जबलपुर। कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री उमंग सिंघार को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. पत्नी द्वारा अप्राकृतिक यौन संबंध सहित अन्य धाराओं के तहत दर्ज करवाई गयी एफआईआर को हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने खारिज करने के आदेश जारी किये हैं. एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए मार्च 2023 में उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ प्रदान किया था. एकलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए एफआईआर निरस्त करने के आदेश जारी किये हैं.
पत्नी ने लगाए अप्राकृतिक कृत्य के आरोप : गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार के खिलाफ उनकी पत्नी ने धार जिले में अप्राकृतिक यौन शोषण, दुष्कर्म और मानसिक प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. उसके बाद से विधायक फरार चल रहे थे. उन्होंने एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट इंदौर में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया था. न्यायालय ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली थी. याचिकाकर्ता विधायक की तरफ से तर्क दिया गया कि वह आदिवासी समाज के हैं और तीन शादी करने की उन्हें छूट है.
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हाई कोर्ट ने सुनाया आदेश : जिरह में वकील ने कहा कि वैवाहिक जीवन के दौरान आपसी सहमति से उनके बीच शारीरिक संबंध स्थापित हुए थे. विवाद होने पर पूर्व में भी उनकी पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि वैवाहिक तथा लिव-इन-रिलेशनशिप में टकराव के बाद दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करवाने में इजाफा हुआ है. विवाद होने की स्थिति में इसका दुरुपयोग किया जा रहा है, जिस पर रोक लगाना आवश्यक है. याचिका में दर्ज एफआईआर को निरस्त करते के साथ अग्रिम जमानत का लाभ प्रदान करने राहत चाही गयी थी. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल ने पैरवी की.