जबलपुर। सरकारी फॉर्म में थर्ड जेंडर का विकल्प नहीं होने के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि दस्तावेज नहीं होने के कारण थर्ड जेंडर को शासकीय योजना का लाभ नहीं मिलता है. याचिका में सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस वीरेंद्र सिंह को सरकार की तरफ से बताया गया कि थर्ड जेंडर को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत राशन प्रदान किया जाएगा. याचिकाकर्ता का आग्रह स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने रिज्वाइंडर पेश करने के लिए उन्हें समय प्रदान किया है.
थर्ड जेंडर नूरी की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि सरकारी फॉर्म में विकल्प नहीं होने के कारण थर्ड जेंडर को कोई कार्ड जारी नहीं किया जाता है. कोरोना संक्रमण काल में राशन कॉर्ड नहीं होने के कारण थर्ड जेंडर को पीडीएस योजना के तहत राशन भी नहीं मिला. इसके अलावा उन्हें अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता है. याचिका में कहा गया था कि थर्ड जेंडर दो श्रेणी के होते हैं, एक जो बधाई मांगते है और दूसरे जो काम कर अपना जीवन ज्ञापन करते हैं.
बधाई मांगने वालों को आर्थिक परेशानी नहीं रहती है, लेकिन जो लोग काम कर अपना जीवन-यापन करते हैं, उन्हे कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है. थर्ड जेंडर होने के कारण परिवार उनका त्याग कर देता है, और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलता है. इस संबंध में पूर्व में दायर याचिका का निराकरण करते हुए संबंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने के निर्देश दिए गए थे. अभ्यावेदन पेश करने के बावजूद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण उक्त याचिका दायर की गई.
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से उक्त जवाब पेश किया गया है. याचिकाकर्ता की तरफ से आपत्ति व्यक्त करते हुए युगलपीठ को बताया गया कि थर्ड जेंडर के संबंध में कोई आईडी जारी नहीं की जाती है तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. युगलपीठ ने इस मुद्दे पर याचिकाकर्ता को रिज्वाइंडर पेश करनी की मोहलत प्रदान करते हुए अगली सुनवाई 16 अगस्त को निर्धारित की है.