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हवाला कारोबारियों का गढ़ बना जबलपुर, अरबों रुपये किए जा रहे इधर से उधर

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Published : Apr 11, 2019, 9:01 PM IST

जबलपुर हवाला कारोबार का गढ़ बन गया है. शहर में पिछले 6 महीने में 6 हजार 245 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का खुलासा हुआ है.

छवि भारद्वाज, कलेक्टर

जबलपुर। प्रदेश की संस्कारधानी हवाला कारोबार का गढ़ बन गई है. यहां से हवाला के जरिए देशभर में करोड़ों रुपए पहुंचाए जा चुके हैं. शहर में पिछले 6 महीने में 6 हजार 245 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का खुलासा हुआ है. शहर के चार अलग-अलग हवाला कारोबारियों के पास से नगद के साथ-साथ भारी भरकम रकम का रिकॉर्ड भी जब्त किया गया है. जबलपुर आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने छापेमारी और जांच के दौरान चार हवाला कारोबारियों को पकड़कर पूछताछ की तो हवाला के गोरखधंधे का खुलासा हुआ है.


सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन टीम ने जांच के दौरान चार हवाला कारोबारियों के लैपटॉप और दस्तावेजों को भी खंगाला है. हाल के दिनों में शहर में अगरबत्ती का काम करने वाले खूबचंद लालवानी उर्फ बंटी को पकड़ा गया था. इसके बाद जब उसके लैपटॉप की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि वह 2013 से ही इस गोरखधंधे में सक्रिय है. वह अकेला ही अब तक देशभर के 100 से ज्यादा शहरों में 4 हजार 125 करोड़ रुपये हवाला के जरिए इधर से उधर कर चुका है.


खास बात ये है कि हवाला के लिए कई बार उसने डुमना एयरपोर्ट से फ्लाइट का भी सहारा लिया. इससे पहले भी तीन कारोबारियों द्वारा 2 हजार 120 करोड़ रुपए देश के अलग-अलग शहरों में भेजने का खुलासा हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक आईटी इन्वेस्टिगेशन विंग के अधिकारियों ने खूबचंद लालवानी की डायरी और लैपटॉप की जांच की तो उसमें हवाले के पैसे पहुंचाने वालों के नाम और अन्य जानकारियां भी मिली हैं. जांच में पता चला कि खूबचंद हर माह 1 हजार से ज्यादा लोगों को हवाला का पैसा पहुंचाता था. वह शहर में हवाला का पैसा पहुंचाने के लिए आमतौर पर पुराने दो पहिया वाहनों का उपयोग करता था, जिससे किसी का ध्यान उस पर नहीं जाता था.

जबलपुर


सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग की जांच में अभी तक यह खुलासा हुआ है कि जबलपुर से प्रदेशभर में हवाला का सिंडिकेट ऑपरेट किया जा रहा है. कुछ दिन पहले गाडरवाड़ा से जीआरपी ने 46 लाख रुपए जब्त किए थे. महज 1 घंटे के भीतर ही यह खबर प्रदेश भर के हवाला कारोबारियों के पास पहुंच गई और उन्होंने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया. आईटी एक्सपर्ट ने जब जांच की तो पता चला कि गाडरवाड़ा की घटना के बाद जबलपुर से हवाला के कारोबार को रोकने के लिए कहा गया है.


कुछ दिन पहले भी जबलपुर से हवाला के डेढ़ करोड़ रुपये ट्रेन से खंडवा जाने थे, जिसकी जिम्मेदारी दो व्यक्तियों को दी गई थी, लेकिन वह पैसे व्यापारी तक पहुंचे ही नहीं. जानकारी ली तो पता चला कि जिन्हें रुपये पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी वह खंडवा तो पहुंचे, लेकिन उन्होंने बताया कि रुपये जीआरपी ने ट्रेन में जब्त कर लिए हैं. जबलपुर जिला निर्वाचन अधिकारी छवि भारद्वाज भी मान रही हैं कि जबलपुर हवाला की मंडी बन गई है. अभी तक जांच में हजारों करोड़ रुपये हवाला के जरिए इधर से उधर पहुंचाने का खुलासा हुआ है. इनमें 4 हजार 124 करोड़ रुपये खूबचंद लालवानी,1 हजार 800 करोड़ रुपये पंजू गोस्वामी, 250 करोड़ रुपये अतुल खत्री और 70 करोड़ रुपयों का दावित पंजवानी के यहां हिसाब मिला है.

