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मंडला में अतिवृष्टि से मक्के की फसल बर्बाद, धान में रोगों का प्रकोप

मंडला जिले की नैनपुर तहसील में बीते 10 दिन पहले हुई अतिवृष्टि के चलते मक्के की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इसके बाद अब धान की फसल में भी बीमारी का प्रकोप देखा जा रहा है. जिससे अन्नदाताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं.

Crop wasted due to excess rainfall
अतिवृष्टि से फसल बर्बाद
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Published : Sep 10, 2020, 2:59 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 3:14 PM IST

मंडला। जिले की नैनपुर तहसील में बीते 10 दिन पहले हुई अतिवृष्टि के चलते आई बाढ़ से खेतों में पानी घुस गया है और मक्के की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इसके बाद अब धान की फसल में भी रोग का प्रकोप देखा जा रहा है. जिससे अन्नदाताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं.

Crop wasted due to excess rainfall
बर्बाद हुई मक्के की फसल

बाढ़ और तेज हवाओं से फसलें जमींदोज

बीते दो हफ्ते पहले अतिवृष्टि से मक्के की फसल को काफी नुकसान हुआ है. इसके बाद बची खुची कसर तेज हवाओं ने पूरी कर दी और बहुत से किसानों की लगभग तैयार हो चुकी मक्के की फसल जमीन पर लेट गई. अन्नदाताओं का कहना है कि, जब इन मक्के में दाने आ रहे थे, तभी भारी बारिश और तेज हवा मुसीबत बनकर इन पर टूट पड़ी और मंडला में खड़ी फसलें जमींदोज हो गईं. अब इन जमीन पर लेटे हुए पौधों का उठ पाना नामुमकिन है.

Crop wasted due to excess rainfall
तेज हवा से मक्के की फसल जमींदोज

धान की फसल में रोग

किसानों ने कहा कि, खेतों में सोई हुई फसल पर अब दाने भी नहीं आ सकते, जिसके कारण ये फसल किसी काम की नहीं रही. इसके साथ ही किसानों का कहना है कि, धान की फसल में भी रोग का प्रकोप देखा जा रहा है, और खेत पर खड़ी धान की फसल या तो पीली पड़ रही है या फिर सूख रही है. जिससे फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. अब इन फसलों में दाने भी नहीं लग रहे है.

Crop wasted due to excess rainfall
धान की फसलें हो रही पीली

कृषि विभाग ने क्या कहा

कृषि विभाग के अधिकारी का कहना है कि, फसल कटाई के समय ही फसलों के हुए नुकसान का सही आंकड़ा निकलकर सामने आएगा. जिसके बाद उस अनुपात में किसानों को मुआवजे दिए जाने के लिए प्रशासन से मांग की जाएगी. वहीं ज्यादा पानी वाले क्षेत्र में धान की फसल पर 'सीड लाइट' और 'ब्लास्ट' जैसी बीमारियों का खतरा बना हुआ है, जिससे बचने किसानों को कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा दवाओं के छिड़काव की सलाह दी जा रही है.

अतिवृष्टि से फसल बर्बाद

ये भी पढ़े- केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने तैयार किया प्लान, जल्द गौंड राजाओं की राजधानी में होगा सैलानियों का आगाज

कितना हुआ नुकसान

नैनपुर की अनुविभागीय अधिकारी शिवाली सिंह का कहना है कि, प्रशासन के द्वारा राजस्व के साथ कृषि विभाग के माध्यम से सभी किसानों का सर्वे कराया जा रहा है. हर एक किसान की फसल के नुकसान का डाटा तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद उचित मुआवजे की कार्रवाई की जाएगी. अब तक के हुए सर्वे के अनुसार नैनपुर तहसील में कुल 58 गांवों के 525 किसान प्रभावित हुए हैं और 171 हेक्टेयर की खेती को नुकसान हुआ है. साथ ही 10 तरीख तक किसान अपने नुकसान को लेकर दावे आपत्ति पेश कर सकते, जिसके बाद ही पूरे नुकसान का आंकलन हो सकेगा.

