ETV Bharat / state

MP High Court पोस्टमॉर्टम व फॉरेसिंक रिपोर्ट की टाइप व डिजिटल कॉपी मामले में सरकार ने अपना पक्ष रखा - सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट पेश की

आपराधिक प्रकरणों में पोस्टमॉर्टम व फॉरेसिंक रिपोर्ट की टाइप तथा डिजिटल कॉपी न्यायालय में उपलब्ध करवाने के लिए मॉड्यूल तैयार करने सरकार को निर्देश जारी किए गए थे. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को याचिका की सुनवाई के दौरान बताया गया कि प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारियों को इस संबंध में नोटिस जारी किये गये हैं.

MP High Court government presented his stand
पोस्टमॉर्टम व फॉरेसिंक रिपोर्ट डिजिटल कॉपी
author img

By

Published : Jan 11, 2023, 7:34 PM IST

जबलपुर/शिवपुरी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि वेब सर्वर पर डॉक्टरों के डिजिटल हस्ताक्षर सहित रिपोर्ट उपलब्ध करवाने सरकार मॉड्यूल तैयार करने पर विचार-विमर्श जारी है. अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि मेडिको लीगल प्रकरण में पोस्टमॉर्टम, फॉरेंसिक सहित अन्य रिपोर्ट हस्तलिपि होती है. हस्तलिपि स्पष्ट नहीं होने के कारण उसे ठीक से पढ़ा नहीं जा सकता है. न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई के दौरान मेडिको लीगल रिपोर्ट अहम साक्ष्य होता है. हस्तलिपि साफ नहीं होने के कारण रिपोर्ट के अर्थ का अनर्थ निकाल कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है. जिसका लाभ अभियुक्तों को मिलता है.

सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट पेश की : याचिका में राहत चाही गयी थी कि मेडिको व फॉरेंसिक सहित अन्य रिपोर्ट टाइप तथा डिजिटल माध्यम से न्यायालय में पेश की जाए. याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से लगभग 100 पन्नों की स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई. युगलपीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेते हुए याचिका पर अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद निर्धारित की है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष रखा.

कलयुगी पिता को आजीवन कारावास : शिवपुरी जिले के पिछोर कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी कलयुगी पिता को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है. मामले में पैरवी अपर लोक अभियोजक बृजेश द्विवेदी ने की. अभियोजन के मुताबिक पिछोर क्षेत्र निवासी 16 साल की किशोरी के साथ 11 अप्रैल 2020 को मकान में उसी के पिता ने दुष्कर्म किया था. आरोपी पिता पहले भी अपनी बेटी के साथ इस घटना को कई बार अंजाम दे चुका था.

MP High Court आर्थोपेडिक्स MS की सीट खाली होने के बावजूद क्यों नहीं की आवंटित, नोटिस जारी

धमकी भी देता था : अपनी बेटी को शिकायत करने पर पिता जान से मारने की धमकी देता था. परेशान होकर पीड़िता ने ने अपने भाई को पूरी घटना बताई. जिसके बाद भाई अपनी मौसी के साथ बहन को लेकर पुलिस थाने पहुंचा और मामले में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने इस मामले में आरोपी पिता पर केस दर्ज कर उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. कोर्ट ने आरोपी पिता को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

जबलपुर/शिवपुरी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि वेब सर्वर पर डॉक्टरों के डिजिटल हस्ताक्षर सहित रिपोर्ट उपलब्ध करवाने सरकार मॉड्यूल तैयार करने पर विचार-विमर्श जारी है. अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि मेडिको लीगल प्रकरण में पोस्टमॉर्टम, फॉरेंसिक सहित अन्य रिपोर्ट हस्तलिपि होती है. हस्तलिपि स्पष्ट नहीं होने के कारण उसे ठीक से पढ़ा नहीं जा सकता है. न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई के दौरान मेडिको लीगल रिपोर्ट अहम साक्ष्य होता है. हस्तलिपि साफ नहीं होने के कारण रिपोर्ट के अर्थ का अनर्थ निकाल कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है. जिसका लाभ अभियुक्तों को मिलता है.

सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट पेश की : याचिका में राहत चाही गयी थी कि मेडिको व फॉरेंसिक सहित अन्य रिपोर्ट टाइप तथा डिजिटल माध्यम से न्यायालय में पेश की जाए. याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से लगभग 100 पन्नों की स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई. युगलपीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेते हुए याचिका पर अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद निर्धारित की है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष रखा.

कलयुगी पिता को आजीवन कारावास : शिवपुरी जिले के पिछोर कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी कलयुगी पिता को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है. मामले में पैरवी अपर लोक अभियोजक बृजेश द्विवेदी ने की. अभियोजन के मुताबिक पिछोर क्षेत्र निवासी 16 साल की किशोरी के साथ 11 अप्रैल 2020 को मकान में उसी के पिता ने दुष्कर्म किया था. आरोपी पिता पहले भी अपनी बेटी के साथ इस घटना को कई बार अंजाम दे चुका था.

MP High Court आर्थोपेडिक्स MS की सीट खाली होने के बावजूद क्यों नहीं की आवंटित, नोटिस जारी

धमकी भी देता था : अपनी बेटी को शिकायत करने पर पिता जान से मारने की धमकी देता था. परेशान होकर पीड़िता ने ने अपने भाई को पूरी घटना बताई. जिसके बाद भाई अपनी मौसी के साथ बहन को लेकर पुलिस थाने पहुंचा और मामले में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने इस मामले में आरोपी पिता पर केस दर्ज कर उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. कोर्ट ने आरोपी पिता को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.