ETV Bharat / state

अफसरों के व्यवहार से दुखी डॉक्टर: 2 ने दिया इस्तीफा, कहा-गलत व्यवहार से ना तोड़ें मनोबल - इंदौर कलेक्टर

कोरोना काल में डॉ. अपनी जान दांव पर लगाकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इस संकट के समय में उनके सामने एक और बड़ा संकट प्रशासनिक अधिकारियों के अमर्यादित व्यवहार का है. प्रशासनिक अधिकारियों के व्यवहार से दुखी होकर एक के बाद एक डॉ. अपना इस्तीफा भेज रहे हैं. ताजा मामला जिला स्वास्थ्य अधिकारी का है.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी
जिला स्वास्थ्य अधिकारी
author img

By

Published : May 5, 2021, 11:23 PM IST

Updated : May 6, 2021, 9:08 AM IST

इंदौर। कोरोना काल में संसाधनों और सुरक्षा के अभाव के बावजूद भी डॉक्टर मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं, वहीं, दूसरी ओर डॉक्टर प्रशासनिक अधिकारियों के अमर्यादित व्यवहार से भी दुखी हैं. यही वजह है कि इंदौर की जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कलेक्टर की प्रताड़ना से दुखी होकर इस्तीफा दे दिया. इंदौर में यह दूसरा मामला है जब कलेक्टर मनीष सिंह के हाथों लगातार दूसरी बार डॉक्टर को इस्तीफा तक देने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इसके अलावा एक अन्य डॉक्टर ने भी एसडीएम के व्यवहार से दुखी होकर जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को अपना इस्तीफा भेजा है.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी
District Health Officer

कलेक्टर मनीष सिंह का अमानवीय व्यवहार

दरअसल, आज बैठक के दौरान कलेक्टर मनीष सिंह ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पूर्णिमा गडरिया को इंदौर के स्थान पर खुडैल में जाकर व्यवस्थाएं संभालने के निर्देश दिए थे. बैठक के दौरान ही मनीष सिंह के निर्देश पर डॉक्टर गडरिया ने खुडैल जाने को लेकर सहमति दी. इसके बावजूद कलेक्टर मनीष सिंह ने यह कहते हुए डॉक्टर को डांटना शुरू कर दिया कि वह कोई काम नहीं कर रही हैं. इतना ही नहीं कलेक्टर ने यहां तक कह दिया कि वह फ्री का वेतन ले रही हैं.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी

कलेक्टर ने दी सस्पेंड करने की धमकी

कलेक्टर यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा की आपने काम नहीं किया, तो आप को सस्पेंड कर दूंगा. आप इंदौर में काम करने के लायक नहीं हो. इस बात से दुखी होकर डॉ. गडरिया ने तत्काल अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया और उन्होंने इस्तीफा टाइप करा कर आयुक्त स्वास्थ्य सेवाओं को भेज दिया. देखते ही देखते डॉक्टर गडरिया का इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.


डॉ प्रवीण जरिया के साथ भी किया गलत व्यवहार

हालांकि, शाम तक इस मामले में कलेक्टर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. गौरतलब है कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा पूर्व में भी इंदौर के सीएमएचओ रहे डॉ प्रवीण जरिया के साथ भी इसी तरह की भाषा शैली का उपयोग किया था, जिसके बाद कलेक्ट्रेट में ही उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. अब फिर एक महिला स्वास्थ्य अधिकारी की कोरोना काल में उनकी सेवाओं को लेकर सवाल उठाए गए तो, उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. डॉक्टर गडरिया के इस्तीफे के बाद इंदौर समेत प्रदेश के तमाम डॉक्टरों में घटना की तीखी प्रतिक्रिया है. डॉक्टरों का आरोप है कि भीषण महामारी में वह पूरी ताकत से जुटे हैं, लेकिन फिर भी ड्यूटी के नाम पर अधिकारी उनका मनोबल तोड़ने में जुटे हैं.