ये भी पढ़े- PUBG Ban: राजधानी भोपाल में क्या बोले वो बच्चे जो पब्जी के पीछे थे पागल, पेरेंट्स खुश

किसानों की बढ़ी चिंता

मक्के की तैयार हो रही लहलहाती फसल से किसान इस साल खासे मुनाफे की उम्मीद किए बैठे थे, लेकिन एक बार फिर अधिक बारिश के बाद हवाओं ने जहां मक्के की फसल को चौपट कर दिया, वहीं धान की फसल में लग रही बीमारी से उनकी चिंता और बढ़ रही है.

मंडला। जिले की नैनपुर तहसील में बीते 10 दिन पहले हुई अतिवृष्टि के चलते आई बाढ़ से खेतों में पानी घुस गया है और मक्के की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इसके बाद अब धान की फसल में भी रोग का प्रकोप देखा जा रहा है. जिससे अन्नदाताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं.

Crop wasted due to excess rainfall
बर्बाद हुई मक्के की फसल

बाढ़ और तेज हवाओं से फसलें जमींदोज

बीते दो हफ्ते पहले अतिवृष्टि से मक्के की फसल को काफी नुकसान हुआ है. इसके बाद बची खुची कसर तेज हवाओं ने पूरी कर दी और बहुत से किसानों की लगभग तैयार हो चुकी मक्के की फसल जमीन पर लेट गई. अन्नदाताओं का कहना है कि, जब इन मक्के में दाने आ रहे थे, तभी भारी बारिश और तेज हवा मुसीबत बनकर इन पर टूट पड़ी और मंडला में खड़ी फसलें जमींदोज हो गईं. अब इन जमीन पर लेटे हुए पौधों का उठ पाना नामुमकिन है.

Crop wasted due to excess rainfall
तेज हवा से मक्के की फसल जमींदोज

धान की फसल में रोग

किसानों ने कहा कि, खेतों में सोई हुई फसल पर अब दाने भी नहीं आ सकते, जिसके कारण ये फसल किसी काम की नहीं रही. इसके साथ ही किसानों का कहना है कि, धान की फसल में भी रोग का प्रकोप देखा जा रहा है, और खेत पर खड़ी धान की फसल या तो पीली पड़ रही है या फिर सूख रही है. जिससे फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. अब इन फसलों में दाने भी नहीं लग रहे है.

Crop wasted due to excess rainfall
धान की फसलें हो रही पीली

कृषि विभाग ने क्या कहा

कृषि विभाग के अधिकारी का कहना है कि, फसल कटाई के समय ही फसलों के हुए नुकसान का सही आंकड़ा निकलकर सामने आएगा. जिसके बाद उस अनुपात में किसानों को मुआवजे दिए जाने के लिए प्रशासन से मांग की जाएगी. वहीं ज्यादा पानी वाले क्षेत्र में धान की फसल पर 'सीड लाइट' और 'ब्लास्ट' जैसी बीमारियों का खतरा बना हुआ है, जिससे बचने किसानों को कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा दवाओं के छिड़काव की सलाह दी जा रही है.

अतिवृष्टि से फसल बर्बाद

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कितना हुआ नुकसान

नैनपुर की अनुविभागीय अधिकारी शिवाली सिंह का कहना है कि, प्रशासन के द्वारा राजस्व के साथ कृषि विभाग के माध्यम से सभी किसानों का सर्वे कराया जा रहा है. हर एक किसान की फसल के नुकसान का डाटा तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद उचित मुआवजे की कार्रवाई की जाएगी. अब तक के हुए सर्वे के अनुसार नैनपुर तहसील में कुल 58 गांवों के 525 किसान प्रभावित हुए हैं और 171 हेक्टेयर की खेती को नुकसान हुआ है. साथ ही 10 तरीख तक किसान अपने नुकसान को लेकर दावे आपत्ति पेश कर सकते, जिसके बाद ही पूरे नुकसान का आंकलन हो सकेगा.

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किसानों की बढ़ी चिंता

मक्के की तैयार हो रही लहलहाती फसल से किसान इस साल खासे मुनाफे की उम्मीद किए बैठे थे, लेकिन एक बार फिर अधिक बारिश के बाद हवाओं ने जहां मक्के की फसल को चौपट कर दिया, वहीं धान की फसल में लग रही बीमारी से उनकी चिंता और बढ़ रही है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 3:14 PM IST
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