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'खच्चर' खातों पर AI रखेगी नजर, साइबर अपराधियों से आपके पैसे बचाने की बड़ी कवायद - AMIT SHAH

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर चिंता जतायी. रोक लगाने की तैयारी के बारे में बताया.

Cyber ​​security.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार, 13 जुलाई, 2023 को गुरुग्राम में 'साइबर वालंटियर स्क्वाड' के सदस्यों के साथ. (फाइल फोटो) (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 11, 2025, 1:39 PM IST

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. उनका मंत्रालय खच्चर खातों (म्यूल अकाउंट) का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करेगा. शाह ने कहा कि 'खच्चर खाता' धन शोधन और धोखाधड़ी वाले लेनदेन जैसी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा, 'हम खच्चर खातों को चालू होने से पहले ही बंद करना सुनिश्चित करेंगे.'

संसदीय सलाहकार समिति की बैठक: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार शाम नई दिल्ली में 'साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध' विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, समिति के सदस्य संजय कुमार, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. बैठक के दौरान समिति ने 'साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध' से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

Cyber ​​security.
साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

साइबर अपराध के मामले बढ़ेः अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र 'रोको-सोचो-कार्रवाई करो' के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वे साइबर अपराधों के प्रति अधिक सतर्क रहें. बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत में डिजिटल बुनियादी ढांचे का विस्तार हुआ है, जिससे स्वाभाविक रूप से साइबर हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है.

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साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

साइबर धोखाधड़ी को रोकना हैः अमित शाह ने कहा कि जब हम साइबरस्पेस को एक अलग नजरिए से देखते हैं, तो यह 'सॉफ्टवेयर', 'सेवाओं' और 'उपयोगकर्ताओं' का एक जटिल नेटवर्क बनाता है. मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक हम सॉफ्टवेयर, सेवाओं और उपयोगकर्ताओं के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी को नियंत्रित करने पर विचार नहीं करते, तब तक साइबरस्पेस के मुद्दों को हल करना असंभव होगा.

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साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

सीमाहीन और निराकार अपराध हैः केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने भारत को साइबर-सुरक्षित राष्ट्र बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.' यह कहते हुए कि साइबर अपराध ने सभी भौगोलिक सीमाओं को मिटा दिया है, शाह ने कहा, 'यह एक सीमाहीन और निराकार अपराध है, क्योंकि इसकी कोई सीमा या निश्चित रूप नहीं है.' मंत्री ने कहा, 'डिजिटल क्रांति' के आकार और पैमाने को समझे बिना हम साइबर क्षेत्र में चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते.

इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़ीः अमित शाह ने कहा, "आज देश के 95 प्रतिशत गांव डिजिटल रूप से जुड़े हुए हैं और एक लाख ग्राम पंचायतें वाई-फाई हॉटस्पॉट से लैस हैं. पिछले दस वर्षों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में 4.5 गुना वृद्धि हुई है. 2024 में यूपीआई के माध्यम से 17.221 लाख करोड़ रुपये के कुल 246 ट्रिलियन लेनदेन किए गए. 2024 में वैश्विक डिजिटल लेनदेन का 48 प्रतिशत भारत में हुआ.

जीडीपी में डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदानः अमित शाह ने कहा, "2023 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान लगभग 32 लाख करोड़ रुपये था, जो 12 प्रतिशत है और लगभग 15 मिलियन नौकरियां पैदा हुईं." शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, सीईआरटी-आईएन, दूरसंचार एवं बैंकिंग जैसे विभागों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान की स्वस्थ परंपरा के कारण साइबर अपराध के कई मामलों से सफलतापूर्वक निपटने में मदद मिली है.

लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की अपीलः गृह मंत्री ने साइबर अपराध को रोकने के लिए जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया. समिति के सभी सदस्यों से हेल्पलाइन नंबर 1930 का प्रचार करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मद्देनजर, '1930' हेल्पलाइन कार्ड ब्लॉक करने जैसी विभिन्न सेवाओं की पेशकश करते हुए एक-बिंदु समाधान प्रदान करती है. शाह ने बताया कि I4C पोर्टल पर कुल 1 लाख 43 हज़ार FIR दर्ज की गई हैं.

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साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

ऐप और वेबसाइट ब्लॉक किये गयेः अमति शाह ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से I4C की सिफ़ारिशों के आधार पर 805 ऐप और 3,266 वेबसाइट लिंक ब्लॉक किए गए हैं. उन्होंने कहा, "इसके अलावा, 399 बैंक और वित्तीय मध्यस्थ भी इसमें शामिल हुए हैं. 6 लाख से ज़्यादा संदिग्ध डेटा पॉइंट साझा किए गए हैं, 19 लाख से ज़्यादा संदिग्ध खातों को पकड़ा गया है और 2,038 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन को रोका गया है."

Cyber ​​security.
साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

साइबर अपराध पर लगाम लगाने की तैयारीः गृह मंत्री ने कहा 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर अपराध फोरेंसिक प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं. 'साइट्रेन' प्लेटफॉर्म, जो एक "मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी)" प्लेटफॉर्म है, पर 101,561 पुलिस अधिकारियों ने पंजीकरण कराया है. उन्होंने कहा, "आज भारत डिजिटल परिदृश्य के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है. गृह मंत्रालय का लक्ष्य साइबर अपराध के मामलों और उनकी एफआईआर को शून्य करना है."

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साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

क्या होता है खच्चर अकाउंट? म्यूल अकाउंट या खच्चर अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट होते हैं जिनका इस्तेमाल जालसाज अपराध से मिले पैसे को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं. अगर साइबर अपराधी अपने खुद के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं, तो KYC नियमों की वजह से उन्हें पकड़ना आसान होता है. इससे बचने के लिए किसी तीसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं. हो सकता है कि इस तीसरे व्यक्ति को पता भी न हो कि वे अपराधियों के लिए काम कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः साइबर अपराध पर लगेगी लगाम! गृह मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया एक्शन प्लान

इसे भी पढ़ेंः विशेषज्ञों की चेतावनी: स्वदेशी AI Models से साइबर क्राइम बढ़ने का खतरा, सिक्योरिटी प्लान्स मजबूत करने पर दिया जोर

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. उनका मंत्रालय खच्चर खातों (म्यूल अकाउंट) का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करेगा. शाह ने कहा कि 'खच्चर खाता' धन शोधन और धोखाधड़ी वाले लेनदेन जैसी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा, 'हम खच्चर खातों को चालू होने से पहले ही बंद करना सुनिश्चित करेंगे.'

संसदीय सलाहकार समिति की बैठक: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार शाम नई दिल्ली में 'साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध' विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, समिति के सदस्य संजय कुमार, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. बैठक के दौरान समिति ने 'साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध' से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

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साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

साइबर अपराध के मामले बढ़ेः अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र 'रोको-सोचो-कार्रवाई करो' के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वे साइबर अपराधों के प्रति अधिक सतर्क रहें. बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत में डिजिटल बुनियादी ढांचे का विस्तार हुआ है, जिससे स्वाभाविक रूप से साइबर हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है.

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साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

साइबर धोखाधड़ी को रोकना हैः अमित शाह ने कहा कि जब हम साइबरस्पेस को एक अलग नजरिए से देखते हैं, तो यह 'सॉफ्टवेयर', 'सेवाओं' और 'उपयोगकर्ताओं' का एक जटिल नेटवर्क बनाता है. मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक हम सॉफ्टवेयर, सेवाओं और उपयोगकर्ताओं के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी को नियंत्रित करने पर विचार नहीं करते, तब तक साइबरस्पेस के मुद्दों को हल करना असंभव होगा.

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साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

सीमाहीन और निराकार अपराध हैः केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने भारत को साइबर-सुरक्षित राष्ट्र बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.' यह कहते हुए कि साइबर अपराध ने सभी भौगोलिक सीमाओं को मिटा दिया है, शाह ने कहा, 'यह एक सीमाहीन और निराकार अपराध है, क्योंकि इसकी कोई सीमा या निश्चित रूप नहीं है.' मंत्री ने कहा, 'डिजिटल क्रांति' के आकार और पैमाने को समझे बिना हम साइबर क्षेत्र में चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते.

इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़ीः अमित शाह ने कहा, "आज देश के 95 प्रतिशत गांव डिजिटल रूप से जुड़े हुए हैं और एक लाख ग्राम पंचायतें वाई-फाई हॉटस्पॉट से लैस हैं. पिछले दस वर्षों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में 4.5 गुना वृद्धि हुई है. 2024 में यूपीआई के माध्यम से 17.221 लाख करोड़ रुपये के कुल 246 ट्रिलियन लेनदेन किए गए. 2024 में वैश्विक डिजिटल लेनदेन का 48 प्रतिशत भारत में हुआ.

जीडीपी में डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदानः अमित शाह ने कहा, "2023 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान लगभग 32 लाख करोड़ रुपये था, जो 12 प्रतिशत है और लगभग 15 मिलियन नौकरियां पैदा हुईं." शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, सीईआरटी-आईएन, दूरसंचार एवं बैंकिंग जैसे विभागों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान की स्वस्थ परंपरा के कारण साइबर अपराध के कई मामलों से सफलतापूर्वक निपटने में मदद मिली है.

लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की अपीलः गृह मंत्री ने साइबर अपराध को रोकने के लिए जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया. समिति के सभी सदस्यों से हेल्पलाइन नंबर 1930 का प्रचार करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मद्देनजर, '1930' हेल्पलाइन कार्ड ब्लॉक करने जैसी विभिन्न सेवाओं की पेशकश करते हुए एक-बिंदु समाधान प्रदान करती है. शाह ने बताया कि I4C पोर्टल पर कुल 1 लाख 43 हज़ार FIR दर्ज की गई हैं.

Cyber ​​security.
साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

ऐप और वेबसाइट ब्लॉक किये गयेः अमति शाह ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से I4C की सिफ़ारिशों के आधार पर 805 ऐप और 3,266 वेबसाइट लिंक ब्लॉक किए गए हैं. उन्होंने कहा, "इसके अलावा, 399 बैंक और वित्तीय मध्यस्थ भी इसमें शामिल हुए हैं. 6 लाख से ज़्यादा संदिग्ध डेटा पॉइंट साझा किए गए हैं, 19 लाख से ज़्यादा संदिग्ध खातों को पकड़ा गया है और 2,038 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन को रोका गया है."

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साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

साइबर अपराध पर लगाम लगाने की तैयारीः गृह मंत्री ने कहा 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर अपराध फोरेंसिक प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं. 'साइट्रेन' प्लेटफॉर्म, जो एक "मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी)" प्लेटफॉर्म है, पर 101,561 पुलिस अधिकारियों ने पंजीकरण कराया है. उन्होंने कहा, "आज भारत डिजिटल परिदृश्य के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है. गृह मंत्रालय का लक्ष्य साइबर अपराध के मामलों और उनकी एफआईआर को शून्य करना है."

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साइबर सुरक्षा. (/i4c.mha.gov.in)

क्या होता है खच्चर अकाउंट? म्यूल अकाउंट या खच्चर अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट होते हैं जिनका इस्तेमाल जालसाज अपराध से मिले पैसे को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं. अगर साइबर अपराधी अपने खुद के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं, तो KYC नियमों की वजह से उन्हें पकड़ना आसान होता है. इससे बचने के लिए किसी तीसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं. हो सकता है कि इस तीसरे व्यक्ति को पता भी न हो कि वे अपराधियों के लिए काम कर रहे हैं.

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