जबलपुर। प्रदेश की संस्कारधानी हवाला कारोबार का गढ़ बन गई है. यहां से हवाला के जरिए देशभर में करोड़ों रुपए पहुंचाए जा चुके हैं. शहर में पिछले 6 महीने में 6 हजार 245 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का खुलासा हुआ है. शहर के चार अलग-अलग हवाला कारोबारियों के पास से नगद के साथ-साथ भारी भरकम रकम का रिकॉर्ड भी जब्त किया गया है. जबलपुर आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने छापेमारी और जांच के दौरान चार हवाला कारोबारियों को पकड़कर पूछताछ की तो हवाला के गोरखधंधे का खुलासा हुआ है.


सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन टीम ने जांच के दौरान चार हवाला कारोबारियों के लैपटॉप और दस्तावेजों को भी खंगाला है. हाल के दिनों में शहर में अगरबत्ती का काम करने वाले खूबचंद लालवानी उर्फ बंटी को पकड़ा गया था. इसके बाद जब उसके लैपटॉप की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि वह 2013 से ही इस गोरखधंधे में सक्रिय है. वह अकेला ही अब तक देशभर के 100 से ज्यादा शहरों में 4 हजार 125 करोड़ रुपये हवाला के जरिए इधर से उधर कर चुका है.


खास बात ये है कि हवाला के लिए कई बार उसने डुमना एयरपोर्ट से फ्लाइट का भी सहारा लिया. इससे पहले भी तीन कारोबारियों द्वारा 2 हजार 120 करोड़ रुपए देश के अलग-अलग शहरों में भेजने का खुलासा हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक आईटी इन्वेस्टिगेशन विंग के अधिकारियों ने खूबचंद लालवानी की डायरी और लैपटॉप की जांच की तो उसमें हवाले के पैसे पहुंचाने वालों के नाम और अन्य जानकारियां भी मिली हैं. जांच में पता चला कि खूबचंद हर माह 1 हजार से ज्यादा लोगों को हवाला का पैसा पहुंचाता था. वह शहर में हवाला का पैसा पहुंचाने के लिए आमतौर पर पुराने दो पहिया वाहनों का उपयोग करता था, जिससे किसी का ध्यान उस पर नहीं जाता था.

जबलपुर


सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग की जांच में अभी तक यह खुलासा हुआ है कि जबलपुर से प्रदेशभर में हवाला का सिंडिकेट ऑपरेट किया जा रहा है. कुछ दिन पहले गाडरवाड़ा से जीआरपी ने 46 लाख रुपए जब्त किए थे. महज 1 घंटे के भीतर ही यह खबर प्रदेश भर के हवाला कारोबारियों के पास पहुंच गई और उन्होंने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया. आईटी एक्सपर्ट ने जब जांच की तो पता चला कि गाडरवाड़ा की घटना के बाद जबलपुर से हवाला के कारोबार को रोकने के लिए कहा गया है.


कुछ दिन पहले भी जबलपुर से हवाला के डेढ़ करोड़ रुपये ट्रेन से खंडवा जाने थे, जिसकी जिम्मेदारी दो व्यक्तियों को दी गई थी, लेकिन वह पैसे व्यापारी तक पहुंचे ही नहीं. जानकारी ली तो पता चला कि जिन्हें रुपये पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी वह खंडवा तो पहुंचे, लेकिन उन्होंने बताया कि रुपये जीआरपी ने ट्रेन में जब्त कर लिए हैं. जबलपुर जिला निर्वाचन अधिकारी छवि भारद्वाज भी मान रही हैं कि जबलपुर हवाला की मंडी बन गई है. अभी तक जांच में हजारों करोड़ रुपये हवाला के जरिए इधर से उधर पहुंचाने का खुलासा हुआ है. इनमें 4 हजार 124 करोड़ रुपये खूबचंद लालवानी,1 हजार 800 करोड़ रुपये पंजू गोस्वामी, 250 करोड़ रुपये अतुल खत्री और 70 करोड़ रुपयों का दावित पंजवानी के यहां हिसाब मिला है.

