जबलपुर। हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एसएस झा, उनके अधिवक्ता पुत्र केएस झा तथा सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पीपी नावलेकर, पूर्व महाधिक्ता ए अग्रवाल सहित कई लोगों द्वारा दायर की याचिकाओं में फ्लाईओवर के लिए जबरन भूमि अधिग्रहण किये जाने को चुनौती दी गयी है. याचिका में कहा गया है कि नगर निगम द्वारा शहर के अंदर प्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है. पं. लज्जा शंकर मार्ग में फ्लाईओवर जहां उतारा जा रहा है. उक्त मार्ग की चौड़ाई 80 फुट से अधिक निर्धारित की गयी है, जो मास्टर प्लान से अधिक है.
जबरन किया जा रहा जमीन का अधिग्रहण : याचिका में कहा गया है कि लोगों की व्यक्तिगत भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है. इसके अलावा दमोह नाका से मदन महल मार्ग में भी लोगों की भूमि का जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है. भूमि अधिग्रहण के लिए नगर निगम द्वारा नोटिस जारी किये गये हैं. नोटिस में इस बात का उल्लेख नहीं किया गया है कि कितनी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. सरकार एक तरफ न्यायालय में आपसी समझौते के तहत कार्रवाई की बात कहती है तो वहीं दूसरी तरफ जबरन तोड़फोड़ करने का लगातार प्रयास जारी है.
आर्बिटेटर की अनुशंसा का उल्लेख : न्यायालय ने बिना सहमति के किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ करने पर रोक लगा दी थी. नगर निगम सिर्फ लीज की जमीन होने का तर्क प्रस्तुत कर रही है. मुआवजे के संबंध में कोई जवाब पेश नहीं किया गया है. हाईकोर्ट ने आपसी समझौते के लिए आर्बिटेटर नियुक्त करने के आदेश जारी किये थे. आर्बिटेटर द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट में लीज होल्डर जमीन के मूल्य का 80 प्रतिशत तथा फ्री होल्डर जमीन का शत प्रतिशत मुआवजा देने अनुशंसा की थी, जिस पर शासन द्वारा आपत्ति पेश की गयी है. सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी तथा अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पैरवी की. MP high court news, Objection Arbitrator report, land acquisition in Jabalpur, flyover case