मंदसौर। मध्यप्रदेश के कई जिलों में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है. मंदसौर जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है. वहीं बीती रात ओलों की बारिश ने किसानों को दोहरी मुसीबत में डाल दिया है. रविवार रात हुई ओलों के साथ बारिश से खेतों में खड़ी फसलें धराशाही हो गई. जिसमें किसानों का भारी नुकसान हुआ है.
ओलावृष्टि के बाद किसानों के खेतों में पानी भर गया. शीतलहर से खराब हो रही फसलों पर रही सही कसर ओलों की बारिश में पूरी कर दी. किसान फसलों में 50 से 70 फीसदी नुकसान बता रहे हैं. खासकर गेंहू, चना, मसूर और रायड़ा जैसी फसलो में नुकसान हुआ है. वहीं इसबगोल की फसल में 100 फीसदी नुकसान बताया जा रहा है. जिले की सबसे महंगी फसल अफीम को भी इस बारीश से नुकसान पहुंचा है.
मौसम वेज्ञानिकों की माने तो आगामी दिनों में भी बारिश के आसार दिख रहे हैं. अगर आगे भी बारीश, ओलावृष्टि ओर शीतलहर होती हे तो बची कुची फसल को पूरी तरह नष्ट हो जाएगी. मौसम के इस बदले रुख को लेकर किसान काफी चिंतित है.
फसल नुकसान देखने पहुंचे विधायक
ओलावृष्टि के बाद फसल खराबी कि सूचना पर सोमवार सुबह मंदसौर विधायक यशपालसिंह सिसोदिया अधिकारियों के दल को लेकर अपने विधानसभा क्षेत्रों के ग्रामों के खेतों में पहुंचे. विधायक ने अधिकारियों को बारिश और ओलो से बर्बाद हुई फसलों का मुआयना करवाया. विधायक यशपाल सिंह ने भी माना कि ओलो की बारिश से इलाके की फसलो में बड़ा नुकसान हुआ है. राज्य सरकार द्वारा अफीम की खेती पर मुआवजे का प्रावधान नहीं है लिहाजा अफीम किसानों को दो तरफा आफत आई है. हालांकि मन्दसौर विधायक ने अफीम काश्तकारों की समस्या को केंद्र सरकार तक पहुंचाने और मुआवजा दिलाने की बात भी कही है.