जबलपुर। खुले दूध का कारोबार करने वाले सतर्क हो जाएं. कोर्ट के आदेश पर इन लोगों के खिलाफ हो कार्रवाई हो सकती है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में आज एक जनहित याचिका की सुनवाई हुई . यह जनहित याचिका दूध में मिलावट करने वाले लोगों के खिलाफ लगाई गई है. इसे जबलपुर की नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने लगाया है.
खुले दूध में मिलावट करने वालों पर हो कार्रवाई: याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट दिनेश उपाध्याय ने बताया कि मिलावटखोरों पर लगाम लगाने के लिए सरकार के पास लाइसेंस की व्यवस्था है लेकिन ज्यादातर लोग बिना लाइसेंस के दूध बेच रहे हैं.इन पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है. खुला दूध बेचने वाले दूध कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.उनके दूध के सैंपल लिए जाने चाहिए और यदि इनमें से किसी ने मिलावट की है तो उसके खिलाफ कैसे भी दर्ज होना चाहिए. कोर्ट ने ये बात को मानते हुए एक बार फिर राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह खुला दूध बेचने वाले कारोबारियों की सैंपल की जांच करें.
5 साल से चल रही है याचिका: यह याचिका हाईकोर्ट में बीते 5 सालों से चल रही है. सरकार की ओर से इस मामले में जवाब दिया गया है कि बीते 5 सालों में 2000 से ज्यादा दूध विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है और कई लोगों को दंडित भी किया गया है. सरकार ने कोर्ट को बात का आश्वासन दिया है कि वे किसी को भी बिना लाइसेंस के दूध नहीं बेचने देंगे.
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शुरू नहीं हो पाई प्रयोगशाला: यहां यह बता देना भी जरूरी है कि जबलपुर में खाद्य नमूनों की जांच के लिए एक प्रयोगशाला बनाई जा रही थी जिसकी इमारत बन चुकी है, लेकिन अब तक इसमें वैज्ञानिकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है. यह प्रयोगशाला शुरू नहीं हो पाई है यदि यह प्रयोगशाला शुरू हो जाती तो जबलपुर में ही खाद्य नमूनो की जांच होने लगेगी. अभी यह जांच भोपाल जाती है और इसमें काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है जिसकी वजह से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती.