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जबलपुर STF की बड़ी कार्रवाई, 4 करोड़ का गांजा और 52 बम के साथ अंतरराज्यीय गिरोह पकड़ा - JABALPUR STF BIG ACTION

जबलपुर एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय गिरोह के 4 तस्करों को किया अरेस्ट. वन्य जीव शिकार और गांजा तस्करी गैंग का किया पर्दाफाश.

JABALPUR STF SEIZED GANJA BOMBS
एसटीएफ एसपी राजेश भदौरिया ने कार्रवाई के बारे में दी जानकारी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 11, 2025, 1:56 PM IST

जबलपुर: मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और टाईगर स्ट्राइक फोर्स ने स्थानीय पुलिस और वन विभाग की टीम के साथ मिलकर डिंडौरी में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. एसटीएफ ने अंतरराज्यीय वन्य जीव शिकार का शिकार और गांजा तस्करी करने वाली पारदी गैंग का खुलासा किया है. एसटीएफ ने डिंडौरी जिले के पडरिया साकल गांव से जमीन में छिपाकर रखे गए भारी मात्रा में गांजा को बरामद किया है.

10 दिन की सघन सर्चिंग के बाद कार्रवाई

पुलिस ने इस कार्रवाई में 940 किलो गांजा, 52 विस्फोटक बम और कई वन्य प्राणियों के अवशेष के साथ 12 दोपहिया वाहन और 8 धारदार चाकू जब्त किए हैं. इसके अलावा तस्करी में संलिप्त 4 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है. जबकि इस गैंग में कुछ महिलाएं भी शामिल हैं, जिनकी एसटीएफ तलाश कर रही है. बता दें कि एसटीएफ को इस गिरोह के बारे में महाराष्ट्र के चंद्रपुर से सुराग मिले थे. इसके बाद एसटीएफ ने कटनी, मंडला और डिंडौरी के घने जंगलों में 10 दिनों तक सघन तलाशी अभियान चलाया. जंगलों में गुप्त ठिकानों की पहचान करके तस्करों पर शिकंजा कसा गया.

भारी मात्रा गांजा और विस्फोटक बरामद (ETV Bharat)

वन्य जीव शिकार और बम बरामदगी से सनसनी

गांजा तस्करी के साथ ही इस गैंग की संलिप्तता वन्य जीवों के अवैध शिकार में भी पाई गई है. बरामद किए गए 52 विस्फोटक बम का इस्तेमाल जंगली जानवरों के शिकार में किया जाता था. टाइगर स्ट्राइक फोर्स, वन विभाग और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है. एसटीएफ को संदेह है कि यह गिरोह बाघों के शिकार और उनके अंगों की तस्करी में भी शामिल था. फिलहाल, पुलिस इस दिशा में भी गहन जांच कर रही है. साथ ही अभी कई वन्यजीवों के अवशेष भी बरामद किए गए जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है.

गिरोह का नेटवर्क मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र तक फैला

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह गिरोह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र तक फैला हुआ है. गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर एसटीएफ अन्य फरार सदस्यों की तलाश में जुट गई है. पुलिस अब यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गिरोह के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जुड़े हैं या नहीं. साथ ही यह गिरोह वारदात को अंजाम देने के के बाद उस स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर चले जाते है, जिसके कारण किसी को शक नहीं होता है.

गिरफ्तार आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ जारी

इस मामले में एसटीएफ एसपी राजेश भदौरिया ने बताया, " इस गिरोह पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी. हमारी टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर सघन सर्चिंग कर आरोपियों को दबोचा. आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी." स्पेशल टाइगर फोर्स के रेंज ऑफिसर शुभम मिश्रा ने कहा, "इस गैंग के तार वन्य जीव शिकार से भी जुड़े हुए हैं. हमने बरामद विस्फोटकों की जांच शुरू कर दी है. गिरफ्तार आरोपियों से और पूछताछ की जा रही है."

जबलपुर: मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और टाईगर स्ट्राइक फोर्स ने स्थानीय पुलिस और वन विभाग की टीम के साथ मिलकर डिंडौरी में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. एसटीएफ ने अंतरराज्यीय वन्य जीव शिकार का शिकार और गांजा तस्करी करने वाली पारदी गैंग का खुलासा किया है. एसटीएफ ने डिंडौरी जिले के पडरिया साकल गांव से जमीन में छिपाकर रखे गए भारी मात्रा में गांजा को बरामद किया है.

10 दिन की सघन सर्चिंग के बाद कार्रवाई

पुलिस ने इस कार्रवाई में 940 किलो गांजा, 52 विस्फोटक बम और कई वन्य प्राणियों के अवशेष के साथ 12 दोपहिया वाहन और 8 धारदार चाकू जब्त किए हैं. इसके अलावा तस्करी में संलिप्त 4 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है. जबकि इस गैंग में कुछ महिलाएं भी शामिल हैं, जिनकी एसटीएफ तलाश कर रही है. बता दें कि एसटीएफ को इस गिरोह के बारे में महाराष्ट्र के चंद्रपुर से सुराग मिले थे. इसके बाद एसटीएफ ने कटनी, मंडला और डिंडौरी के घने जंगलों में 10 दिनों तक सघन तलाशी अभियान चलाया. जंगलों में गुप्त ठिकानों की पहचान करके तस्करों पर शिकंजा कसा गया.

भारी मात्रा गांजा और विस्फोटक बरामद (ETV Bharat)

वन्य जीव शिकार और बम बरामदगी से सनसनी

गांजा तस्करी के साथ ही इस गैंग की संलिप्तता वन्य जीवों के अवैध शिकार में भी पाई गई है. बरामद किए गए 52 विस्फोटक बम का इस्तेमाल जंगली जानवरों के शिकार में किया जाता था. टाइगर स्ट्राइक फोर्स, वन विभाग और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है. एसटीएफ को संदेह है कि यह गिरोह बाघों के शिकार और उनके अंगों की तस्करी में भी शामिल था. फिलहाल, पुलिस इस दिशा में भी गहन जांच कर रही है. साथ ही अभी कई वन्यजीवों के अवशेष भी बरामद किए गए जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है.

गिरोह का नेटवर्क मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र तक फैला

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह गिरोह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र तक फैला हुआ है. गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर एसटीएफ अन्य फरार सदस्यों की तलाश में जुट गई है. पुलिस अब यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गिरोह के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जुड़े हैं या नहीं. साथ ही यह गिरोह वारदात को अंजाम देने के के बाद उस स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर चले जाते है, जिसके कारण किसी को शक नहीं होता है.

गिरफ्तार आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ जारी

इस मामले में एसटीएफ एसपी राजेश भदौरिया ने बताया, " इस गिरोह पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी. हमारी टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर सघन सर्चिंग कर आरोपियों को दबोचा. आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी." स्पेशल टाइगर फोर्स के रेंज ऑफिसर शुभम मिश्रा ने कहा, "इस गैंग के तार वन्य जीव शिकार से भी जुड़े हुए हैं. हमने बरामद विस्फोटकों की जांच शुरू कर दी है. गिरफ्तार आरोपियों से और पूछताछ की जा रही है."

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