जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Fake Remediesvir Injection) की खरीद-फरोख्त के मुख्य आरोपी सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा (Sarabjit Singh Mokha) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. एसआईटी ने सरबजीत सिंह मोखा के बाद अब उनकी पत्नी और अस्पताल की मैनेजर को गिरफ्तार किया है. पुलिस गिरफ्त में आए दोनों ही महिलाओं पर आरोप है कि उन्होंने न सिर्फ साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया है, बल्कि नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन को जमींदोज करवाने का जुर्म में भी किया है.
- कल रात को हुई गिरफ्तारी, आज न्यायालय में पेश कर लिया गया रिमांड
इस पूरे मामले में जांच कर रही 20 सदस्य एसआईटी की टीम ने सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी जसमीत सिंह मोखा और सिटी अस्पताल की मैनेजर सोनिया खत्री को सोमवार की रात गिरफ्तार किया था, पुलिस एसआईटी ने आज दोनों को ही न्यायालय में पेश किया, जहां न्यायालय ने आगामी 20 मई तक के लिए जसमीत सिंह मोखा और सोनिया खत्री को पुलिस रिमांड में भेज दिया है.
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- सरबजीत सिंह मोखा का बेटा अभी भी है फरार
नकली आईडी बनाकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद-फरोख्त में अपने पिता सरबजीत सिंह मोखा के साथ उनका बेटा हरकरण सिंह भी बराबर लिप्त था. एसआईटी ने हरकरण सिंह को भी इस पूरे मामले में आरोपी बनाया है, हालांकि हरकरण सिंह अभी पुलिस गिरफ्त से फरार चल रहा है. जिसको लगातार तलाश किया जा रहा है. माना जा रहा है कि जल्द ही सरबजीत सिंह मोखा के बेटे हरकरण सिंह पर पुलिस इनाम घोषित कर सकती है.
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- सिटी अस्पताल संचालक है अभी केंद्रीय जेल में बंद
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में लिप्त सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और अस्पताल के कर्मचारी देवेश चौरसिया को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, सरबजीत सिंह मोखा कोरोना पॉजिटीव है और जेल में ही उसका ईलाज चल रहा है.