डॉ. आरएस तोमर ने भी परेशान होकर दिया इस्तीफा

इंदौर में जिला स्वास्थ्य अधिकारी के इस्तीफे के साथ ही जिले के एक अन्य डॉक्टर आरएस तोमर ने भी अपना इस्तीफा सीएमएचओ कार्यालय भेजा है. उन्होंने अपने इस्तीफे में बताया है कि वह स्थानीय एसडीएम अभिलाष मिश्रा के व्यवहार से काफी दुखी हैं. एसडीएम द्वारा उन्हें लगातार अपमानित कर गंदी शब्दावली का उपयोग किया जा रहा है. जिसके चलते अब आगे काम करना मुश्किल हो चुका है, लिहाजा उन्होंने दुख साझा करते हुए इस्तीफा सीएमएचओ कार्यालय भेजा है.

कांग्रेसियों ने किया इस्तीफा वापस लेने का आग्रह

डॉक्टर गडरिया के इस्तीफे की जानकारी वायरल होने पर प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, विधायक विशाल पटेल और इंदौर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल एक साथ स्वास्थ्य विभाग के एमटीएच कंपाउंड स्थित कार्यालय में डॉक्टर गडरिया से मिलने के लिए पहुंचे. कांग्रेस नेताओं ने जब इस महिला अधिकारी से इस्तीफा देने का कारण पूछा, तो अधिकारी ने बताया कि लगातार कलेक्टर के द्वारा गंदा व्यवहार किया जा रहा है. मीटिंग में और सार्वजनिक रूप से गंदी शब्दावली का इस्तेमाल किया जाता है.


दुख सुनाते-सुनाते रो पड़ीं अधिकारी

उन्होंने कहा, 'मैं प्रथम श्रेणी की अधिकारी हूं. मेरे द्वारा सीएमएचओ के रूप में कोरोना काल में बहुत ज्यादा काम किया गया है. इसके बाद भी कलेक्टर के द्वारा अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. अपने साथ किए जा रहे व्यवहार के किस्से सुनाते हुए उक्त महिला अधिकारी रो पड़ी. महिला अधिकारी से मुलाकात के पश्चात कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा, 'प्रदेश में इस समय मुख्यमंत्री के पसंदीदा गिने-चुने अधिकारियों की सरकार चल रही है. इन अधिकारियों की मनमानी सिर चढ़कर बोल रही है. मुख्यमंत्री को अपनी सरकार के कार्यकाल में हो रहे इस गंदे व्यवहार की जवाबदारी लेनी चाहिए.'

इंदौर। कोरोना काल में संसाधनों और सुरक्षा के अभाव के बावजूद भी डॉक्टर मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं, वहीं, दूसरी ओर डॉक्टर प्रशासनिक अधिकारियों के अमर्यादित व्यवहार से भी दुखी हैं. यही वजह है कि इंदौर की जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कलेक्टर की प्रताड़ना से दुखी होकर इस्तीफा दे दिया. इंदौर में यह दूसरा मामला है जब कलेक्टर मनीष सिंह के हाथों लगातार दूसरी बार डॉक्टर को इस्तीफा तक देने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इसके अलावा एक अन्य डॉक्टर ने भी एसडीएम के व्यवहार से दुखी होकर जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को अपना इस्तीफा भेजा है.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी
District Health Officer

कलेक्टर मनीष सिंह का अमानवीय व्यवहार

दरअसल, आज बैठक के दौरान कलेक्टर मनीष सिंह ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पूर्णिमा गडरिया को इंदौर के स्थान पर खुडैल में जाकर व्यवस्थाएं संभालने के निर्देश दिए थे. बैठक के दौरान ही मनीष सिंह के निर्देश पर डॉक्टर गडरिया ने खुडैल जाने को लेकर सहमति दी. इसके बावजूद कलेक्टर मनीष सिंह ने यह कहते हुए डॉक्टर को डांटना शुरू कर दिया कि वह कोई काम नहीं कर रही हैं. इतना ही नहीं कलेक्टर ने यहां तक कह दिया कि वह फ्री का वेतन ले रही हैं.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी

कलेक्टर ने दी सस्पेंड करने की धमकी

कलेक्टर यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा की आपने काम नहीं किया, तो आप को सस्पेंड कर दूंगा. आप इंदौर में काम करने के लायक नहीं हो. इस बात से दुखी होकर डॉ. गडरिया ने तत्काल अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया और उन्होंने इस्तीफा टाइप करा कर आयुक्त स्वास्थ्य सेवाओं को भेज दिया. देखते ही देखते डॉक्टर गडरिया का इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.


