नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि, ट्राई के सीनियर अधिकारी नरेंद्र सिंह रावत ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित एक केबल ऑपरेटर से कथित तौर पर एक लाख रुपये की रिश्वत मांगे और उसे स्वीकार किया. केंद्रीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी.
सीबीआई ने मामले में नई दिल्ली में तैनात ट्राई के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी रावत के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने केबल ऑपरेटरों की शिकायत पर एक जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी ट्राई अधिकारी रावत एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे. शुक्रवार को जारी एक बयान में सीबीआई ने कहा, शिकायतकर्ता सिरमौर जिले में केबल सेवाएं चलाने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का लाइसेंस धारक है.
शिकायत पांच अन्य केबल ऑपरेटरों की ओर से दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी अधिकारी उनके नियामक दस्तावेजों, त्रैमासिक प्रदर्शन निगरानी रिपोर्ट (क्यू-पीएमआर) का मूल्यांकन करने में उनका पक्ष लेने और उनके लाइसेंस रद्द करने की सिफारिशें रोकने के लिए रिश्वत की मांग कर रहा था. सीबीआई प्रवक्ता ने यह जानकारी दी.
ट्राई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, केबल ऑपरेटरों को अपने क्यू-पीएमआर अधिकारी को प्रस्तुत करने होंगे, जो मूल्यांकन या अवलोकन के बाद, कुछ विसंगतियां पाए जाने पर उनके लाइसेंस को स्वीकार या रद्द करने की सिफारिश करेंगे. एफआईआर में, सीबीआई ने कहा कि आरोपी ने कथित तौर पर ऑपरेटरों से कहा कि वह उनके क्यू-पीएमआर के संबंध में अनुकूल कार्रवाई करेगा और चेतावनी दी कि जब तक वे रिश्वत नहीं देते, उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं.
एफआईआर में कहा गया है, 'आरोपी अधिकारी ने अन्य केबल ऑपरेटरों को भी लाइसेंस रद्द करने की धमकी दी है और उन्हें इस संबंध में शिकायतकर्ता से संपर्क करने के लिए कहा है.' शिकायत के बाद, सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया और आरोपों की पुष्टि की.
अधिकारियों ने कहा कि, सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपी को नई दिल्ली के नौरोजी नगर में अपने कार्यालय में एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने ग्रेटर नोएडा और नई दिल्ली में आरोपी अधिकारी के आवासीय और आधिकारिक परिसरों पर भी छापेमारी की, जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए. मामले में आगे की जांच चल रही है.
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