झाबुआ। विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के नेता कांतिलाल भूरिया और जेवियर मेडा दोनों ही इस सीट के लिए दावेदारी पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के सामने पेश कर चुके हैं. इस बार पार्टी जेवियर को मौका दे सकती हैं, इस बात की भनक लगते ही जिले में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जेवियर को नुकसान करने वाला बता कर उनका विरोध किया.
झाबुआ: विधानसभा उपचुनाव में जेवियर मेडा को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलों के बीच शुरू हुआ विरोध - कांतिलाल भूरिया
झाबुआ विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस पार्टी नेता जेवियर मेडा को मौका दे सकती है. इस बात की भनक लगते ही कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जेवियर को नुकसान करने वाला बता कर उनका विरोध करना शुरु कर दिया है.
कांग्रेस पार्टी नेता जेवियर मेडा का विरोध
झाबुआ। विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के नेता कांतिलाल भूरिया और जेवियर मेडा दोनों ही इस सीट के लिए दावेदारी पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के सामने पेश कर चुके हैं. इस बार पार्टी जेवियर को मौका दे सकती हैं, इस बात की भनक लगते ही जिले में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जेवियर को नुकसान करने वाला बता कर उनका विरोध किया.
Intro:झाबुआ: विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के नेताओ का अंतर कलह जगजाहिर हो चुका है । कांतिलाल भूरिया और जेवियर मेडा दोनों ही इस सीट पर अपनी प्रबल दावेदारी पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के सामने पेश कर चुके हैं। कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया की विधानसभा चुनाव में हार और खुद कांतिलाल भूरिया की लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी जेवियर को मौका दे सकती है, इसकी भनक लगते ही झाबुआ में सोमवार को कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जेवियर का नुकसान करने वाला बता कर उनका विरोध कर दिया।
Body:2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से जेवियर मेडा और कांतिलाल भूरिया के बीच मनमुटाव चल रहा है । पिछले कई महीनों से कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री कांतिलाल भूरिया और जयवीर मेड़ा के बीच समन्वय स्थापित करने का प्रयास कर रहे ताकि इस सीट को जीता जा सके । झाबुआ सीट को कांग्रेस की परंपरागत सीट माना जाता है मगर इस सीट पर कांग्रेसियों की आपसी खींचतान का फायदा सीधा भाजपा को मिलता है जैसा कि पिछले विधानसभा में भाजपा की जीत के रूप में देखा गया ।
Conclusion:सोमवार को जेवियर मेडा के विरोध के बाद इस मामले को लेकर जब कांतिलाल भूरिया से प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया । इधर जेवियर मेडा ने भी आफ कैमरा कह दिया कि पार्टी आलाकमान टिकट तय करेगी उन्होंने अपनी दावेदारी मज़बूती से पेश कर दी है टिकट देने का फैसला पार्टी का होगा। भूरिया और मेडा के बीच शुरू हुई इस तनातनी का सीधा फायदा भाजपा को मिलता दिखाई दे रहा है इस मामले में भाजपा नेता चटकारे लेकर कहने लगे है कि अब झाबुआ में भाजपा की जीत ज्यादा दूर नहीं ।
Body:2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से जेवियर मेडा और कांतिलाल भूरिया के बीच मनमुटाव चल रहा है । पिछले कई महीनों से कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री कांतिलाल भूरिया और जयवीर मेड़ा के बीच समन्वय स्थापित करने का प्रयास कर रहे ताकि इस सीट को जीता जा सके । झाबुआ सीट को कांग्रेस की परंपरागत सीट माना जाता है मगर इस सीट पर कांग्रेसियों की आपसी खींचतान का फायदा सीधा भाजपा को मिलता है जैसा कि पिछले विधानसभा में भाजपा की जीत के रूप में देखा गया ।
Conclusion:सोमवार को जेवियर मेडा के विरोध के बाद इस मामले को लेकर जब कांतिलाल भूरिया से प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया । इधर जेवियर मेडा ने भी आफ कैमरा कह दिया कि पार्टी आलाकमान टिकट तय करेगी उन्होंने अपनी दावेदारी मज़बूती से पेश कर दी है टिकट देने का फैसला पार्टी का होगा। भूरिया और मेडा के बीच शुरू हुई इस तनातनी का सीधा फायदा भाजपा को मिलता दिखाई दे रहा है इस मामले में भाजपा नेता चटकारे लेकर कहने लगे है कि अब झाबुआ में भाजपा की जीत ज्यादा दूर नहीं ।