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चार साल पहले एक धमाके ने पेटलावद को बना दिया था श्मशान, 78 लोगों की गई थी जान

पेटलावद ब्लास्ट की चौथी बरसी पर स्थानीय लोगों और स्कूली बच्चों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. साथ ही पौधरोपड़ कर उनकी देखभाल करने का संकल्प लिया.

पेटलावद ब्लास्ट की चौथी बरसी
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Published : Sep 12, 2019, 5:50 PM IST

झाबुआ। पेटलावद में हुए ब्लास्ट की चौथी बरसी के मौके पर स्थानीय लोगों और स्कूली बच्चों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी. आस्था का केंद्र बन चुके श्रद्धांजलि चौक पर लोगों ने अपनों की याद में पूजा-पाठ और दीप प्रज्वलित किया, वहीं सेंट मैरी स्कूल के बच्चों ने शांति पाठ कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

पेटलावद ब्लास्ट की चौथी बरसी

चौथी बरसी के मौके पर ग्रीन पेटलावद संस्था के युवाओं ने श्रद्धांजलि देकर घटना में मारे गए लोगों की याद में 78 पेड़ लगाने और उन्हें पालने का संकल्प भी लिया, ताकि दिवंगतों की याद चिरस्थाई बनी रहे. इस विस्फोट में अपनों को खो चुके लोगों का दर्द आज भी उन्हें सताता है. जो सरकारी वादों के पूरा होने की राह देख रहे हैं.

लोगों का आरोप है कि तत्कालीन सरकार ने स्मारक बनाने की घोषणा की थी, लेकिन घटना के चार साल बीत जाने के बावजूद स्मारक नहीं बना सका, जिससे लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा है. 12 सितंबर 2015 को पेटलावद के थांदला रोड पर एक मकान में जिलेटिन और डेटोनेटर का विस्फोट हुआ था. जिसमें 78 लोगों की जान चली गई थी. तब से पेटलावद के लाग इस दिन को मध्यप्रदेश के काले दिन के रूप में मनाते हैं.

झाबुआ। पेटलावद में हुए ब्लास्ट की चौथी बरसी के मौके पर स्थानीय लोगों और स्कूली बच्चों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी. आस्था का केंद्र बन चुके श्रद्धांजलि चौक पर लोगों ने अपनों की याद में पूजा-पाठ और दीप प्रज्वलित किया, वहीं सेंट मैरी स्कूल के बच्चों ने शांति पाठ कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

पेटलावद ब्लास्ट की चौथी बरसी

चौथी बरसी के मौके पर ग्रीन पेटलावद संस्था के युवाओं ने श्रद्धांजलि देकर घटना में मारे गए लोगों की याद में 78 पेड़ लगाने और उन्हें पालने का संकल्प भी लिया, ताकि दिवंगतों की याद चिरस्थाई बनी रहे. इस विस्फोट में अपनों को खो चुके लोगों का दर्द आज भी उन्हें सताता है. जो सरकारी वादों के पूरा होने की राह देख रहे हैं.

लोगों का आरोप है कि तत्कालीन सरकार ने स्मारक बनाने की घोषणा की थी, लेकिन घटना के चार साल बीत जाने के बावजूद स्मारक नहीं बना सका, जिससे लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा है. 12 सितंबर 2015 को पेटलावद के थांदला रोड पर एक मकान में जिलेटिन और डेटोनेटर का विस्फोट हुआ था. जिसमें 78 लोगों की जान चली गई थी. तब से पेटलावद के लाग इस दिन को मध्यप्रदेश के काले दिन के रूप में मनाते हैं.

Intro:झाबुआ : 12 सितंबर 2015 को पेटलावाद भोपाल से लेकर दिल्ली तक सुर्खियों में रहा। इस दिन को मध्यप्रदेश के काले दिन के रूप में जाना जाता है। इसी दिन एक दर्दनाक हादसे ने 78 जिंदगियों को लील लिया। पेटलावद के थांदला रोड पर एक मकान में जिलेटिन और डेटोनेटर के विस्फोट से पेटलावाद दहल उठा था , आज उसी विस्फोट की चौथी बरसी है । Body:इस विस्फोट में अपनों को गंवा चुके लोगों का दर्द आज भी रहकर उन्हें सताता है । पेटलावद विस्फोट में मारे गए 78 लोगों की याद में आज ग्रीन पेटलावद के युवा 78 वृक्ष लगा कर दिवंगतों की याद को चिरस्थाई बनाएंगे । श्रद्धांजलि चौक आज लोगों की आस्था का केंद्र बन चुका है, यहां लोग अपनों की याद में आज पूजा पाठ कर रहे हैं और दीप प्रज्वलित रहे हैं। पेटलावद के सेंट मैरी स्कूल के विद्यार्थियों ने शांति पाठ कर दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।Conclusion:तत्कालीन सरकार ने पेटलावद विस्फोट में मारे गए लोगों के लिए स्मारक बनाने की घोषणा की थी ।पीड़ित परिवार के लोग चाहते थे कि स्मारक घटनास्थल के पास ही बने मगर सरकार ने तहसील कार्यालय के पास जगह चिन्हित की जिसके चलते विस्फोट के 4 साल बाद भी पीड़ित लोगों की याद में स्मारक नही बना और ना ही सरकार की कई घोषणाएं धरातल पर क्रियान्वित हुई जिसके चलते आज भी लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा है । तत्कालीन समय कांग्रेस ने इसका राजनीतिक लाभ उठाने के लिए मृतको के परिजनों को 15 लाख देने और और दोषी राजेंद्र कासवा की फाइल फिर से खोलने की बात कही थी किन्तु सत्ता में आने के बाद कांग्रेस के नेता अपने ही वादों को भूल गए ।
बाइट : ग्रीन पेटलावद संस्था के सदस्य
बाइट : अनमोल पवार, म्रतक परिवार के सदस्य
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