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'सफेद सोना' लेकर मंडी पहुंचे किसान, तीन किमी तक लगी वाहनों की कतार - rumors of lockdown

लॉकडाउन होने की अफवाह के कारण खरगोन में किसान अपनी कपास की फसल को जल्द-जल्द से बेचने की चाहत में एक साथ मंडी पहुंच गए हैं. अब जिला मंडी में हालात ये हो गए हैं कि मंडी के बाहर 3 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है.

farmers arrived Mandi
मंडी पहुंचे किसान
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Published : Nov 24, 2020, 9:38 AM IST

खरगोन। हाल में ही प्रदेश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में अब अफवाहें हैं कि प्रदेश में एक बार फिर से लॉकडाउन हो सकता है. इसी आशंका के चलते सफेद सोने के नाम से मशहूर कपास की जिले में बंपर आवक हो रही है. इस वजह से मंडी खचाखच भरी हुई है. आलम ये है कि मंडी के बाहर तीन से चार किलोमीटर लंबी कतारें लगी हुईं हैं. किसानों का कहना है कि हम बीती रात से यहां आए हुए हैं. मंडी प्रशासन द्वारा यहां कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है, जिस कारण वाहनों को बाहर खड़ा करना पड़ रहा है.

मंडी पहुंचे किसान

'खरीदी के बाद नहीं हो रहा भुगतान, आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं'

एक किसान ने बताया कि उन्होंने 29 अक्टूबर को 30 क्विंटल 35 किलो कपास सीसीआई को बेचा था, लेकिन उनके खाते में अब तक राशि नहीं आई है. वे कई बार ऑफिसों के चक्कर लगे चुके हैं. अब तो पूरा एक महीने गुजरने को है, लेकिन अब तक राशि नहीं आई है. जिनसे उन्होंने पैसे उधार लिए थे, वे अब अपने पैसे मांग रहे हैं. अगर सीसीआई पेमेंट सही समय पर नहीं कर पा रही है तो खरीदी बंद कर देना चाहिए. अगर जल्द पैसा नहीं देगी, तो आत्महत्या करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा.

इतिहास में पहली बार कपास की इतनी आवक

मंडी प्रभारी रामचंद्र भास्कर ने बताया कि साल 2002 से मंडी शुरू हुई है. तब से लेकर अब तक के इतिहास में पहली बार ऐसा है जब इतने कपास की आवक हो रही है. किसानों में लॉकडाउन की अफवाह और दिवाली के अवकाश के कारण इतने कपास की आवक हुई है. मंडी में 1300 वाहन और 150 बैल गाड़ियां आई हैं, जो मंडी के बाहर खड़ी हैं.मंडी प्रभारी ने कहा कि किसानों का भुगतान बकाया है, आवेदन आए हैं. अब जल्द ही अधिकारियों से बात कर किसानों को पेमेंट करवा दिया जाएगा.

खरगोन। हाल में ही प्रदेश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में अब अफवाहें हैं कि प्रदेश में एक बार फिर से लॉकडाउन हो सकता है. इसी आशंका के चलते सफेद सोने के नाम से मशहूर कपास की जिले में बंपर आवक हो रही है. इस वजह से मंडी खचाखच भरी हुई है. आलम ये है कि मंडी के बाहर तीन से चार किलोमीटर लंबी कतारें लगी हुईं हैं. किसानों का कहना है कि हम बीती रात से यहां आए हुए हैं. मंडी प्रशासन द्वारा यहां कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है, जिस कारण वाहनों को बाहर खड़ा करना पड़ रहा है.

मंडी पहुंचे किसान

'खरीदी के बाद नहीं हो रहा भुगतान, आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं'

एक किसान ने बताया कि उन्होंने 29 अक्टूबर को 30 क्विंटल 35 किलो कपास सीसीआई को बेचा था, लेकिन उनके खाते में अब तक राशि नहीं आई है. वे कई बार ऑफिसों के चक्कर लगे चुके हैं. अब तो पूरा एक महीने गुजरने को है, लेकिन अब तक राशि नहीं आई है. जिनसे उन्होंने पैसे उधार लिए थे, वे अब अपने पैसे मांग रहे हैं. अगर सीसीआई पेमेंट सही समय पर नहीं कर पा रही है तो खरीदी बंद कर देना चाहिए. अगर जल्द पैसा नहीं देगी, तो आत्महत्या करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा.

इतिहास में पहली बार कपास की इतनी आवक

मंडी प्रभारी रामचंद्र भास्कर ने बताया कि साल 2002 से मंडी शुरू हुई है. तब से लेकर अब तक के इतिहास में पहली बार ऐसा है जब इतने कपास की आवक हो रही है. किसानों में लॉकडाउन की अफवाह और दिवाली के अवकाश के कारण इतने कपास की आवक हुई है. मंडी में 1300 वाहन और 150 बैल गाड़ियां आई हैं, जो मंडी के बाहर खड़ी हैं.मंडी प्रभारी ने कहा कि किसानों का भुगतान बकाया है, आवेदन आए हैं. अब जल्द ही अधिकारियों से बात कर किसानों को पेमेंट करवा दिया जाएगा.

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