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इंदौर से ताई के उम्मीदवारी पर लटकी तलवार, टिकट न मिलने पर PM मोदी के चुनाव लड़ने की जताई इच्छा - इंदौर

इंदौर लोकसभा सीट से आठ बार चुनाव जीतने के बाद सुमित्रा महाजन की जीत रिकॉर्ड के रूप में देखी जा रही है. वहीं 75 साल उम्र होने के बाद ताई के टिकट पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं ताई ने पीएम मोदी को इंदौर से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है.

सुमित्रा महाजन
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Published : Mar 28, 2019, 10:44 PM IST

इंदौर। लोकसभा चुनाव के लिए जहां कई प्रत्याशी टिकट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. वहीं प्रदेश में इंदौर एक ऐसी लोकसभा सीट है जहां पिछले 8 बार से लगातार चुनाव में एक ही महिला का वर्चस्व रहा है. देश के लोकसभा चुनाव के इतिहास में महिला प्रतिनिधित्व के लिहाज से सुमित्रा महाजन की लगातार जीत को अब रिकॉर्ड के रूप में देखी जा रहा है. वहीं 75 पार के फार्मूले के चलते सुमित्रा महाजन के टिकट पर तलवार लटकती नजर आ रही है.


इंदौर लोकसभा सीट से 1984 में हुए चुनाव में प्रकाश चंद्र सेठी यहां से कांग्रेस के सांसद चुने गए थे. जिन्होंने बीजेपी के राजेंद्र धारकर को हराया था. इस चुनाव के बाद 1989 में जब आम चुनाव हुए तो प्रकाश चंद्र सेठी को बीजेपी की सुमित्रा महाजन ने एक लाख ग्यारह हजार 614 वोटों से हराया था. इसके बाद 1991 में सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के ललित जैन, 1996 में मधुकर वर्मा, 1998 में पंकज संघवी, 1999 में महेश जोशी, 2004 में रामेश्वर पटेल, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को हराया था.

सांसद सुमित्रा महाजन


मराठी भाषी महिलाओं का रहा खास योगदान
लिहाजा 1989 से सुमित्रा महाजन इंदौर की सांसद रहते हुए लोक सभा स्पीकर रहीं हैं. बता दें प्रदेश में वह पहली सांसद हैं, जिन्हें एक ही सीट से 8 बार लोकसभा चुनाव का प्रतिनिधित्व किया. सुमित्रा महाजन को लगातार चुनाव जीतने का लाभ इसलिए भी मिला क्योंकि वह एक महिला हैं और इन नाते इंदौर जिले की महिला मतदाताओं का उन्हें लगातार समर्थन रहा है. उनकी जीत में इंदौर की मराठी भाषी महिलाओं का भी खासा योगदान रहा है.


PM मोदी लड़े इंदौर से चुनाव
इस बार हालांकि 75 पार के फार्मूले के कारण सुमित्रा महाजन की टिकट पर तलवार लटकती नजर आ रही है. जिसके बाद पार्टी में फिर यहां से महिला प्रत्याशी को भी विकल्प के रूप में तलाशा जा रहा है. जिसमें संभावित तौर पर महापौर मालिनी गौड़ और विधायक उषा ठाकुर को भी महिला होने का लाभ मिल सकता है. हालांकि इस सीट पर फिलहाल बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला का भी नाम चर्चाओं में है. हालांकि खुद ताई चाहती हैं कि अगर उन्हें इस बार पार्टी टिकट नहीं देती है तो उनकी जगह पर इंदौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चुनाव लड़े.

इंदौर। लोकसभा चुनाव के लिए जहां कई प्रत्याशी टिकट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. वहीं प्रदेश में इंदौर एक ऐसी लोकसभा सीट है जहां पिछले 8 बार से लगातार चुनाव में एक ही महिला का वर्चस्व रहा है. देश के लोकसभा चुनाव के इतिहास में महिला प्रतिनिधित्व के लिहाज से सुमित्रा महाजन की लगातार जीत को अब रिकॉर्ड के रूप में देखी जा रहा है. वहीं 75 पार के फार्मूले के चलते सुमित्रा महाजन के टिकट पर तलवार लटकती नजर आ रही है.


इंदौर लोकसभा सीट से 1984 में हुए चुनाव में प्रकाश चंद्र सेठी यहां से कांग्रेस के सांसद चुने गए थे. जिन्होंने बीजेपी के राजेंद्र धारकर को हराया था. इस चुनाव के बाद 1989 में जब आम चुनाव हुए तो प्रकाश चंद्र सेठी को बीजेपी की सुमित्रा महाजन ने एक लाख ग्यारह हजार 614 वोटों से हराया था. इसके बाद 1991 में सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के ललित जैन, 1996 में मधुकर वर्मा, 1998 में पंकज संघवी, 1999 में महेश जोशी, 2004 में रामेश्वर पटेल, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को हराया था.

