जबलपुर। सूचना के अधिकार के तहत दिए गए दस्तावेज में ओवर राईटिंग कर थाने की सील लगाये जाने के खिलाफ जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया गया था. परिवाद में मांग की गयी थी कि दोषी व्यक्ति के खिलाफ जालसाजी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया जाए. जिला न्यायालय ने संबंधित थाने के प्रभारी को मूल रोजनामचा पेश करने तथा ओवर राईटिंग करने वाले व्यक्ति का नाम बताने के संबंध में निर्देश जारी किये है.
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कम्प्यूटराइज कॉपी में मैनुअल काट-छांट की गईः ग्वारीघाट रोड निवासी अजीत सिंह आनंद की तरफ से दायर परिवाद में कहा गया था कि थाना गोहलपुर में स्वंय से संबंधित रोजनामचे की जानकारी सूचना का अधिकार के तहत मांगी थी. जिसका निर्धारित शुल्क भी उसके द्वारा अदा किया गया था. आरटीआई के तहत उसे कम्प्यूटराइज काॅपी दी गयी. कम्प्यूटराइज काॅपी में मैनुअल काट-छांट करते हुए समय में बदलाव किया गया। आरटीआई की काॅपी में थाने की सील लगाकर हस्ताक्षर भी किये गए हैं. दस्तावेज में छेड़छाड़ करना अपराधिक कृत्य है. इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण उक्त याचिका दायर की गई है. परिवाद में दोषी व्यक्ति के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की राहत चाही गई थी. परिवाद की सुनवाई करते हुए जेएमएफसी विष्वेशी मिश्रा ने उक्त आदेश जारी किये हैं. परिवादी की तरफ से अधिवक्ता विजय तिवारी ने पैरवी की.
एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को सवा 12 लाख भुगतान का आदेशः एक अन्य खबर के अनुसार जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष केके त्रिपाठी ने सदस्य मनोज कुमार मिश्र की युगलपीठ ने सेवा में कमी के आरोप को आंशिक रूप से सही पाया. इसी के साथ एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड काे आदेश दिया कि वह परिवादियों के हक में 12 लाख 25 हजार का भुगतान करे. इसमें से 12 लाख बीमा दावे की बकाया राशि है. जबकि 20 हजार मानसिक क्षतिपूर्ति व पांच हजार रुपये मुकदमे का खर्च शामिल है. परिवादी बेलबाग टोरिया निवासी ज्योति कश्यप, शशांक कश्यप व कार्तिक कश्यप का पक्ष अधिवक्ता सुशील सोनी ने रखा.