झाबुआ। तापमान बढ़ने के साथ ही झाबुआ जिले में लोग पेयजल संकट से भी जूझने लगे हैं और शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. ग्रामीण इलाकों में नल जल योजना ना होने के चलते बड़ी संख्या में ग्रामीण हैंडपंप और कुएं पर आश्रित रहते हैं. वही मई के शुरूआती महीने में ही हैंडपम्प और कुएं का जलस्तर कम होने लगा है, जबकि कई हैंडपम्प बंद हो गए हैं. जिसके कारण लोगों को पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
जहां एक ओर कोरोना वायरस से लोग परेशान हैं तो दूसरी ओर पीने के पानी के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. ये हालत न सिर्फ ग्रामीण इलाकों की है बल्कि जिले के मेघनगर के कई वार्डों में 8 से 10 दिनों में पानी की सप्लाई होने से यहां के हालत भी बिगड़ते जा रहे हैं. वही जल संकट के चलते थांदला विधायक वीर सिंह भूरिया ने शुक्रवार से जल संकट से ग्रस्त इलाको में पानी की आपूर्ति के लिए पानी के टैंकर की शुरूआत की है.
बता दें की झाबुआ जिले के ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करने का जिम्मा पीएचई विभाग पर है ,जबकि शहरी इलाकों में पानी सप्लाई की पूरी बागडोर नगरी निकाय देखती है. गर्मी के मौसम में झाबुआ के अधिकांश इलाकों में पेयजल संकट की तस्वीरें सामने आने लगती हैं और जिले के कई इलाकों में लोग अभी से पीने का पानी खरीद रहे हैं ,ऐसे में आने वाले महीनों में भी पेयजल संकट से निजात पाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा.