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Mandla Unique Teacher: गुरुजी की जिद! कबाड़ से दी जाती है यहां शिक्षा, प्राइवेट स्कूल को भी मात दे रहा है यह सरकारी स्कूल

आज हम आपको प्राथमिक शाला के एक ऐसे शिक्षक से मिलवाते हैं जो बच्चों को आकर्षित करने के लिए कबाड़ से जुगाड़ कर शिक्षा देते हैं. अगर बच्चों को अ - अनार पढ़ाना है तो ये किताबों से नहीं पेढ़ दिखाकर पढ़ाते हैं. शिक्षक ने छोटे- छोटे बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने के लिए अपने स्कूल के मैदान के गेट से लेकर स्कूल की कक्षाओं तक इतने नवाचार किए हैं कि अगर कोई बच्चा इस स्कूल में आ जाए तो बिना सीखे नहीं जा सकता. इस शिक्षक की बदौलत यह स्कूल प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है. देखिए ये रिपोर्ट. (Mandla Unique Teacher Priyadarshan Patel)

Mandla Unique Teacher
मंडला में टीचर का नवाचार
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Published : Sep 23, 2022, 12:52 PM IST

मंडला। जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल गांव है टिकरिया. जहां के प्राथमिक शाला टिकरिया के शिक्षक प्रियदर्शन पटेल के नवाचार ने बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतरीन है. यहां के शिक्षक ने स्कूल के गेट से लेकर कक्षा की दिवारों तक को पाठ्य सामग्री से रंग दी है. जहां हिन्दी के 'अ' से लेकर 'ज्ञ' तक के शब्दों को अपने किचन के गार्डन से तैयार किया है. वहीं अंग्रेजी और गणित के शब्दों को कबाड़ से जुगाड़ और टायरों के माध्यम से आसान कर दिया है.

मंडला में टीचर का नवाचार

कबाड़ से जुगाड़ पद्धति: प्राथमिक शाला के सहायक शिक्षक प्रियदर्शन पटेल बच्चों में पढ़ाई की रुचि जगाने के लिए खेल-खेल में गणित और अन्य विषयों की शिक्षा दे रहे हैं. इसके लिए कबाड़ से जुगाड़ पद्धति अपनाते हैं. 'अ' से 'ज्ञ' तक के शब्दों को सिखाने के लिए पेड़ों और पौधों की मदद, कंकड़, पत्थर के अलावा गाड़ियों के पहिए समेत खुद ही नाच-नाच कर गणित के सवालों को हल कराते हैं. इसके साथ ही बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. इसके लिए शिक्षक ने स्कूल में स्मार्ट टीवी और कम्प्यूटर भी लगा रखा है.

खेल-खेल में शिक्षा ग्रहण करते हैं बच्चे: स्कूल में बच्चों को हर वो शिक्षा दी जाती है जो प्राइवेट स्कूलो में दी जाती है. स्कूल में आने वाले बच्चे भी कभी पढ़ते समय बोर नहीं होते हैं. आलम ये है कि बच्चे रोजाना ही स्कूल पहुंचते हैं और खेल-खेल में शिक्षा ग्रहण करते हैं. आपको जानकर ये हैरानी होगी कि पहली से पांचवी तक के पढ़ने वाले बच्चों को अपनी गांव के सरकार के नेताओ से लेकर प्रधानमंत्री तक का नाम मालूम है.

Betul Blind Teacher: खुद की आंखें नहीं, लेकिन अब तक संवार चुकी हैं सैंकड़ों बच्चों का भविष्य

ध्यान करना भी सिखाया जाता है: नवाचार करने वाले शिक्षक बताते हैं कि हमारे यहां तीनों तरफ प्राइवेट स्कूल हैं. ऐसे में बच्चों को और उनके परिजनों को कैसे अपने तक जोड़े इसके लिए कबाड़ से जुगाड़ कर नवाचार किया है. शिक्षक बताते हैं कि बच्चों को स्कूल में 6 घंटों तक रोकने और उन्हे अच्छी शिक्षा देने के लिए खेल-खेल में पढ़ाई कराते हैं. स्कूल में पढ़ाई के अलावा बरगद के पेड़ के नीचे बच्चों को ध्यान करना भी सिखाया जाता है.

