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हड़ताल पर अतिथि शिक्षक और कोटवार, सरकार से नियमितीकरण की कर रहे मांग

मंडला जिले में 3200 अतिथि शिक्षक और 1600 कोटवार इन दिनों अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं. ये सभी सरकार से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं.

Guest teacher and coach
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Published : Dec 14, 2019, 2:03 AM IST

मंडला। एक तरफ प्रदेश की सरकार अपने एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है, तो दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में शिक्षा देने वाले अतिथि शिक्षक और सरकारी फरमानों जनता तक पहुंचने वाले कोटवार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाकर इस जश्न को फीका जरूर कर रहे हैं. मंडला जिले में 3200 अतिथि शिक्षक और 1600 कोटवार इन दिनों अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं.

हड़ताल पर अतिथि शिक्षक और कोटवार

बीते 16 दिन से अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर जिले भर के अतिथि शिक्षक हड़ताल पर हैं. वहीं सोमवार से जिले भर के करीब 1600 कोटवारों ने भी अब इसी मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं अन्नदाताओं को भी फसल को हुए नुकसान के मुआवजे के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है.

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पहले जारी किये गए वचन पत्र में उन्हें नियमित करने का वादा किया गया था और प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बने एक साल भी हो गया है.
जहां एक तरफ पूरे प्रदेश में सरकार के एक साल पूरा होने का जश्न मनाया जा रहा है. वहीं कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी वचन पत्र में किये गए वादे भूल रही है. ऐसे में कहा जा सकता है की वचन पत्र पर किये गये वादों को निभाने में एक साल बीतने के बाद भी कमलनाथ सरकार खरी नहीं उतरी है.

मंडला। एक तरफ प्रदेश की सरकार अपने एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है, तो दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में शिक्षा देने वाले अतिथि शिक्षक और सरकारी फरमानों जनता तक पहुंचने वाले कोटवार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाकर इस जश्न को फीका जरूर कर रहे हैं. मंडला जिले में 3200 अतिथि शिक्षक और 1600 कोटवार इन दिनों अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं.

हड़ताल पर अतिथि शिक्षक और कोटवार

बीते 16 दिन से अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर जिले भर के अतिथि शिक्षक हड़ताल पर हैं. वहीं सोमवार से जिले भर के करीब 1600 कोटवारों ने भी अब इसी मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं अन्नदाताओं को भी फसल को हुए नुकसान के मुआवजे के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है.

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पहले जारी किये गए वचन पत्र में उन्हें नियमित करने का वादा किया गया था और प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बने एक साल भी हो गया है.
जहां एक तरफ पूरे प्रदेश में सरकार के एक साल पूरा होने का जश्न मनाया जा रहा है. वहीं कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी वचन पत्र में किये गए वादे भूल रही है. ऐसे में कहा जा सकता है की वचन पत्र पर किये गये वादों को निभाने में एक साल बीतने के बाद भी कमलनाथ सरकार खरी नहीं उतरी है.

Intro:(इनपुट द्वारा असाइन एक साल बेमिसाल)

एक तरफ प्रदेश की सरकार अपने एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है तो दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में शिक्षा देने वाले अतिथि शिक्षक और सरकारी फरमानों जनता तक पहुंचने वाले और गाँव की सुरक्षा से लेकर हर तरह के काम करने वाले कोटवार अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाकर इस जश्न को फीका जरूर कर रहे हैं


Body:मण्डला जिले में 3200 अतिथि शिक्षक और 1600 कोटवार इन दिनों अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं जिनका कहना है कि कॉंग्रेस पार्टी के द्वारा चुनाव से पहले जारी किये गए वचन पत्र में उन्हें नियमित करने का वादा किया गया था और प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कॉंग्रेस की सरकार बने एक साल भी हो गए जहाँ एक तरफ पूरे प्रदेश में सरकार के एक साल पूरा होने का जश्न मनाया जा रहा हैं वहीं कमलनाथ और कॉंग्रेश पार्टी के द्वारा वचन पत्र पर किये गए वादे भुला दिए गए है और अब तक उन्हें नियमित नहीं किया गया है,बीते 16 दिन से अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर जिले भर के अतिथि शिक्षक हड़ताल पर हैं वहीं सोमवार से जिले भर के करीब 1600 कोटवारों ने भी अब इसी माँग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है,इसके कुछ समय पहले की बात को जाए तो कॉलेज में पढ़ाने वाले अतिथि विद्वानों ने भी प्रदेश के मुखिया का घेराव किया था वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के द्वारा भी वचन पत्र पर किये गए मानदेय को बढाने की माँग के साथ लगातार समय समय पर हड़ताल और ज्ञापन सौंपने का काम किया ऐसे में कहा जा सकता है की वचन पत्र पर किये गये वादों को निभाने में एक साल बीतने के बाद भी कमलनाथ सरकार खरी नहीं उतरी वरना इन कर्मचारियों के साथ ही प्रदेश के अन्नदाताओं को मुआवजे के लिए सड़क पर नहीं उतरना पड़ता जिन्हें फसल के हुए नुकसान की भरपाई नहीं मिल पाई न ही पूरे तरह से कर्जे के चक्रव्यूह से वे निकल पाए हैं।


Conclusion:कमलनाथ की सरकार लाख दावे करे या अपनी उपलब्धियों को गिनाए लेकिन बीते साल भर में जिस तरह से हड़ताल और धरने प्रदर्शन, मानदेय कर्मचारियों, अतिथी शिक्षकों, आंगनबाड़ी कर्मियों कोटवारों किसानों के द्वारा किये गये वह कहीं न कहीं प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी ही दिखाते हैं,बात पूरे प्रदेश की करें तो प्रदेश भर में करीब 70 हजार अतिथि शिक्षक जो काम कर रहे हैं वहीं 26 हज़ार के लगभग कोटवार हैं जो सरकार से नाराज हैं

बाईट--हीरा बैरागी,कोटवार
बाईट--त्रिवेणी चक्रवर्ती अतिथि शिक्षक
वॉक थ्रू संवददाता मयंक तिवारी
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