सांसद सुमित्रा महाजन


मराठी भाषी महिलाओं का रहा खास योगदान
लिहाजा 1989 से सुमित्रा महाजन इंदौर की सांसद रहते हुए लोक सभा स्पीकर रहीं हैं. बता दें प्रदेश में वह पहली सांसद हैं, जिन्हें एक ही सीट से 8 बार लोकसभा चुनाव का प्रतिनिधित्व किया. सुमित्रा महाजन को लगातार चुनाव जीतने का लाभ इसलिए भी मिला क्योंकि वह एक महिला हैं और इन नाते इंदौर जिले की महिला मतदाताओं का उन्हें लगातार समर्थन रहा है. उनकी जीत में इंदौर की मराठी भाषी महिलाओं का भी खासा योगदान रहा है.


PM मोदी लड़े इंदौर से चुनाव
इस बार हालांकि 75 पार के फार्मूले के कारण सुमित्रा महाजन की टिकट पर तलवार लटकती नजर आ रही है. जिसके बाद पार्टी में फिर यहां से महिला प्रत्याशी को भी विकल्प के रूप में तलाशा जा रहा है. जिसमें संभावित तौर पर महापौर मालिनी गौड़ और विधायक उषा ठाकुर को भी महिला होने का लाभ मिल सकता है. हालांकि इस सीट पर फिलहाल बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला का भी नाम चर्चाओं में है. हालांकि खुद ताई चाहती हैं कि अगर उन्हें इस बार पार्टी टिकट नहीं देती है तो उनकी जगह पर इंदौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चुनाव लड़े.

Intro: देशभर में जहां महिला मतदाताओं का मत प्रतिशत बढ़ाने को लेकर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं वहीं इंदौर एक ऐसी लोकसभा सीट है जहां बीते 8 लोकसभा चुनाव में लगातार एक ही महिला चुनाव जीते चली आ रही है देश के लोकसभा चुनाव के इतिहास में महिला प्रतिनिधित्व के लिहाज से सुमित्रा महाजन की लगातार जीत को अब रिकॉर्ड के रूप में देखा जा रहा है


Body:इंदौर लोकसभा सीट से 1984 में हुए चुनाव में प्रकाश चंद्र सेठी यहां से कांग्रेस के सांसद थे जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राजेंद्र धारकर को हराया था इस चुनाव के बाद 1989 में जब आम चुनाव हुए तो प्रकाश चंद्र सेठी को भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सुमित्रा महाजन ने एक लाख 11, 614 वोटों से हराया था इसके बाद 1991 में सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के ललित जैन 1996 में कांग्रेस के मधुकर वर्मा 1998 में कांग्रेश के पंकज संघवी 1999 में कांग्रेस के महेश जोशी 2004 में कांग्रेश के रामेश्वर पटेल 2009 में कांग्रेस के ही सत्यनारायण पटेल 2014 में फिर कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को हराया था लिहाजा 1989 से सुमित्रा महाजन इंदौर की सांसद रहते हुए लोक सभा स्पीकर रहे हैं मध्यप्रदेश में वह पहली सांसद हैं जिन्हें एक ही सीट से 8 बार लोकसभा चुनाव का प्रतिनिधित्व करने का मौका इंदौर की जनता ने और लाखों मतदाताओं ने दिया है सुमित्रा महाजन को लगातार चुनाव में जीतने का लाभ इसलिए भी मिला क्योंकि वह एक महिला है और महिला होने के नाते इंदौर जिले की महिला मतदाताओं का उन्हें लगातार समर्थन रहा है उनकी जीत में इंदौर की मराठी भाषी महिलाओं का भी खासा योगदान रहा है इस बार हालांकि 75 पार के फार्मूले के कारण सुमित्रा महाजन की टिकट पर तलवार लटक रही है तो पार्टी में फिर यहां से महिला प्रत्याशी को भी विकल्प के रूप में तलाशा जा रहा है जिसमें संभावित तौर पर महापौर मालिनी गौड़ और विधायक उषा ठाकुर को भी महिला होने का लाभ मिल सकता है हालांकि इस सीट पर फिलहाल भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला का भी नाम चर्चाओं में है हालांकि खुद सुमित्रा महाजन चाहती हैं कि यदि उन्हें इस बार पार्टी टिकट नहीं देती है तो उनके स्थान पर इंदौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चुनाव लड़े


Conclusion:बाइट प्रतुल सिन्हा उप जिला निर्वाचन अधिकारी इंदौर
बाइट नवनीत शुक्ला वरिष्ठ पत्रकार एवं चुनाव विश्लेषक इंदौर
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