डॉ प्रवीण जरिया के साथ भी किया गलत व्यवहार

हालांकि, शाम तक इस मामले में कलेक्टर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. गौरतलब है कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा पूर्व में भी इंदौर के सीएमएचओ रहे डॉ प्रवीण जरिया के साथ भी इसी तरह की भाषा शैली का उपयोग किया था, जिसके बाद कलेक्ट्रेट में ही उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. अब फिर एक महिला स्वास्थ्य अधिकारी की कोरोना काल में उनकी सेवाओं को लेकर सवाल उठाए गए तो, उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. डॉक्टर गडरिया के इस्तीफे के बाद इंदौर समेत प्रदेश के तमाम डॉक्टरों में घटना की तीखी प्रतिक्रिया है. डॉक्टरों का आरोप है कि भीषण महामारी में वह पूरी ताकत से जुटे हैं, लेकिन फिर भी ड्यूटी के नाम पर अधिकारी उनका मनोबल तोड़ने में जुटे हैं.


डॉ. आरएस तोमर ने भी परेशान होकर दिया इस्तीफा

इंदौर में जिला स्वास्थ्य अधिकारी के इस्तीफे के साथ ही जिले के एक अन्य डॉक्टर आरएस तोमर ने भी अपना इस्तीफा सीएमएचओ कार्यालय भेजा है. उन्होंने अपने इस्तीफे में बताया है कि वह स्थानीय एसडीएम अभिलाष मिश्रा के व्यवहार से काफी दुखी हैं. एसडीएम द्वारा उन्हें लगातार अपमानित कर गंदी शब्दावली का उपयोग किया जा रहा है. जिसके चलते अब आगे काम करना मुश्किल हो चुका है, लिहाजा उन्होंने दुख साझा करते हुए इस्तीफा सीएमएचओ कार्यालय भेजा है.

कांग्रेसियों ने किया इस्तीफा वापस लेने का आग्रह

डॉक्टर गडरिया के इस्तीफे की जानकारी वायरल होने पर प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, विधायक विशाल पटेल और इंदौर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल एक साथ स्वास्थ्य विभाग के एमटीएच कंपाउंड स्थित कार्यालय में डॉक्टर गडरिया से मिलने के लिए पहुंचे. कांग्रेस नेताओं ने जब इस महिला अधिकारी से इस्तीफा देने का कारण पूछा, तो अधिकारी ने बताया कि लगातार कलेक्टर के द्वारा गंदा व्यवहार किया जा रहा है. मीटिंग में और सार्वजनिक रूप से गंदी शब्दावली का इस्तेमाल किया जाता है.


दुख सुनाते-सुनाते रो पड़ीं अधिकारी

उन्होंने कहा, 'मैं प्रथम श्रेणी की अधिकारी हूं. मेरे द्वारा सीएमएचओ के रूप में कोरोना काल में बहुत ज्यादा काम किया गया है. इसके बाद भी कलेक्टर के द्वारा अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. अपने साथ किए जा रहे व्यवहार के किस्से सुनाते हुए उक्त महिला अधिकारी रो पड़ी. महिला अधिकारी से मुलाकात के पश्चात कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा, 'प्रदेश में इस समय मुख्यमंत्री के पसंदीदा गिने-चुने अधिकारियों की सरकार चल रही है. इन अधिकारियों की मनमानी सिर चढ़कर बोल रही है. मुख्यमंत्री को अपनी सरकार के कार्यकाल में हो रहे इस गंदे व्यवहार की जवाबदारी लेनी चाहिए.'

Last Updated : May 6, 2021, 9:08 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.