Intro:जबलपुर
संस्कारधानी जबलपुर शहर हवाला कारोबार का गढ़ बन गया है। जबलपुर से हवाला के जरिए देशभर में करोड़ों रुपए पहुचाए जा चुके हैं।शहर में हवाला का कारोबार कितने बड़े स्तर पर चल रहा है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 6 महीने में 6 हजार 245 करोड रुपए के हवाला कारोबार का खुलासा हुआ है। शहर के चार अलग-अलग हवाला कारोबारियों के पास से नगद के साथ साथ भारी भरकम रकम का रिकॉर्ड भी जप्त किया गया है।जबलपुर आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने छापेमारी और जांच के दौरान चार हवाला कारोबारियों को पकड़कर पूछताछ की तो हवाला के गोरखधंधे का खुलासा हुआ।


Body:सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन टीम ने जांच के दौरान चार हवाला कारोबारियों के लैपटॉप और दस्तावेजों को भी खंगाला।हाल के दिनों में शहर में अगरबत्ती का काम करने वाले खूबचंद लालवानी उर्फ बंटी को पकड़ा गया उसके लैपटॉप की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि वह 2013 से ही इस गोरखधंधे में सक्रिय है।वह अकेला ही अब तक देशभर के 100 से ज्यादा शहरों में 4125 करोड रुपए हवाला के जरिए इधर से उधर कर चुका है।खास बात यह है कि हवाला के लिए कई बार उसने डुमना एयरपोर्ट से फ्लाइट का भी सहारा लिया।इससे पहले भी तीन कारोबारियों के द्वारा 2120 करोड़ रुपए देश के अलग-अलग शहरों में भेजने का खुलासा हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक आईटी इन्वेस्टिगेशन विंग के अधिकारियों ने खूबचंद लालवानी की डायरी और लैपटॉप की जांच की तो उसमें हवाले के पैसे पहुंचाने वालों के नाम और अन्य जानकारियां मिली। जांच में पता चला कि खूबचंद हर माह 1000 से ज्यादा लोगों को हवाला का पैसा पहुंचाता था।वह शहर में हवाला का पैसा पहुंचाने के लिए आमतौर पर पुरानी टू व्हीलर वाहनों का उपयोग करता था जिससे किसी का ध्यान उस पर नहीं जाता था।


Conclusion:सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग की जांच में अभी तक यह खुलासा हुआ है कि जबलपुर से प्रदेशभर में हवाला का सिंडिकेट ऑपरेट किया जा रहा है।कुछ दिन पहले गाडरवारा से जीआरपी ने 46 लाख रुपए जब किए थे महज 1 घंटे के भीतर ही यह खबर प्रदेश भर के हवाला कारोबारियों के पास पहुंच गई और उन्होंने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया। आईटी एक्सपर्ट ने जब जांच की तो पता चला कि गाडरवारा की घटना के बाद जबलपुर से हवाला के कारोबार को रोकने के लिए कहा गया है।कुछ दिन पहले भी जबलपुर से हवाला के डेढ़ करोड़ रुपए ट्रेन से खंडवा जाने थे इसकी जिम्मेदारी दो व्यक्तियों को दी गई लेकिन वह पैसे व्यापारी तक पहुंचे ही नहीं।जानकारी ली तो पता चला कि जिन्हें पैसे पहचाने की जिम्मेदारी दी गई थी वह खंडवा तो पहुंचे लेकिन उन्होंने हवाले के पैसे देने की वजह व्यापारी को बताया कि पैसे जीआरपी ने ट्रेन में जप्त कर लिए हैं।जबलपुर जिला निर्वाचन अधिकारी छवि भारद्वाज भी मान रही है कि जबलपुर हवाला की मंडी बन गई है और अभी तक जांच में हजारों करोड़ रुपए हवाला के जरिए इधर से उधर पहुंचाने का खुलासा हुआ है।
बाईट.1-छवि भारद्वाज.....जिला निर्वाचन अधिकारी,जबलपुर

अभी तक इन लोगों के पास से मिला है हवाला का हिसाब किताब
4124 करोड़ रु.....खूबचंद लालवानी
1800 करोड़ रु.....पंजू गोस्वामी
250 करोड़ रु......अतुल खत्री
70 करोड़ रु दावित पंजवानी
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