दोस्त बनकर पढ़ाते हैं शिक्षक: स्कूल के प्रचार्य बताते हैं कि बच्चों के दोस्त बनकर हम उन्हें पढ़ाते हैं. शिक्षक प्रियदर्शन पटेल का बच्चों के प्रति काफी लगाव है. जिस कारण बच्चों के लिए नए-नए नवाचार करते रहते हैं. स्कूल के प्रधानाचार्य अपने सहायक शिक्षक की जमकर तारीफ करते नजर आए.
(Mandla Unique Teacher Priyadarshan Patel) (Education is given from junk in school) (Teacher's innovation in Mandla)

मंडला। जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल गांव है टिकरिया. जहां के प्राथमिक शाला टिकरिया के शिक्षक प्रियदर्शन पटेल के नवाचार ने बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतरीन है. यहां के शिक्षक ने स्कूल के गेट से लेकर कक्षा की दिवारों तक को पाठ्य सामग्री से रंग दी है. जहां हिन्दी के 'अ' से लेकर 'ज्ञ' तक के शब्दों को अपने किचन के गार्डन से तैयार किया है. वहीं अंग्रेजी और गणित के शब्दों को कबाड़ से जुगाड़ और टायरों के माध्यम से आसान कर दिया है.

मंडला में टीचर का नवाचार

कबाड़ से जुगाड़ पद्धति: प्राथमिक शाला के सहायक शिक्षक प्रियदर्शन पटेल बच्चों में पढ़ाई की रुचि जगाने के लिए खेल-खेल में गणित और अन्य विषयों की शिक्षा दे रहे हैं. इसके लिए कबाड़ से जुगाड़ पद्धति अपनाते हैं. 'अ' से 'ज्ञ' तक के शब्दों को सिखाने के लिए पेड़ों और पौधों की मदद, कंकड़, पत्थर के अलावा गाड़ियों के पहिए समेत खुद ही नाच-नाच कर गणित के सवालों को हल कराते हैं. इसके साथ ही बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. इसके लिए शिक्षक ने स्कूल में स्मार्ट टीवी और कम्प्यूटर भी लगा रखा है.

खेल-खेल में शिक्षा ग्रहण करते हैं बच्चे: स्कूल में बच्चों को हर वो शिक्षा दी जाती है जो प्राइवेट स्कूलो में दी जाती है. स्कूल में आने वाले बच्चे भी कभी पढ़ते समय बोर नहीं होते हैं. आलम ये है कि बच्चे रोजाना ही स्कूल पहुंचते हैं और खेल-खेल में शिक्षा ग्रहण करते हैं. आपको जानकर ये हैरानी होगी कि पहली से पांचवी तक के पढ़ने वाले बच्चों को अपनी गांव के सरकार के नेताओ से लेकर प्रधानमंत्री तक का नाम मालूम है.

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ध्यान करना भी सिखाया जाता है: नवाचार करने वाले शिक्षक बताते हैं कि हमारे यहां तीनों तरफ प्राइवेट स्कूल हैं. ऐसे में बच्चों को और उनके परिजनों को कैसे अपने तक जोड़े इसके लिए कबाड़ से जुगाड़ कर नवाचार किया है. शिक्षक बताते हैं कि बच्चों को स्कूल में 6 घंटों तक रोकने और उन्हे अच्छी शिक्षा देने के लिए खेल-खेल में पढ़ाई कराते हैं. स्कूल में पढ़ाई के अलावा बरगद के पेड़ के नीचे बच्चों को ध्यान करना भी सिखाया जाता है.

दोस्त बनकर पढ़ाते हैं शिक्षक: स्कूल के प्रचार्य बताते हैं कि बच्चों के दोस्त बनकर हम उन्हें पढ़ाते हैं. शिक्षक प्रियदर्शन पटेल का बच्चों के प्रति काफी लगाव है. जिस कारण बच्चों के लिए नए-नए नवाचार करते रहते हैं. स्कूल के प्रधानाचार्य अपने सहायक शिक्षक की जमकर तारीफ करते नजर आए.
(Mandla Unique Teacher Priyadarshan Patel) (Education is given from junk in school) (Teacher's innovation in Mandla)

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