा रहा है राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय

मोबाइल की तरह टच करते ही मिलेगी जानकरी

नगर निगम के द्वारा डिजिटल शाहिद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल संग्रहालय के लिए पांच करोड़ की डीपीआर संस्कृति विभाग को भेजी गई है. जिसकी मंजूरी आते ही उस पर काम शुरू हो जाएगा. नगर निगम कमिश्नर के अनुसार ये ऐसा पहला संग्रहालय होगा, जहां पर हर मोनोमेंटर्स की जानकारी एक टच स्क्रीन पर दर्ज होगी. जिसके लिए पर्यटक मोबाइल की तरह से टच कर सारी जानकारी ले सकेगा.

शहीद पं. रामप्रसाद बिस्मिल की याद में बनाया था संग्रहालय

अमर शाहिद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म मुरैना के बरबाई गांव में हुआ था. इसलिए 1987 में मुरैना में उनके नाम का संग्रहालय खोला गया. इसके पुराने भवन को ढहाकर 2012 में संग्रहालय की भव्य इमारत बनाई गई थी. इसके निर्माण के लिए मुरैना सांसद एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सांसद निधि से 55 लाख रुपए, मुरैना जनभागीदारी समिति ने 30 लाख रूपए, तत्कालीन राज्यसभा सदस्य प्रभात झा, अनिल माधव दवे, कप्तान सिंह सोलंकी ने अपनी निधि से एवं मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन बोर्ड ने 25-25 लाख रुपए शाहिद संग्रहालय के लिए दिए थे.

Chambal River
चंबल नदी

5 करोड़ की लागत से बनेगा डिजिटल संग्रहालय

लेकिन अब इसी नए भवन में चल रहे संग्रहालय का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है. इसके लिए मुरैना के शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय में जल्द ही कार्य शुरू होने की संभावना है. इस संग्रहालय में आने वाले पर्यटकों को चंबल के इतिहास और पुरातत्व से जुड़ी सारी जानकारियां यहां पर मिलेगी. 5 करोड़ की लागत से बनने वाले इस डिजिटल संग्रहालय के परिसर में दो बड़े हॉल भी बनाए जाएंगे. जिनमें पर्यटकों के लिए चंबल से जुड़े इतहास के बारे में और अमर शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल से जुड़ी जानकारी वाली फिल्म दिखाई जाएगी. जिससे की आने वाले पर्यटकों को फ़िल्म द्वारा जानकारी दी जाएगी.

Ram Prasad Bismil Museum
राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय

प्रवेश द्वार मिलेगी ई-डायरी

अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर एक ई-डायरी रखी जाएगी. इस डिजिटल डायरी में संग्रहालय में रखी एक-एक चीज की जानकारी पूरे क्रम में होगी. इससे पर्यटकों को प्रवेश के साथ ही पता लग जाएगा कि इसमें क्या क्या है और कौन-कौन सी चीज कहां रखी है. इसके अलावा डिजिटल संग्रहालय में किस तरह जानकारी ली जा सकेगी. इस का पूरा विवरण भी ई-डायरी से मिलेगा.

Last Updated : Feb 19, 2021, 8:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.